शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली
शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय | |
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शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली | |
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स्थापित | ३० नवंबर, १९६५[१] |
स्थान | बहादुरशाह ज़फर मार्ग, नई दिल्ली, भारत |
प्रकार | बाल संग्रहालय |
संग्रह आकार | ६५००[१][२] |
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग |
मेट्रो-ब्लू लाइन→प्रगति मैदान उपनगरीय रेल→तिलक ब्रिज बस सेवा→आई.टी.ओ |
वेबसाइट | www.childrensbooktrust.com |
शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय नई दिल्ली में स्थित है। इस संग्रहालय की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट के शंकर पिल्लई-(१९०२-१९८९) ने की थी। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुड़ियों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। यह संग्रहालय बहादुर शाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट के भवन में स्थित है। इस गुड़िया घर के निर्माण के पीछे एक रोचक घटना है। जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे तो देश के प्रसिद्ध कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै उनके साथ जाने वाले पत्रकारों के दल के सदस्य थे। वे हर विदेश यात्रा में नेहरू जी के साथ जाया करते थे। कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै की रुचि गुड़ियों में थी। वे प्रत्येक देश की तरह-तरह की गुड़ियाँ एकत्र किया करते थे। धीरे-धीरे उनके पास ५०० तरह की गुड़ियाँ इकट्ठी हो गईं। वे चाहते थे कि इन गुड़ियों को देश भर के बच्चे देखें। उन्होंने जगह-जगह अपने कार्टूनों की प्रदर्शनी के साथ-साथ इन गुड़ियों की भी प्रदर्शनी लगाई। बार-बार गुड़ियों को लाने ले जाने में कई गुड़ियाँ टूट फूट जाती थीं। एक बार पं० नेहरू अपनी बेटी इन्दिरा गाँधी के साथ प्रदर्शनी देखने गए। गुड़ियों को देखकर वे बहुत खुश हुए। उसी समय शंकर ने गुड़ियों को लाने ले जाने में होने वाली परेशानी की ओर नेहरू जी का ध्यान खींचा। चाचा नेहरू ने गुड़ियों के लिए एक स्थाई घर का सुझाव दिया।
दिल्ली में जब चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट के भवन का निर्माण हुआ तो उसके एक भाग में गुड़ियों के लिए उनका घर बनाया गया। इस तरह दुनिया भर की गुड़ियों को रहने के लिए एक अनोखा घर मिल गया। दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग पर बने इस संग्रहालय का नाम "गुड़िया घर" है। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। ५१८४.५ वर्ग फुट आकार वाले इस संग्रहालय में १००० फीट की लम्बाई में दीवारों पर १६० से अधिक काँच के केस बने हुए हैं।[३] यह संग्रहालय दो हिस्सों में बँटा है। एक हिस्से में यूरोपियन देशों, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, राष्ट्र मंडल देशों की गुडि़याँ रखी गई हैं। दूसरे भाग में एशियाई देशों, मध्यपूर्व, अफ्रीका और भारत की गुडि़याँ प्रदर्शित की गई हैं। इन गुड़ियों को खूब सजाकर रखा गया है। इस गुड़िया घर का प्रारम्भ १००० गुड़ियों से हुआ था। वर्तमान समय में यहाँ ८५ देशों की करीब ६५०० गुडि़यों का संग्रह देखा जा सकता है।[४]
यह संग्रहालय सुबह १० बजे से शाम ६ बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है। प्रवेश शुल्क बड़ों के लिए १५ रुपए प्रति व्यक्ति तथा बच्चों के लिए ५ रुपए है। बच्चे यदि २० के समूह में गुड़िया घर देखने आयें तो प्रति बच्चे के लिए टिकिट का मूल्य मात्र ३ रुपए है। सोमवार को गुड़िया घर बंद रहता है।
सन्दर्भ
- ↑ अ आ शंकर्स डॉल म्यूज़ियम स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, अभिगमन तिथि:१ सितंबर, २००९
- ↑ चिल्ड्रंस बुक ट्रस्ट- शंकर्स डॉल म्यूज़ियम स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, अभिगमन तिथि:१ सितंबर, २००९
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite book