जीसैट-19
साँचा:infobox | |
साँचा:infobox | |
साँचा:infobox | |
साँचा:infobox | |
साँचा:infobox | |
साँचा:succession links साँचा:succession links |
जीसैट-19 ( GSAT-19) एक भारतीय संचार उपग्रह है जिसका भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 डी1 यान द्वारा ५ जून २०१७ १७:२८ बजे प्रक्षेपण किया। [६]
उपग्रह
यह उपग्रह मॉड्यूलर आई-6के उपग्रह बस के निर्माण के लिए एक परीक्षण के रूप में कार्य करेगा। यह देश में ही उत्पादित लिथियम आयन बैटरी, सी-बैंड टीडब्ल्यूटी प्रवर्धक, आयन थ्रस्टर इंजन, थर्मल रेडिएटर्स, एक छोटी जड़त्वीय संदर्भ इकाई सहित कई प्रयोगात्मक प्रौद्योगिकी ले जाएगा।.[६][७][८][९]
पारंपरिक ट्रांसपोंडर के बजाय, जीएसएटी-19 में भारत के पिछले संचार उपग्रहों की तुलना में बहुत अधिक डेटा थ्रूपूट प्रदान करने के लिए चार केयु/केए-बैंड अग्रेषण लिंक बिम्ब और चार चार केयु/केए-बैंड रिटर्न लिंक बिम्ब हैं। इसके अतिरिक्त यह एक जियोस्टेशनरी रेडिएशन स्पेक्ट्रोमीटर (जीआरएसपी) पेलोड लेकर गया है जो "चार्ज कणों की प्रकृति और उपग्रहों तथा उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर अंतरिक्ष विकिरण के प्रभाव की निगरानी और अध्ययन" करेगा।
कक्षा स्थापना
सैटेलाइट को 5 जून 2017 की शाम को जीएसएलवी 3-डी 1 रॉकेट पर 180 किमी (112 मील) की भू-स्थानान्तरण कक्षा में लांच किया गया था। इसके बाद उपग्रह की इच्छित भूस्थिर कक्षा में पहुचने के लिए इसमे लगे द्वव इंजन को चार बार चलाया गया। और इसे इच्छित कक्षा (35,869 X 35,470 किमी) में प्रवेश कराया गया।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
लुआ त्रुटि mw.title.lua में पंक्ति 318 पर: bad argument #2 to 'title.new' (unrecognized namespace name 'Portal')।