कमल हासन

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कमल हासन
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हस्ताक्षर
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कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुड़ी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फिल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं।[१][२] कमल हासन, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सहित कई भारतीय फ़िल्म पुरस्कारों के विजेता के तौर पर जाने जाते हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्वगायक और कोरियोग्राफर हैं। उनकी फ़िल्म निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल ने उनकी कई फ़िल्मों का निर्माण किया। कमल हासन ने अपने 63वें जन्मदिन पर एक ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम है 'मय्यम व्हिसल'. इसका मतलब है 'सेंटर (केंद्र) व्हिसल'।[३]

एक बाल कलाकार के रूप में कई परियोजनाओं के बाद, नायक के रूप में कमल हासन को सफलता, 1975 की नाटकीय फ़िल्म अपूर्व रागंगल से मिली, जिसमें उन्होंने एक उम्र में बड़ी महिला के साथ प्यार करने वाले अक्खड़ युवा की भूमिका निभाई थी। 1982 की फ़िल्म मून्राम पिरइ हेतु उन्होंने एक निष्कपट स्कूल शिक्षक के किरदार में अपने अभिनय के लिए पहली बार भारतीय राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया, जो अपनी याद्दाश्त खोने वाली बच्चों जैसी युवती की देखभाल करता है। मणि रत्नम की गॉड-फ़ादरनुमा नायकन (1987) फ़िल्म में विशेष रूप से उनके अभिनय की सराहना हुई, जिसे टाइम पत्रिका ने सदाबहार सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में से एक होने का दर्जा दिया। [४]

जीवन-वृत्त

प्रारंभिक कॅरियर: 1960 दशक - 1970 दशक का पूर्वार्ध

कमल हासन ने 6 वर्षीय बाल कलाकार के तौर पर, ए. भीमसिंह द्वारा निर्देशित कलत्तूर कन्नम्मा से फ़िल्म-जगत में अपना पहला क़दम रखा, जो 12, अगस्त, 1959 को प्रदर्शित हुई। इस फ़िल्म में उन्हें दिग्गज तमिल अभिनेता जेमिनी गणेशन के साथ अभिनय का मौक़ा मिला, जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीता। [५] इसके बाद शिवाजी गणेशन और एम.जी. रामचंद्रन के साथ उन्होंने बाल कलाकार के रूप में पांच अन्य तमिल फ़िल्मों में काम किया।

अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और साथ ही कराटे और भरतनाट्यम सीखने के लिए, फ़िल्मों से नौ साल के अंतराल के बाद, 1972 में कमल हासन ने कम बजट की फ़िल्मों की श्रृंखला के साथ वापसी की, जहां सभी में उन्होंने सहायक भूमिकाएं निभाईं. इन फ़िल्मों में शामिल हैं शिवकुमार अभिनीत अरंगेट्रम और सोल्लतान निनइकिरेन . स्वयं को एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित करने से पूर्व वे सहायक किरदार में अंतिम बार नान अवनिल्लै में नज़र आए। [६]

