सनम तेरी कसम (2016 फ़िल्म)
सनम तेरी कसम | |
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चित्र:Sanam Teri Kasam.jpg | |
सनम तेरी कसम | |
निर्देशक |
राधिका राव विनय सप्रू |
निर्माता | दीपक मुकुट |
अभिनेता |
हर्षवर्धन राणे[१] मावरा हुसैन |
संगीतकार | हिमेश रेशमिया |
छायाकार | चिरंतन दास |
स्टूडियो |
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वितरक | एरॉस |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | साँचा:film date |
समय सीमा | 154 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | लगभग ₹९ करोड़ (US$१.१८ मिलियन) |
सनम तेरी कसम भारतीय हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्देशन राधिका राव और विनय सप्रू ने किया है। इसका निर्माण दीपक मुकुट ने किया है। इस फिल्म में मुख्य किरदार में हर्षवर्धन राणे और पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा हुसैन हैं। यह फिल्म 5 फरवरी 2016 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई।
कहानी
फिल्म की शुरुआत वकील इन्दर लाल परिहार (हर्षवर्धन राणे) से होती है, जो अदालत में एक मामले को जीत चुका है। सभी उसे बधाई देते रहते हैं। इन्दर घर लौटता है और एक बोतल उठाकर उसके घर के पीछे एक पेड़ के सामने जाता है, वहाँ एक कब्र में नाम और दिनांक लिखा होता है, वो उसकी पत्नी का कब्र है। इसके बाद वो अपने पिछले समय के बारे में सोचने लगता है।
सरस्वती उर्फ सरु (मावरा हुसैन) एक जवान लाइब्रेरियन (पुस्तकालय अध्यक्ष) रहती है। उसके रहने और तैयार होने के तरीकों के कारण सभी उसे बदसूरत समझते रहते हैं। उसकी खूबसूरत बहन, कावेरी शादी करना चाहते रहती है, लेकिन उसके पिता पहले सरु की शादी कराने की सोचते रहते हैं। कावेरी का प्रेमी उसे एक महीने का समय देता है और कहता है कि अगर उसने एक महीने में उससे शादी नहीं की तो वो उसे छोड़ कर चले जाएगा। इस कारण दोनों बहनों के बीच तनाव उत्पन्न हो जाता है। इस तरह सरु के ऊपर अपने लिए जल्द से जल्द जीवनसाथी ढूंढने का दबाव आ जाता है। सरु के परिवार का वहाँ काफी इज्जत और सम्मान होता है। वे जिस इमारत में रहते हैं, उसे एक सोसाइटी बुलाते हैं और वहाँ कुछ बुजुर्ग, जिसमें सरु के पिता भी शामिल हैं, देखरेख करते रहते हैं और किसी भी प्रकार की घटिया हरकत बर्दाश्त नहीं करते हैं।
एक दिन सरु के पिता और सरु अपने पड़ोस में रहने वाले इंदर के पास जाते हैं, जो एक अमीर और प्रसिद्ध वकील का बेटा होता है। वो अपनी प्रेमिका, रूबी मल्होत्रा (श्रद्धा दास) के साथ दिखता है, जिससे जयराम को इंदर के ऊपर गुस्सा आ जाता है। उसी दौरान इंदर की मुलाक़ात सरु से होती है। वो उसकी सादगी और खूबसूरती को देख कर उसकी ओर आकर्षित होता है।
