सेवा राम यात्री
सेवा राम यात्री | |
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जन्म |
10 July 1932 बरवाला,मुज़फ़्फ़र नगर, उत्तरप्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | हिन्दी लेखक |
प्रसिद्धि कारण | से.रा.यात्री |
सेवा राम यात्री (जन्म 10 जुलाई 1932) एक भारतीय लेखक, कथाकार, व्यंग्यकार और उपन्यासकार हैं। 1971 ई. में 'दूसरे चेहरे' नामक कथा संग्रह से शुरू हुई उनकी साहित्यिक यात्रा अनवरत जारी है। तकरीबन चार दशकों के अपने लेखकीय यात्रा में उन्होंने 18 कथा संग्रह, 33 उपन्यास, 2 व्यंग्य संग्रह, 1 संस्मरण तथा 1 संपादित कथा संग्रह हिंदी जगत के पाठकों को दी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से संचालित पुरस्कार योजना के तहत 2008 का महात्मा गांधी पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की है।[१]
व्यक्तिगत जीवन
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़र नगर के एक गांव जड़ोदा में जन्में सेवा राम यात्री की प्रारंभिक शिक्षा मुज़फ़्फ़र नगर में हुई। परिवार अत्यन्त टूटा हुआ था। अपने आसरे ही आगरा विश्वविद्यालय से क्रमश: 1955 और 1957 में राजनीति विज्ञान तथा हिन्दी साहित्य में एम॰ए॰। सागर विश्वविद्यालय में कुछ दिनों रिसर्च। नरसिंहपुर महाविद्यालय म.प्र. में कुछ दिनों अध्यापन। गजियाबाद महानन्द मिशन विद्यालय में हिन्दी प्रवक्ता।[२] एन.आर.सी. खुर्जा बुलंदशहर, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश, गाजियाबाद आदि शहरों में अध्यापन कार्य करने के पश्चात महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा से राइटर-इन-रेजीडेंस के पद से सेवानिवृत हैं।[३]
साहित्यिक जीवन
हाईस्कूल पास करते ही कविता लेखन करने वाले यात्री के प्रसाद, महादेवी, निराला, पंत, बच्चन और नरेन्द्र शर्मा आदर्श कवि हैं। कविता से जन-जीवन के कठिन संघर्षों को पूर्णरूपेण व्यक्त करने में असमर्थता के कारण ही वे कहानी लेखन में प्रवृत हुए। उनकी पहली कहानी 'नई कहानियाँ' सर्वप्रथम 1963 ई. में 'गर्द गुबार' नाम से प्रकाशित हुई। उन्होने 1987 से 2003 तक साहित्यिक पत्रिका वर्तमान साहित्य का सम्पादन भी किया। उनका कथा संग्रह खंडित संवाद काफी चर्चित हुआ।[४]
कृतियाँ
उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं:
- उपन्यास : दराजों में बंद दस्तावेज, लौटते हुए, कई अँधेरों के पार, अपरिचित शेष, चाँदनी के आरपार, बीच की दरार, टूटते दायरे, चादर के बाहर, प्यासी नदी, भटका मेघ, आकाशचारी, आत्मदाह, बावजूद, अंतहीन, प्रथम परिचय, जली रस्सी, युद्ध अविराम, दिशाहारा, बेदखल अतीत, सुबह की तलाश, घर न घाट, आखिरी पड़ाव, एक जिंदगी और, अनदेखे पुल, कलंदर, सुरंग के बाहर।[५][६]
- कहानी संग्रह : केवल पिता, धरातल, अकर्मक क्रिया, टापू पर अकेले, दूसरे चेहरे, अलग-अलग अस्वीकार, काल विदूषक, सिलसिला, अकर्मक क्रिया, खंडित संवाद, नया सम्बंध, भूख तथा अन्य कहानियाँ, अभयदान, पुल टूटते हुए, विरोधी स्वर, खारिज और बेदखल, परजीवी।
- व्यंग्य संग्रह : किस्सा एक खरगोश का, दुनिया मेरे आगे।
- संस्मरण : लौटना एक वाकिफ उम्र का।[७][८]
सम्मान
उन्हें उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 1979, 1980, 1983, 1997, 2001 और 2006 में साहित्य भूषण तथा 2008 में महात्मा गांधी सम्मान से सम्मानित किया गया।[९]
सन्दर्भ
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- ↑ संगमनकार (वेब पत्रिका), संस्मरण, हृदयेश, से.रा.यात्री (व्यक्ति की अंतरंगता, अंतरंगता का व्यक्ति)साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ जनसत्ता,23 सितंबर 2013, शीर्षक: विदाई
- ↑ वेब दुनिया (हिन्दी) में दिनेश कुमार की समीक्षा: अखिल भारतीय समस्याओं को समेटती कहानियाँ
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- ↑ पुस्तक का नाम: युद्ध अविराम, लेखक: से॰ रा॰ यात्री, प्रकाशक: क्षितिज, आई एस बी एन (10) : 8188857475, आई एस बी एन (13): 9788188857470, प्रकाशन वर्ष: 2006, पृष्ठ 176, मुखपृष्ठ: सजिल्द
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