1970 दशक का उत्तरार्ध - 1980 दशक

कमल हासन ने मलयालम फ़िल्म कन्याकुमारी (1974) में अपनी भूमिका के लिए, पहली बार अभिनय हेतु क्षेत्रीय फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार हासिल किया। अगले चार वर्षों में, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर छह क्षेत्रीय फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते, जिनमें लगातार चार बार हासिल सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार शामिल हैं। उन्होंने निर्देशक के. बालचंदर की फ़िल्म अपूर्व रागंगल में अभिनय किया, जिसमें रिश्ते में शामिल उम्र के अंतर की गवेषणा की गई थी। 1970 दशक के उत्तरार्ध में कमल हासन लगातार के. बालचंदर की फ़िल्मों से जुड़े, जिन्होंने उनको अवरगल (1977) जैसे सामाजिक-प्रकरणों पर आधारित फ़िल्मों में काम करने का मौक़ा दिया। [७] इस फ़िल्म के लिए कमल हासन ने अपना पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार जीता। [८] 1976 में, कमल हासन ने रजनीकांत और श्रीदेवी के साथ के. बालचंदर की एक और फ़िल्म मून्रु मुडिचु, तथा मनमद लीलै एवं ओरु ऊतप्पु कण सिमिटुकिरुदु में काम किया, जिसके लिए उन्होंने लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता। 16 वयदिनिले के लिए क्रम से उन्हें तीसरी बार पुरस्कार मिला, जहां वे एक मानसिक रूप से बीमार ग्रामीण की भूमिका में नज़र आए और जिसमें एक बार फिर उनके साथ रजनीकांत और श्रीदेवी थे।[८] उन्हें लगातार चौथा पुरस्कार सिगप्पु रोजाकल के लिए मिला, जिसमें उन्होंने एक ख़लनायक की भूमिका निभाई, जो एक मनोरोगी यौन हत्यारा है। सत्तर के दशक के उत्तरार्ध में, कमल हासन ने निनैत्ताले इनिक्कुम जैसी हास्य और नीया जैसी डरावनी फ़िल्मों में नज़र आए।

अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ कमल हासन की जोड़ी 1980 में गुरु और वरुमयिन निरम सिगप्पु के साथ जारी रही। कमल हासन ने रजनीकांत की फ़िल्म तिल्लु मुल्लु जैसी फ़िल्मों में छोटी-सी अतिथि भूमिकाएं भी निभाईं; रजनीकांत इससे पहले कमल हासन की कुछ फ़िल्मों में नज़र आए थे। कमल हासन के कॅरियर की 100 फ़िल्म 1981 की राजा पारवै थी, जिसने फ़िल्म निर्माण की दिशा में उनका पहला क़दम अंकित किया। सिनेमाघरों में इस फ़िल्म के अपेक्षाकृत ठंडे स्वागत के बावजूद, एक अंधे वायलिन वादक की भूमिका में अपने बेहतरीन अभिनय से उन्होंने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार अर्जित किया।[९] बतौर नायक उनकी अगली भूमिका थी, हिंदी भाषा की उनकी पहली फ़िल्म एक दूजे के लिए में. यह के. बालचंदर द्वारा निर्देशित उनकी पिछली तेलुगु भाषा की फ़िल्म मरो चरित्रा का रूपांतरण था। वाणिज्यिक प्रधान फ़िल्मों में अभिनय के एक साल बाद, कमल हासन ने बालू महेंद्र की मून्राम पिरइ में मानसिक बीमारी से ग्रस्त बालिका की देखभाल करने वाले स्कूल शिक्षक की भूमिका के लिए अपने तीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों में से पहला पुरस्कार जीता, जिस किरदार को उसके हिन्दी रूपांतरण सदमा में उन्होंने दोहराया.[८] 1983 में, कमल हासन ने तूंगादे तंबी तूंगादे में दोहरी भूमिका निभाई।

1985 तक, कमल हासन ने कई हिन्दी भाषा की फ़िल्मों में अभिनय किया, जिनमें सागर भी शामिल है, जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार, दोनों से सम्मानित किया गया और वे एक ही फ़िल्म के लिए दोनों पुरस्कार जीतने वाले पहले अभिनेता बने। सागर में उन्होंने ऋषि कपूर के साथ ऐसा किरदार निभाया, जहां दोनों एक ही युवती को चाहते हैं, पर अंततः कमल हासन उसे खो बैठते हैं। कमल हासन गिरफ़्तार में भी दिखाई दिए। उन्होंने तमिल सिनेमा की पहली श्रृंखला जापानिल कल्याणरामन में काम किया, जो उनकी पिछली फ़िल्म कल्याणरामन के बाद बनी और साथ ही शिवाजी गणेशन तथा रजनीकांत के साथ उरुवंगल मारलाम में भी सह-भूमिका निभाई।