वहीं सरु के मन में अभिमन्यु शास्त्री ही छाया रहता है, जो अमीर और खूबसूरत है। जब अभिमन्यु को पता चलता है कि सरु उसके ऊपर लट्टू है तो वो इसका फायदा उठाने की कोशिश करता है और उससे अजीब अजीब तरह के काम कराते रहता है। इंदर कई बार पुस्तकालय आता है और सरु से पूर्व-बंदी के पढ़ने लायक किताब के बारे में पूछता है।
कई बार इंकार के बाद सरु को लगता है कि उसे अपने भीतर बदलाव लाना पड़ेगा, तभी उसे पति मिल सकता है। उसके माता-पिता शहर छोड़ कर बाहर जाये रहते हैं, इस कारण वो इंदर से मदद मांगने जाती है। उसके अपार्टमेंट में वो सुबह के चार बजे जाती है। जब रूबी घर आती है तो उसे लगता है कि इंदर उसे धोका दे रहा है और वो एक काँच के बोतल को सरु की ओर फेंक देती है, पर बीच में इंदर आ जाता है और उसके हाथ में बोतल लग कर फुट जाता है। इससे इंदर के हाथों से खून निकलने लगता है। सरु से इंदर घर जाने को कहता है, पर सरु को लगता है कि उसके हाथ में चोट की वजह वो है, इस कारण चोट में मरहम-पट्टी करती है। इसी में रात गुजर जाता है। वहाँ का चौकीदार उन दोनों पर नजर रखे हुए होता है।
अगले दिन जब सरु के माता-पिता यात्रा से थोड़ा पहले ही घर आते हैं तो वहाँ लोग उन्हें बताते हैं कि सरु ने इंदर के साथ राज गुजारी थी। पहले तो जयराम को विश्वास ही नहीं होता है कि उसकी बेटी ऐसा कुछ कर सकती है, लेकिन जब वो अपनी बेटी को इंदर के साथ आपत्तीजनक स्थिति में देखता है तो उसे उन लोगों की बात पर यकीन हो जाता है। सरु उन्हें समझाने की कोशिश करती है, लेकिन उसके पिता उसकी एक भी नहीं सुनते हैं और बोल देते हैं कि अब वो उनके लिए मर चुकी है। सरु अपनी माँ को सारी बात बताती है और उसकी माँ विश्वास भी कर लेती है, लेकिन वो अपने पति से नहीं कह पाती है।
सरु को लगता है कि वो अगर किसी अच्छे लड़के से शादी कर लेगी तो उसके पिता उसे वापस स्वीकार कर लेंगे। इंदर उसके लिए अपार्टमेंट में जगह की तलाश करने में मदद करता है और साथ ही उसके पहनावे आदि बदलने में भी वो उसकी मदद करता है। इसी बीच इंदर को उससे प्यार भी हो जाता है, पर जब अभिमन्यु, सरु से शादी के लिए पूछता है तो इंदर अपने दिल की बात दिल में ही छुपा लेता है। अभिमन्यु उसे शादी के दिन ही छोड़ देता है, क्योंकि उसके पिता को ऐसी बहू नहीं चाहिए होती है, जिसके पिता ही उसे स्वीकार नहीं कर रहे हों। सरु का दिल टूट जाता है, उसे लगने लगता है कि उसके पिता के अस्वीकार करने के बाद अब उसकी शादी नहीं हो सकती है। वो अपने हनीमून सुइट तक आती है और इंदर से कहती है कि वो उसे सांत्वना देने के लिए प्यार करे, पहले तो इंदर इंकार कर देता है, पर बाद में मान जाता है। अगली सुबह वो सरु के साथ अभिमन्यु को देखता है।
