मरांची गाँव, मोकामा (पटना)
मरांची | |
— गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | बिहार |
ज़िला | पटना |
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, मगही, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, उर्दु, अंग्रेज़ी |
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आधिकारिक जालस्थल: http://patna.bih.nic.in/ |
मरांची मोकामा, पटना, बिहार स्थित एक गाँव है।
भूगोल यह गंगा नदी के किनारे बसा हुआ एक विकासशील गांव है। दूसरी तरफ टाल का विशाल दलहन एकफसला कृषि योग्य जमींन है।दोनो सीमाओं के बीच दिल्ली हावड़ा मुख्य रेलमार्ग का ट्रैक और राष्ट्रीय उच्चमार्ग 80 है।
जनसांख्यिकी यहाँ बहुत सारे मोह्हले हैं। तीनभैया, चारभैया, नौभैया, भगत, बरियार, सोनुआ, ताजपुर, परतापुर भूमिहार जाति के टोले हैं। कृष्णा, गाँधी,विजयगढ़, मुशहरी, नेपाल, इंग्लिश, बसदाहर निचली जातियों के टोले हैं।
यातायात यह जगह यातायात के साधनों से परिपूर्ण है।यहाँ सड़क सेवा के लिये एन एच 80 और एन एच 31 मार्ग है। हाथीदह रेलवे स्टेशन भी है जहाँ से देश के सभी जगहों के लिए ट्रेन मिलती है।
आदर्श स्थल
यहाँ दुखहरण बाबा का मंदिर, धनेश्वर बाबा का मंदिर, महारानी स्थान, और गंगा का तट बहुत ही अच्छे जगह है।
शिक्षा
यहाँ राजधानी क्षेत्र से सटे होने के बावजूद भी उच्च शिक्षा का आभाव है। कहने को तो गांव में बहुत सारे प्राथमिक स्कूल मिडिल स्कूल है लेकिन पढाई का स्तर निम्न है। लोग अपने बच्चों को गांव या मोकामा या बेगूसराय के महंगे प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं।गांव में एक इंटर हाई स्कूल भी है लेकिन वहाँ भी पढाई की स्थिति वही है लोग कोचिंग और ट्यूशन पर आश्रित है। लोग मोकामा या बाढ़ के कॉलेजो से स्नातक की डिग्री लेकर वेरोजगार बैठे है या खेती या छोटे मोटे व्यवसाय में लगे है।निम्न तबके के लोग बाहर जाकर काम करते है। बहुत कम लोगो को सरकारी नौकरियां मिलती है और मिलती भी है तो ज्यादातर अर्धसैनिक बलों में। आजतक गांव से किसी ने भी upsc या bpsc की परीक्षा पास नही की है।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