1980 के मध्य में, कमल हासन ने निर्देशक काशीनाथुनि विश्वनाथ के साथ दो तेलुगु भाषा की फ़िल्में, सागर संगमम और स्वाति मुत्यम में काम किया। इनमें बाद की फ़िल्म ने, 1986 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार हेतु भारत का प्रतिनिधित्व किया।[८] जहां पहली वाली फ़िल्म में कमल हासन ने एक शराबी शास्त्रीय नर्तक की भूमिका निभाई, वहीं स्वाति मुत्यम में एक स्वलीन व्यक्ति का किरदार निभाया, जो समाज को बदलने का प्रयास करता है। पुन्नगै मन्नन, जिसमें उन्होंने चार्ली चैपलिन पर एक व्यंग्य सहित दोहरी भूमिकाएं निभाईं और याद्दाश्त खोने वाले किरदार में वेट्री विला के बाद कमल हासन मणि रत्नम् की 1987 की फ़िल्म नायकन में दिखाई दिए। नायकन में बंबई के अपराध जगत के एक डॉन का जीवन का चित्रित किया गया। कहानी अपराध जगत के वरदराजन मुदलियार नामक डॉन के वास्तविक जीवन के आस-पास घूमती है, जिसमें मुंबई में बसे दक्षिण भारतीय लोगों के संघर्ष का सहानुभूतिपूर्ण चित्रण किया गया।[८] कमल हासन को उनके अभिनय के लिए भारतीय राष्ट्रीय पुरस्कार मिला तथा 1987 में नायकन सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार हेतु भारत की प्रविष्टि के रूप में नामित की गई और साथ ही, टाइम के शीर्ष 100 फिल्मों की सूची में भी शामिल हुई। 1988 में, कमल हासन अब तक की उनकी एकमात्र मूक फ़िल्म पुष्पक में दिखाई दिए, जो एक ब्लैक कॉमडी है।[८] 1989 में, अपूर्व सहोदरंगल में कमल हासन ने एक साथ तीन भूमिकाएं निभाईं. इस व्यावसायिक फ़िल्म में वे एक बौना के किरदार में नज़र आए। [८] बाद में उन्होंने इंद्रुडु चंद्रुडु और उसकी तमिल में पुनर्निर्मित फ़िल्म में दोहरी भूमिकाएं निभाने का प्रयास किया, जिसमें अपने बेहतरीन अभिनय के लिए क्षेत्रीय सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीता।

1990 दशक

1991 में, माइकल मदन कामराजन के साथ कमल हासन एक क़दम आगे बढ़े, जिसमें उन्होंने चार एक साथ जन्म लेने वाले बच्चों की अलग भूमिकाएं निभाईं, तथा इस फ़िल्म के साथ ही कमल हासन और संवाद लेखक क्रेज़ी मोहन के बीच कॉमेडी फ़िल्मों के लिए सतत सहयोग शुरू हो गया।[१०] कमल हासन ने गुना और तेवर मगन में अपने अभिनय के लिए लगातार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीते, जिसमें उन्होंने अभिनेता शिवाजी गणेशन के बेटे की भूमिका निभाई. सिंगारवेलन, महारासन और कलैज्ञान जैसी फ़िल्मों के बाद, कमल हासन ने अंग्रेज़ी फ़िल्म शी डेविल पर आधारित सती लीलावती जैसी हास्य फ़िल्मों में और साथ ही, काशीनाथुनि विश्वनाथ के साथ उनकी अब तक की तेलुगु भाषा की अंतिम फ़िल्म शुभ संकल्पम में काम किया। 1996 में, कमल हासन ने पुलिस की कहानी, कुरुतिपुनल में अभिनय किया। कुरुतिपुनल की सफलता के बाद, उन्होंने इंडियन फ़िल्म के लिए बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, अपना तीसरा राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीता। एक स्वतंत्रता सेनानी और उनके बेईमान बेटे की दोहरी भूमिकाओं को निभाते हुए, फ़िल्म में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए कमल हासन ने क्षेत्रीय पुरस्कार जीते और सराहना पाई.[११]