इंदर को लगता है कि अब वो अभिमन्यु के साथ वापस जा चुकी है और उसका दिल टूट जाता है। जब उसे पता चलता है कि सरु ने अभिमन्यु के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, तो वो उसके फोन से उसे ढूंढता हुआ बौद्ध मठ जाता है। वो उससे अपने प्यार का इजहार करता है, पर सरु बेहोश हो जाती है। इंदर उसे अस्पताल ले जाता है। वहाँ पता चलता है कि उसे एक लाइलाज बीमारी है। इस कारण वो जल्द ही मरने वाली है। ये बात पता चलते ही वो सरु के माता-पिता के घर जबरन घुस जाता है और उनसे अपनी बेटी को मरा हुआ न मानने को कहता है। अगले दिन पुलिस उसे जयराम के कहने पर गिरफ्तार कर लेती है। सरु अस्पताल से छूटने के बाद पुस्तकालय चले जाती है, वहाँ उसे इंदर के छोड़े हुए कुछ पत्र मिलते हैं, जिससे उसे एहसास होता है कि इंदर उससे बहुत पहले से प्यार करता था। इंदर किसी तरह पुस्तकालय आ जाता है और वे दोनों मिल जाते हैं। सरु उससे शादी करने को कहती है।
एक रात सरु कहती है कि उसके मौत के बाद वो चाहती है कि उसे पेड़ के नीचे दफनाया जाये। वो ये भी कहती है कि उसके पिता का दिया हुआ शाप सच साबित हो गया और वो असल में मरने वाली है। इंदर उससे कहता है कि भगवान कभी शाप को स्वीकार नहीं करते, तो सरु कहती है कि भगवान माता-पिता के प्रार्थना को स्वीकार करते हैं।
शादी का दिन आ जाता है। सरु के माता-पिता अपनी गलती का एहसास होने के बाद उन दोनों की शादी में आ जाते हैं। शादी के बाद सरु बेहोश हो जाती है। अस्पताल में डॉक्टर कहते हैं कि वो मरने वाली है। इंदर अपने पिता से उस पेड़ वाली भूमि को खरीदने का आग्रह करता है, जिसके नीचे सरु दफन होना चाहती थी। सरु की मौत इंदर के हाथों में ही हो जाती है।
बाद में दिखाया जाता है कि इंदर एक सफल वकील बन चुका है और सरु के कब्र के आगे खड़ा है। वो बोलता है कि उसे सफल देख कर वो जरूर खुश हो रही होगी। वो कहता है कि वो उसे याद करता है और शाश्वत सच्चे प्यार का वादा करता है।
कलाकार
- हर्षवर्धन राणे — इन्दर परिहार
- मावरा हुसैन — सरस्वती पार्थसारथी / सरु
- मनीष चौधरी — जयराम पार्थसारथी, सरु के पिता
- प्युमोरी मेहता — सरु की माँ
- दिवयेत्ता सिंह — कावेरी पार्थसारथी, सरु की बहन
- सुदेश बेरी — राजिन्दर परिहार, इन्दर के पिता
- अनुराग सिन्हा — अभिमन्यु शास्त्री, सरु का दोस्त, बाद में मंगेतर
- मुरली शर्मा — पुलिस अफसर
- श्रद्धा दास — रूबी मल्होत्रा
- रवि शर्मा — पंडित
- विजय राज़
- सिद्धांत घेगडमल — अमित
संगीत
सभी हिमेश रेशमिया द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "सनम तेरी कसम" | समीर | अंकित तिवारी, पलक मुच्छल | 5:08 |
2. | "खींच मेरी फोटो" | समीर | दर्शन रावल, नीति मोहन | 4:26 |
3. | "बेवजह नहीं मिलना" | समीर | हिमेश रेशमिया | 5:05 |
4. | "तेरा चेहरा जब नजर" | शब्बीर अहमद | अरिजीत सिंह | 4:20 |
5. | "हाल-ए-दिल" (पुरुष) | समीर | श्रीराम चन्द्र म्यामपति | 5:30 |
6. | "हाल-ए-दिल" (स्त्री) | समीर | नीति मोहन | 5:20 |
7. | "एक नम्बर" | हिमेश रेशमिया | नीति मोहन, हिमेश रेशमिया | 4:12 |
8. | "मैं तेरी यादों में" | सुब्रत सिन्हा | अरिजीत सिंह | 4:10 |
9. | "सनम तेरी कसम" (रीप्राइज़) | समीर | मोहम्मद इरफ़ान, पलक मुच्छल | 4:34 |