सम्बलपुरी भाषा
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सम्बलपुरी | |
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Sambalpuri ସମ୍ବଲପୁରୀ पश्चिमी ओड़िया | |
ओड़िशा में सम्बलपुरी बोलने वाले क्षेत्र (हरा रंग) | |
बोलने का स्थान | साँचा:flag/core |
तिथि / काल | 2011 जनगणना |
क्षेत्र | पश्चिम ओड़िशा, छत्तीसगढ़ |
मातृभाषी वक्ता | साँचा:sigfig लाख |
भाषा परिवार |
हिन्द-यूरोपीय
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लिपि | ओड़िया[१][२][३] |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | spv |
साँचा:location map |
सम्बलपुरी भाषा (Sambalpuri language) या पश्चिमी ओड़िया भाषा (Western Odia) या कोशाली भाषा (Kosali) भारत के ओड़िशा राज्य के पश्चिमी भाग व पड़ोस के छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ भाग में बोली जाने वाली एक हिन्द-आर्य भाषा है। इसे कुछ भाषावैज्ञानिक एक अलग भाषा मानते हैं जबकि अन्य के अनुसार यह ओड़िया भाषा की एक प्रमुख उपभाषा है। अनुमान है कि इसे पश्चिम ओड़िशा के 11 ज़िलों और छत्तीसगढ़ के 4 ज़िलों में आम व्यवहार में प्रयोग करा जाता है।[४][५][६]
सम्बलपुरी सहित्य का प्रारंभिक युग
सम्बलपुरी का लिखित साहित्य उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक आरम्भ हो गया था, ऐसा ऐतिहासिक प्रमाण मिलता है।
- कवि मधुसूदन
- "जटन" ने 1900 से 1910 के बीच 'भुला मन चौतिसा' लिखा
- चईतन दास ने 1900 से 1910 के बीच 'टढेई चौतिसा' लिखा।
- बालाजी मेहेर ने 1910 से 1920 के बीच निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की-
- गुंडीआ
- गौड़ गमन
- कुम्भार पसरा
- सुनारी पसरा
- लक्ष्मण पति ने 1915 से 1925 के बीच निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की:
- अदि बन्दना
- मनुष बरन
- माँएझि बरन
- भुलिआ पसरा
- करण पसरा
- खररा पसरा
- तेली पसरा
- सबर पसरा
- कपिल महापात्र ने 1925 से 1930 के बीच 'सम्बलपुरी रामायण ' की रचना की।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ Sambalpuri language at Ethnologue (21st ed., 2018)
- ↑ Dash, Ashok Kumar (1990). Evolution of Sambalpuri language and its morphology (Thesis). Sambalpur University. hdl:10603/187859.
- ↑ Sahu, Gobardhan (2001). Generative phonology of Sambalpuri: a study (revised) (PhD). Sambalpur University. hdl:10603/187791.