साबरमती नदी
साबरमती नदी | |
नदी | |
अहमदाबाद में साबरमती नदी।
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देश | भारत |
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राज्य | गुजरात, राजस्थान |
उपनदियाँ | |
- बाएँ | वकाल नदी, सेइ नदी, हरनाव नदी, हाथमती नदी, वातरक नदी, मधुमती नदी |
शहर | अहमदाबाद, गांधीनगर |
स्रोत | धेबार झील, राजस्थान |
- स्थान | अरावली पर्वतमालाऐं, उदयपुर, राजस्थान, भारत |
- ऊँचाई | ७८२ मी. (२,५६६ फीट) |
मुहाना | |
- स्थान | खंभात की खाड़ी, गुजरात, भारत |
लंबाई | ३७१ कि.मी. (२३१ मील) |
प्रवाह | |
- औसत | १२० मी.³/से. (४,२३८ घन फीट/से.) [१] |
Discharge elsewhere (average) | |
- अहमदाबाद | ३३ मी.³/से. (१,१६५ घन फीट/से.) [२] |
साबरमती नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का उद्गम राजस्थान के उदयपुर जिले में (झाड़़ौल की पहाड़िया) अरावली पर्वतमालाओं से होता है, और फिर राजस्थान और गुजरात में दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहते हुए ३७१ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह अरब सागर की खंभात की खाड़ी में गिर जाती है। नदी की लम्बाई राजस्थान में ४८ किलोमीटर, और गुजरात में ३२३ किलोमीटर है। साबरमती गुजरात की प्रमुख नदी है; इसके तट पर राज्य के अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे प्रमुख नगर बसे हैं, और धरोई बाँध योजना द्वारा साबरमती नदी के जल का प्रयोग गुजरात में सिंचाई और विद्युत् उत्पादन के लिए होता है।
प्रवाह
साबरमती नदी का उद्गम राजस्थान के उदयपुर जिले में अरावली श्रंखला के दक्षिण भाग मे स्थित धेबार झील से होता है। यह राजस्थान के उदयपुर, और गुजरात के साबरकांठा,मेहसाना,गांधीनगर, अहमदाबाद और आनंद जिलों से होकर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहती है, और ३७१ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह अरब सागर की खंभात की खाड़ी में गिर जाती है।
साबरमती पश्चिम की ओर बहने वाली भारत की प्रमुख नदियों में एक है।[३] इसकी कुल लंबाई ३७१ किलोमीटर है, जिसमें से ४८ किलोमीटर राजस्थान में, और गुजरात ३२३ किलोमीटर में है।[३]
इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव एक बार देवी गंगा को गुजरात लेकर आये थे, और इससे ही साबरमती नदी का जन्म हुआ।[४] सबरमती नदी का प्राचीन नाम भोगवा है। गुजरात की वाणिज्यिक और राजनीतिक राजधानियाँ; अहमदाबाद और गांधीनगर साबरमती नदी के तट पर ही बसाए गए थे।
एक कथा यह भी है कि गुजरात सल्तनत के सुल्तान अहमद शाह ने एक बार साबरमती के तट पर विश्राम करते हुए एक खरगोश को एक कुत्ते का पीछा करते हुए देखा। उस खरगोश के साहस से प्रेरित होकर ही १४११ में उन्होंने इस स्थल पर अहमदाबाद की स्थापना करी थी। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी ने इसी नदी के तट पर साबरमती आश्रम की स्थापना कर उसे अपने घर के रूप में प्रयोग किया था।[५]
अपवाह तन्त्र
साबरमती बेसिन की अधिकतम लंबाई ३०० किलोमीटर, और अधिकतम चौड़ाई १०५ किलोमीटर है। बेसिन का कुल पकड़ क्षेत्र २१,६७४ वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से ४१२४ वर्ग किलोमीटर राजस्थान राज्य में स्थित है, और शेष १८,५५० वर्ग किलोमीटर गुजरात में है।[६] साबरमती बेसिन में औसत वार्षिक जल उपलब्धता ३०८ एम३ प्रति कैपिटा है, जो राष्ट्रीय औसत १,५४५ एम३ प्रति कैपिटा से काफी कम है।[७]
साबरमती नदी बेसिन राजस्थान के मध्य-दक्षिणी भाग में स्थित है। इसके पूर्व में बनास और माही बेसिन, उत्तर में लूनी बेसिन और इसके पश्चिम में पश्चिमी बनास बेसिन हैं। इसकी दक्षिणी सीमा गुजरात राज्य के साथ लगती है। साबरमती नदी बेसिन उदयपुर, सिरोही, पाली और डुंगरपुर जिलों के हिस्सों तक फैला हुआ है। ऑर्थोग्राफिक रूप से, बेसिन का पश्चिमी हिस्सा अरावली रेंज से संबंधित पहाड़ी इलाके द्वारा चिह्नित किया जाता है। पहाड़ियों के पूर्व में एक संकीर्ण जलीय मैदान है जो एक सभ्य पूर्व की ढलान के साथ है।[६]
सहायक नदियां
साबरमती की मुख्य सहायक नदियां निम्न हैं:[३][६] साँचा:div col
- सेई नदी
- वाकल नदी
- वेतरक नदी
- शेही नदी
- हरनाव नदी
- गुईई नदी
- हथमती नदी
- मेसवा नदी
- माजम नदी
- खारी नदी
- मोहर नदी
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite journal
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- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ इ साँचा:cite web
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साबरमती नदी की कुल लम्बाई 416km