सुनील गावस्कर
भारत | |||
पूरा नाम | सुनील मनोहर गावस्कर | ||
जन्म | |||
बल्लेबाज़ी का तरीक़ा | {{{बल्लेबाज़ी का तरीक़ा}}} | ||
गेंदबाज़ी का तरीक़ा | {{{गेंदबाज़ी का तरीक़ा}}} | ||
टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट | ||
मुक़ाबले | 125 | 108 | |
बनाये गये रन | 10122 | 3092 | |
बल्लेबाज़ी औसत | 51.12 | 35.13 | |
100/50 | 34/45 | 1/27 | |
सर्वोच्च स्कोर | 236* | 103* | |
फेंकी गई गेंदें | 380 | 20 | |
विकेट | 1 | 1 | |
गेंदबाज़ी औसत | 206.00 | 25.00 | |
पारी में 5 विकेट | 0 | 0 | |
मुक़ाबले में 10 विकेट | 0 | नहीं है | |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 1/34 | 1/10 | |
कैच/स्टम्पिंग | 108/0 | 22/0 | |
सुनील गावस्कर भारत के क्रिकेट के पूर्व-खिलाड़ी हैं।[१] सुनील गावस्कर वर्तमान युग में क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। इन्होंने बल्लेबाजी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। इनका जन्म 10 जुलाई 1949 को मुम्बई (महाराष्ट्र) में हुआ था।[१] गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में केवल छह बल्लेबाजों में से एक थे, जिनका बल्लेबाजी औसत 50 से अधिक था, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला था,[२] और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद से उनका बल्लेबाजी औसत 50 से नीचे कभी नहीं गिरा।[३][४]
व्यक्तिगत जीवन
उनकी पत्नी का नाम मार्शनील है। इनके पुत्र रोहन गावस्कर भी भारतीय क्रिकेट टीम में खेल चुके हैं।
बल्लेबाज़ी कीर्तिमान
इन्होंने बल्लेबाज़ी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। गावस्कर ने (अपने समय काल में) विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हज़ार रन, सर्वाधिक शतक (34), सर्वाधिक रन (नौ हज़ार से अधिक), सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। 'सनी' गावस्कर की हर पारी एवं रन ऐतिहासिक होते हैं। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं, जिनमें 'एशिया कप' एवं 'बेसन एंण्ड हेजेस विश्वकप' (BENSON & HAZES WORLD CUP) प्रमुख है। 'क्रिकेट के आभूषण' कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैचों का कीर्तिमान भी इंग्लैंड में बना चुके हैं। 1986 में उनके खेल जीवन का उत्तरार्द्ध होने के बाद भी उनके खेल में और निखार आया। अपने कॉलेज की ओर से क्रिकेट खेलते समय भी वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे। 1971 में उन्हें टैस्ट टीम के वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया था। सनी को विश्व का सर्वोपरी खिलाड़ी माना जाता है।
पुरस्कार
इन्हें १९८० में भारत सरकार द्वारा खेल जगत के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। भारत में सुनील गावस्कर को 1975 में 'अर्जुन पुरस्कार' प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त कई देशों में उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 1980 में ही वे 'विस्डेन' भी प्राप्त कर चुके हैं।
महत्त्वपूर्ण पुस्तकें
गावस्कर ने क्रिकेट से सम्बन्धित कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं। जिनमें सनी डेज, आइडल्स, रंस एण्ड रूइंस तथा वन डे वंडर्स काफ़ी लोकप्रिय हुई हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी सुनील गावस्कर एक फ़िल्म में भी अभिनय कर चुके हैं।
इन्हें भी देखें
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