सोलापुर रेलवे स्टेशन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित १७:२७, २५ सितंबर २०२० का अवतरण (Rescuing 3 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.7)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
साँचा:template other
सोलापुर रेलवे स्टेशन
भारतीय रेलवे स्टेशन
Solapur railway station.JPG
स्टेशन का प्रवेशद्वार
स्टेशन आंकड़े
पता साँचा:br separated entries
निर्देशांक स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
ऊँचाई साँचा:convert
लाइनें मुंबई-चेन्नई रेलमार्ग
मुंबई दादर-सोलापुर खंड
सोलापुर-गुंतकल खंड
संरचना प्रकार मानक (ग्रांउड स्तर पर)
प्लेटफार्म 5
पटरियां 6
वाहन-स्थल उपलब्ध
साइकिल सुविधायें नहीं
अन्य जानकारियां
आरंभ 1860
विद्युतीकृत ज़ारी
स्टेशन कूट SUR
मण्डल सोलापुर
स्वामित्व भारतीय रेलवे
संचालक मध्य रेलवे ज़ोन
स्टेशन स्तर संचालित
यातायात
Passengers (दैनिक)120,000+
स्थान
सोलापुर रेलवे स्टेशन is located in महाराष्ट्र
सोलापुर रेलवे स्टेशन
सोलापुर रेलवे स्टेशन
महाराष्ट्र में अवस्थिति

सोलापुर रेलवे स्टेशन, भारतीय राज्य महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित है और यह सोलापुर शहर और इसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्र को रेलसेवा मुहैया कराता है। यह मध्य रेलवे ज़ोन के अन्तर्गत सोलापुर रेलवे मंडल का मुख्यालय है। यह भारत का चौथा सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशन है, जिसे भारत के 500 मुख्य स्टेशनों में A-1 स्थान दिया गया है।

स्थान

भीम बेसिन में स्थित, यह क्षेत्र पावरलूम और हथकरघा कपड़ा इकाइयों, बीड़ी-बनाने और अन्य उद्योगों का घर है।[१] कभी यादवों के वित्तीय केंद्र के रूप में, यह महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा में अपने पड़ोसी जिलों में सबसे बड़ा शहर है।

इतिहास

भारत में पहली ट्रेन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई से ठाणे के बीच 16 अप्रैल 1853 को ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे द्वारा बनाये गये ट्रैक में हुई थी। जीआईपीआर लाइन को 1854 में कल्याण तक और फिर 1856 में दक्षिण-पूर्व की ओर खोपोली से पलासड़ी रेलवे स्टेशन के माध्यम से पश्चिमी घाट के तल तक फैला दिया गया। भोरघाट पर निर्माण कार्य जारी था, जीआईपीआर ने 1858 में खंडाला - पुणे मार्ग को सार्वजनिक किया। पलासदारी को खंडाला से जोड़ने वाला भोरघाट का झुकाव 1862 में पूरा हुआ, जिससे मुंबई और पुणे जुड़ गए।[२] जीआईपीआर ने 1871 में रायचूर तक अपनी रेलमार्ग का विस्तार किया और मद्रास रेलवे की रेलमार्ग से जोड दिया की जिससे सीधा मुंबई-चेन्नई संयोजन स्थापित हुआ।[३]

मुंबई-चेन्नई रेलमार्ग के पुणे-रायचूर सेक्टर को चरणों में खोला गया था: पुणे में दिक्सल से बरसी रोड तक के हिस्से को 1859 में, बरसी रोड से मोहोल को 1860 में और मोहोल से सोलापुर को भी 1860 में खोला गया था। सोलापुर से दक्षिण की ओर रेलमार्ग पर काम 1865 में शुरू किया गया था।[४]

सोलापुर रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्मबोर्ड

मीटर गेज सोलापुर-हुबली लाइन चरणों में खोला गया था। गडग-होतगी खंड 1884 में खोला गया था और 1887 में हाटगी-सोलापुर खंड।[४] 2008 में रेलमार्ग को ब्रॉड गेज में बदल दिया गया।[५]

विद्युतीकरण

पुणे-सोलापुर-वाडी रेलमार्ग को एशियाई विकास बैंक से 1,500 करोड़ रुपये के ऋण के साथ विद्युतीकृत किया जाएगा। 2012 में काम शुरू किया गया था।[६][७]

पटरी दोहरीकरण

दौंड-वाडी सेक्टर में रेलवे पटरी को 700 करोड़ रुपये की लागत से दोहरीकरण किया जाएगा।[८]

यात्री आवागमन

सोलापुर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के शीर्ष सौ बुकिंग स्टेशनों में से एक है। यह दैनिक 120000+ यात्रियों को सेवा मुहैया कराता है।[९]

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