हॉलीवुड निर्मिती, मिसेज़ डाउटफ़ायर से प्रेरित अव्वै शण्मुघी में कमल हासन ने एक महिला की भूमिका निभाई.[१२] 1997 में, कमल हासन ने बतौर निर्देशक अपनी पहली फ़िल्म, मोहम्मद यूसुफ़ ख़ान के जीवन-चरित्र पर आधारित मरुधनायगम की शुरूआत की, जिसकी केवल आधे घंटे की शूटिंग और एक ट्रेलर की रिकॉर्डिंग हो सकी और वे निर्धारित फ़िल्मांकन पूरा करने में असफल रहे। [१३] मरुधनायगम के बारे में अनुमान लगाया जा रहा था कि यह भारतीय सिनेमा की सबसे भारी और काफ़ी महंगी फ़िल्म होगी, जिसके साथ कई ऊंचे दर्जे के अभिनेता और तकनीशियन जुड़े हुए थे। इसके अलावा, 1997 में ब्रिटेन की एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा भारत यात्रा के दौरान, व्यापक प्रचार पाने वाले एक भव्य समारोह में फ़िल्म की शुरूआत की गई थी।[१४][१५] बजट की कमी के कारण, फ़िल्म पूरी नहीं बन पाई, लेकिन कथित रूप से कमल हासन तब से ही इस परियोजना के लिए निधि संग्रहित करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।[१६] जल्द ही कमल हासन ने बतौर निर्देशक, हिन्दी में अव्वै शण्मुघी के पुनर्निर्माण चाची 420 के साथ शुरूआत की। [१७]

2000 का दशक: हे राम और उसके आगे

भारतीय सिनेमा में दो साल के अंतराल के बाद, कमल हासन ने अपनी प्रसिद्ध रचना, मरुधनायगम को पुनर्जीवित करने के खिलाफ़ फ़ैसला लिया और अपनी दूसरी निर्देशित फ़िल्म हे राम को फ़िल्माया, जो कि एक युगीन नाटक है, जिसमें भारत के विभाजन और महात्मा गांधी की हत्या पर केंद्रित अर्द्ध-काल्पनिक कथानक को फ़्लैशबैक में प्रस्तुत किया गया है। अपने ख़ुद के बैनर तले फ़िल्म का निर्माण करने के अलावा, कमल हासन ने लेखक, गीतकार और कोरियोग्राफर के रूप में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं. इस फ़िल्म में शाहरुख खान भी शामिल थे और उस वर्ष अकादमी पुरस्कारों के लिए यह भारत की प्रस्तुति बनीं। [१८] उसके बाद की उनकी फ़िल्म थी आलवंदान, जिसमें उन्होंने दो अलग भूमिकाएं निभाईं, जिनमें से एक के लिए उन्होंने अपना सिर मुंडवाया और वज़न में दस किलोग्राम की बढ़ोतरी की। प्रदर्शन से पूर्व अधिक प्रचार के बावजूद, फ़िल्म व्यावसायिक तौर पर विफल रही, जिसके लिए कमल हासन ने इस फ़िल्म की वजह से नुक्सान उठाने वाले वितरकों को उसकी भरपाई करना पसंद किया।[१९]

तेनाली, पंचतंत्रम और पम्माल के. संबंदम जैसी सफल हास्य फ़िल्में और कुछ अतिथि भूमिकाओं के बाद, कमल हासन ने मौत की सज़ा से जुड़ी अपनी तीसरी फ़ीचर फ़िल्म वीरुमांडी का निर्देशन किया।[२०] कमल हासन ने माधवन के साथ अनबे शिवम में नज़र आए। इस फ़िल्म को शुरू करने वाले प्रियदर्शन, विज्ञापन निर्देशक सुंदर सी. को फ़िल्म पूरी करने की अनुमति देकर दूर हट गए। अनबे शिवम, एक आदर्शवादी, सामाजिक कार्यकर्ता और कम्युनिस्ट नल्लशिवम की कहानी है। कमल हासन के अभिनय की आलोचकों ने भरपूर सराहना की, जबकि द हिंदू ने लिखा कि कमल हासन ने "दुबारा तमिल सिनेमा को गौरवान्वित किया।"[२१]

