राउरकेला जंक्शन रेलवे स्टेशन
राउरकेला जंक्शन भारतीय रेलवे जंक्शन स्टेशन | |
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राउरकेला जंक्शन रेलवे स्टेशन | |
स्टेशन आंकड़े | |
पता | साँचा:br separated entries |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
ऊँचाई | साँचा:convert |
लाइनें |
हावड़ा-नागपुर-मुंबई रेलमार्ग का टाटानगर-बिलासपुर खंड राउरकेला-हटिया-रांची रेलमार्ग का राउरकेला-रांची खंड |
संरचना प्रकार | मानक (भूमि पर) |
प्लेटफार्म | 5 |
पटरियां | ब्रॉड गेज साँचा:convert |
वाहन-स्थल | उपलब्ध |
अन्य जानकारियां | |
आरंभ | 1891 |
विद्युतीकृत | 1961–62 |
स्टेशन कूट | ROU |
ज़ोन | दक्षिणपूर्व रेलवे |
मण्डल | चक्रधरपुर |
स्वामित्व | भारतीय रेल |
संचालक | भारतीय रेल |
स्टेशन स्तर | संचालित |
पहले | बंगाल नागपुर रेलवे |
सेवायें | |
साँचा:s-end | |
स्थान | |
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राउरकेला रेलवे स्टेशन भारतीय राज्य ओडिशा के उत्तर-पश्चिमी भाग में सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला में स्थित एक रेलवे जंक्शन है। राउरकेला ओडिशा में तीसरा सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र है। मुंबई सीएसटीएम - हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस राउरकेला से होकर गुजरने वाली मुख्य ट्रेन है।
इतिहास
राउरकेला रेलवे स्टेशन 1891 में बंगाल नागपुर रेलवे की नागपुर-आसनसोल मुख्य रेलमार्ग के चालू होने के साथ आस्तित्व में आया। यह 1900 में क्रॉसकाउंट्री हावड़ा-नागपुर-मुंबई लाइन पर एक स्टेशन बन गया।[१] राउरकेला 1960 में बारसुण लौह अयस्क खदानों से जुड़ा।[२] पहले के दिनों में राउरकेला का रेलवे स्टेशन महुलपाली गाँव के भीतर था। उन्नीस पचास के दशक में राउरकेला में भारत के पहले सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ रेलवे स्टेशन को महत्व मिला।[३] 1961-62 में इसका विद्युतीकरण किया गया था।[४]
व्यस्त स्टेशन
राउरकेला रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के शीर्ष सौ बुकिंग स्टेशनों में से एक है।[५] १० ट्रेनें राउरकेला से चलती हैं, और १०१ ट्रेनें (सप्ताहांत और द्विसाप्ताहिक सहित) यहां से होकर गुजरती हैं।[६] यह कोलकाता-मुंबई दक्षिण पूर्वी रेलवे रेलमार्ग पर स्थित है जो भारत के दो महानगरों को जोड़ने वाला एक प्रमुख रेलमार्ग है। राउरकेला मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, आसनसोल, रांची, बैंगलोर, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, नागपुर, पटना, विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, रायपुर, कटक, पुरी, बरहामपुर, समस्तीपुर और जम्मू-कश्मीर और रांची से जुड़ा हुआ है।
बिमलगढ़-तालचर परियोजना
स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। लंबी बिमलागढ़ को बोंडामुंडा-बरसूण शाखा लाइन से और तालचेर को संबलपुर-तालचेर-बारंग शाखा लाइन से जोडने के लिये परियोजना 2004-05 में स्वीकृत किया गया था और निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह रेलमार्ग जब पूर्ण हो जायेगी, तो राज्य की राजधानी राउरकेला और भुवनेश्वर के बीच की दूरी 460 किमी (संबलपुर के माध्यम से) से घट कर 300 किमी तक रह जाएगी।[७]
सन्दर्भ
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