सागर (1985 फ़िल्म)
सागर | |
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चित्र:सागर.jpg सागर का पोस्टर | |
निर्देशक | रमेश सिप्पी |
निर्माता | जी॰ पी॰ सिप्पी |
लेखक | जावेद अख्तर |
अभिनेता |
कमल हासन, ऋषि कपूर, डिम्पल कपाड़िया |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 9 अगस्त, 1985 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सागर 1985 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया और इसमें कमल हासन, ऋषि कपूर और डिम्पल कपाड़िया मुख्य किरदारों को निभाते हैं। इसे भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार में भेजा गया था। यह डिम्पल कपाड़िया की वापसी फ़िल्म है।
संक्षेप
मछली पकड़ने वाले एक छोटे से गाँव में बचपन के दोस्त, मोना (डिम्पल कपाड़िया), और राजा (कमल हासन) रहते हैं। मोना और उसके पिता (सईद जाफ़री) एक छोटा सा रेस्तराँ चलाते हैं। राजा का कोई परिवार नहीं है, लेकिन वो मिस जोसेफ (नादिरा) को अपनी मां मानता है। वह एक दिन मोना से शादी करने की सोच रखा है, लेकिन अपने प्यार के बारे में उसे बताने से डरता है। जब धनी रवि (ऋषि कपूर) अपनी दादी कमलादेवी के साथ रहने के लिए आता है, तो वह मोना को देखता है और उसके प्यार में पड़ जाता है। वे एक दूसरे से मिलते हैं और मोना भी अपने प्यार का इजहार कर देती है। राजा इससे तबाह हो जाता है, लेकिन अपने दर्द और दुःख के बारे में मिस जोसेफ को छोड़कर किसी को नहीं बताता है।
जब कमलादेवी को पता चलता है कि रवि मोना को पसंद करता है और उसके साथ बहुत समय बिताता है, तो वह उसे निर्देश देती है कि वह उससे दूर रहे। वह उसकी किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करना पसंद करेगी, जिसके पास उनके समान हैसियत और दौलत हो। रवि ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया। फिर कमलादेवी अपनी योजना शुरू करती हैं जिससे गाँव के सभी मछुआरों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी और जिससे मोना पर रवि के प्यार को छोड़ने का दबाव बनेगा। गाँव को तबाही से बचाने के लिए, मोना को रवि और ग्रामीणों की भलाई के बीच चयन करना होगा।
मुख्य कलाकार
- कमल हासन — राजा
- ऋषि कपूर — रवि
- डिम्पल कपाड़िया — मोना
- नादिरा — मिस जोसेफ
- सईद जाफ़री — मोना के पिता
- मधुर जाफ़री — कमला देवी
- शफ़ी ईनामदार — विक्रम
- ए के हंगल — बाबा
- सतीश कौशिक — बतुक लाल
- शरत सक्सेना — ठेकेदार
- किरन वैराले — मारिया (दुल्हन)
संगीत
सभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ओ मारिया ओ मारिया" | आशा भोंसले, एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम | 6:35 |
2. | "सागर किनारे दिल ये पुकारे" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 4:19 |
3. | "सागर जैसी आँखों वाली" | किशोर कुमार | 5:03 |
4. | "जाने दो ना, पास आओ ना" | आशा भोंसले, शैलेन्द्र सिंह | 5:03 |
5. | "यूँ ही गाते रहो" | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, किशोर कुमार | 4:51 |
6. | "सागर किनारे साँझ सवेरे" | लता मंगेशकर | 3:27 |
7. | "सच मेरे यार है" | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम | 6:53 |
नामांकन और पुरस्कार
फिल्मफेयर पुरस्कारों के इतिहास में यह दूसरा उदाहरण था जहां एक अभिनेता को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के साथ-साथ सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए भी नामांकित किया गया। दोनों पुरस्कारों के लिए पिछला नाम अशोक कुमार (1970 में आशीर्वाद के लिए) का था। कमल हासन ने अंततः सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता, एक हिन्दी फिल्म के लिए इस श्रेणी में उनका पहला और एकमात्र पुरस्कार। साँचा:awards table |- | rowspan="9"| 1986 | जी॰ पी॰ सिप्पी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | साँचा:nominated |- | रमेश सिप्पी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | साँचा:nominated |- | कमल हासन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | साँचा:won |- | डिम्पल कपाड़िया | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | साँचा:won |- | कमल हासन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | साँचा:nominated |- | मधुर जाफ़री | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | साँचा:nominated |- | आर॰ डी॰ बर्मन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | साँचा:nominated |- | जावेद अख्तर ("सागर किनारे दिल ये पुकारे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | साँचा:nominated |- | किशोर कुमार ("सागर किनारे दिल ये पुकारे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | साँचा:won |}