इसके बाद कमल हासन पुनर्निर्मित फ़िल्म वसूल राजा में स्नेहा के साथ नज़र आए। 2006 में, कमल हासन की विलंबित परियोजना, वेटैयाडु विलयाडु शानदार सफल फ़िल्म के रूप में उभरी.[२२] गौतम मेनन की वेटैयाडु विलयाडु कमल हासन की कुरुतिपुनल के बाद पहली पुलिस फ़िल्म थी। 2008 में, कमल हासन ने के. एस. रविकुमार की दशावतारम में दस अलग भूमिकाएं निभाईं, जो अब तक निर्मित सबसे महंगी भारतीय फ़िल्म है।[२३] आसिन तोट्टुमकल के साथ बतौर नायक अभिनीत यह फ़िल्म तमिल सिनेमा की दूसरी सर्वाधिक मुनाफ़ा कमाने वाली फ़िल्म बन गई और कमल हासन को उनके अभिनय के लिए आलोचनात्मक प्रशंसाएं मिलीं। [२४][२५] इस परियोजना में उन्होंने कहानी और पटकथा लेखक का जिम्मा भी संभाला. दशावतारम के पूरा होने के बाद, कमल हासन ने अंतरिम रूप से मर्मयोगी शीर्षक वाली अपनी बतौर निर्देशक चौथी फ़िल्म के निर्देशन का कार्य संभाला, जो एक साल तक निर्माण-पूर्व कार्य के बाद ठप्प हो गई।[२६] इसके बाद उन्होंने मोहनलाल के साथ एक फ़िल्म उन्नैपोल ओरुवन के निर्माण और अभिनय का बीड़ा उठाया. कमल हासन की यह फ़िल्म, जिसमें श्रुति हासन ने संगीत निर्देशन का भार संभाला, बॉक्स-ऑफ़िस पर काफ़ी सफल रही। [२७]

निजी जीवन

परिवार

कमल हासन का जन्म 7 नवंबर, 1954 को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित परमकुड़ी ग्राम में तमिल अय्यंगार दंपति, आपराधिक वकील, डी. श्रीनिवासन और उनकी श्रद्धालु पत्नी राजलक्ष्मी के यहां हुआ।[२८] कमल हासन ने हाल ही की अपनी फ़िल्में, उन्नैपोल ओरुवन और दशावतारम का गीत कल्लै मट्टुम में अपने माता-पिता का हवाला दिया। [२९] कमल हासन तीन भाइयों में सबसे छोटे थे, जबकि अन्य दो हैं, चारु हासन और चंद्र हासन. चारु हासन, जिन्होंने अन्य फ़िल्मों के अलावा, लोकप्रिय कन्नड फ़िल्म तबरन कथे में काम किया था, कमल हासन की तरह ही राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता हैं, पर हाल के कुछ समय से वे फ़िल्मों में कभी-कभार ही अभिनय करते हैं। कमल हासन की भतीजी (चारु हासन की बेटी), सुहासिनी भी एक राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता हैं और प्रख्यात निर्देशक और 1987 की नायकन में कमल हासन के साथ सहयोग करने वाले, सह-पुरस्कार विजेता मणिरत्नम से विवाह रचाया है।[३०] चंद्र हासन, कमल हासन की गृह निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल के कार्यपालक होने के अलावा, कमल हासन की कई फ़िल्मों के निर्माता रहे हैं। उनकी भतीजी अनु हासन ने कई फ़िल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें विशेष रूप से सुहासिनी की इंदिरा का उल्लेख किया जा सकता है।[३१]

संबंध

स्तुत्य और सराहनीय फ़िल्म कॅरियर के बावजूद, उन्हें निजी जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिसका मीडिया ने अनुचित लाभ उठाया. कमल हासन ने अपने कॅरियर की शुरूआत में, लोकप्रिय अभिनेत्री श्रीविद्या के साथ कई तमिल और मलयालम फ़िल्मों में काम किया। 1970 के दशक में कथित रूप से इस जोड़ी के बीच विख्यात प्रेम-संबंध चला था, जिस रिश्ते को 2008 में प्रदर्शित रंजीत की मलयालम फ़िल्म तिरक्कथा में दर्शाया गया, जिसमें अनूप मेनन ने कमल हासन की और प्रियमणि ने श्रीविद्या की भूमिकाएं निभाईं. 2006 में मृत्यु का ग्रास बनने वाली, बीमार श्रीविद्या के अंतिम दिनों में कमल हासन ने उनसे मुलाक़ात की थी।[३२] 1978 में, चौबीस साल की उम्र में, कमल हासन ने अपने से बड़ी उम्र की नर्तकी वाणी गणपति से मुलाकात की और उनके साथ शादी की। वाणी ने कमल हासन की फ़िल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर का काम संभाला और शादी के तुरंत बाद, कमल हासन के साथ 1980 में आयोजित फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार दक्षिण समारोह में उनकी हमक़दम बन कर चलने के लिए ख़ूब प्रचार पाया। तथापि, दस साल तक एक साथ रहने के बाद, जब यह पता चला कि कमल हासन अपनी सह-अभिनेत्री सारिका के साथ डेटिंग कर रहे हैं,[३३] इस जोड़ी के बीच रिश्ता टूट गया और हाल ही के एक साक्षात्कार में कमल हासन ने पुष्टि की कि उसके बाद दोनों के बीच कभी कोई संपर्क नहीं रहा। [३४]

इसके बाद, कमल हासन और सारिका ने 1988 में शादी कर ली और उनकी दो बेटियां हैं: श्रुति हासन (जन्म 1986) और अक्षरा हासन (जन्म 1991). श्रुति हासन एक गायिका और उभरती अभिनेत्री हैं, जबकि छोटी बेटी बेंगलूर में उच्च अध्ययन कर रही हैं। कमल हासन के साथ विवाह के बाद सारिका ने फ़िल्मों में अभिनय छोड़ दिया और कमल हासन की कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में उनकी पूर्व पत्नी वाणी गणपति की जगह ले ली और हे राम में उनके काम की बहुत सराहना हुई। तथापि, इस जोड़ी ने 2002 में तलाक़ के लिए अर्जी दायर की और 2004 में प्रक्रिया संपन्न होकर, सारिका ने ख़ुद को बच्चों से अलग करते हुए, कमल हासन के साथ रिश्ता तोड़ लिया।[३५] इस अलगाव का कारण, उनसे बाईस साल छोटी, सह-अभिनेत्री सिमरन बग्गा के साथ कमल हासन का नज़दीकी रिश्ता रहा। कमल हासन के साथ लगातार दो फ़िल्में पम्माल के. संबंदम और पंचतंत्रम में अभिनय करने वाली सिमरन का, कोरियोग्राफ़र राजू सुंदरम के साथ रिश्ता ख़त्म होने के बाद, यह प्रेम-संबंध थोड़े दिनों के लिए चला. लेकिन, इस जोड़ी का साहचर्य ज़्यादा दिन टिक नहीं पाया, जहां 2004 में सिमरन ने अपने बचपन के एक दोस्त से शादी कर ली। [३६] सम्प्रति कमल हासन पूर्व अभिनेत्री, गौतमी तडिमल्ला के साथ रह रहे हैं, जिन्होंने 80 और 90 के दशक में कमल हासन के साथ कई फ़िल्मों में काम किया है। कमल हासन ने स्तन कैंसर से ग्रस्त गौतमी की उनके दुःखद दौर में भरपूर मदद की और 2005 से यह जोड़ी गृहस्थ रिश्ते में साथ है। श्रुति और अक्षरा, तथा रद्द शादी से जन्मी गौतमी की बेटी सुब्बलक्ष्मी भी उनके साथ रहती हैं।[३७]

पुरस्कार और सम्मान

पुरस्कारों की दृष्टि से पद्मश्री धारक कमल हासन, भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे अधिक सम्मानित अभिनेता हैं।[३८] उनके नाम सर्वाधिक चार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, तीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार तथा एक सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार पाने वाले अभिनेता होने का रिकॉर्ड दर्ज है। इसके अलावा कमल हासन, पांच भाषाओं में रिकॉर्ड उन्नीस फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार धारक हैं - और उन्होंने 2000 में नवीनतम पुरस्कार के बाद, संगठन से ख़ुद को पुरस्कारों से मुक्त रखने का आग्रह किया।[३८] अन्य सम्मान में शामिल है, तमिलनाडु राज्य फ़िल्म पुरस्कार, नंदी पुरस्कार और विजय पुरस्कार, जहां कमल हासन ने दशावतारम में अपने योगदान के लिए चार अलग पुरस्कार जीते।

2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।[३९]

उल्लेखनीय फ़िल्मोग्राफ़ी

वर्ष फ़िल्म भूमिका भाषा टिप्पणियां
1960 कलतूर कन्नम्मा सेल्वम तमिल विजेता : बतौर सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
1975 अपूर्व रागंगल प्रसन्ना तमिल विजेता : फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार
1977 आईना
1981 एक दूजे के लिये
1982 मून्राम पिरइ श्रीनिवासन तमिल विजेता : बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
1982 सनम तेरी कसम
1983 सागर संगमम बालकृष्ण तेलुगु विजेता : फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तेलुगु अभिनेता पुरस्कार
विजेता : बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता नंदी पुरस्कार
1984 एक नई पहेली
1984 यह देश
1985 सागर
1985 गिरफ्तार किशन कुमार खन्ना
1987 नायगन वेलू नायकर तमिल विजेता : बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
1988 पुष्पक पुष्पक मूक विजेता: फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ अभिनेता पुरस्कार
1989 अप्पू राजा सेतुपति,
राजा,
अप्पू
तमिल तीन भूमिकाएं निभाईं; एक बौना था
1992 तेवर मगन शक्तिवेलू तेवर तमिल विजेता : फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार
कमल हासन द्वारा पटकथा और निर्माण
1996 हिन्दुस्तानी सेनापति बोस,
चंद्र बोस
तमिल दोहरी भूमिका निभाई
विजेता : बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
विजेता : फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार
1998 चाची ४२० जयप्रकाश पासवान
2000 हे राम साकेत राम तमिल विजेता : फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार
साथ ही हिन्दी में हे राम के रूप में निर्मित
कमल हासन द्वारा पटकथा-लेखन, निर्माण और निर्देशन
2005 मुम्बई एक्सप्रेस तमिल
2008 दशावतारम दस अलग भूमिकाएं तमिल 10 अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं
कमल हासन द्वारा पटकथा-लेखन
2013 विश्वरूपम विश्वनाथ / विसम अहमद कश्मीरी तमिल
2018 विश्वरूपम II विश्वनाथ / विसम अहमद कश्मीरी तमिल
2021 हिन्दुस्तानी 2 सेनापति बोस,
चंद्र बोस
तमिल

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. UCLA इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट. 2005. फ़िल्म-प्रदर्शन - नायकन (हीरो). http://www.international.ucla.edu/showevent.asp?eventid=3700 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। से उपलब्ध. अभिगम 15 फ़रवरी 2008.
  2. UCLA स्कूल ऑफ़ आर्ट्स एंड आर्किटेक्चर. 2005. UCLA ईयर ऑफ़ द आर्ट्स - कार्यक्रम विवरणिका. https://web.archive.org/web/20060903120614/http://www.arts.ucla.edu/yoa/UCLA-YOA-brochure-0506.pdf से उपलब्ध. अभिगम 15 फ़रवरी 2008.
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  4. टाइम पत्रिका. 2005. सदाबहार 100 सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में. http://www.time.com/time/2005/100movies/the_complete_list.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। से उपलब्ध. अभिगम 13 फ़रवरी 2008.
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बाहरी कड़ियाँ