श्रीधर भास्कर वर्णेकर
श्रीधर भास्कर वर्णेकर | |
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डॉ श्रीधर भास्कर वार्णेकर (३१ जुलाई १९१८ - १० अप्रैल २०००) संस्कृत के विद्वान तथा राष्ट्रवादी कवि थे। उनका जन्म नागपुर में हुआ था।
कृतियाँ
उन्होंने बहुत से काव्य और श्लोकों की रचना की। 'श्रीशिवराज्योदयम्' उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध रचना है। इस पर १९७४ में उन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार (संस्कृत) प्रदान किया गया था।[१] यह ६८ सर्गो में वर्णित एक महाकाव्य है। यह पुस्तक संघ लोक सेवा आयोग के सिविल सेवा परीक्षा के लिये निर्धारित संस्कृत साहित्य के पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित की गयी है। उनकी दूसरी प्रसिद्ध रचना है - 'संस्कृत वाङ्मय कोश'।
'भारतरत्नशतकम्' तथा 'स्वातन्त्र्यवीरशतकम्' उनकी अन्य रचनाएँ हैं।
- शिवराज्योदयम् – महाकाव्य
- विवेकानन्दविजयम् – नाटक
- शिवराज्याभिषेकः – नाटक
- मन्दोमिमाला – खण्डकाव्य
- वात्सल्यरसायनम् – खण्डकाव्य
- रामकृष्णपरमहंसीयम् – खण्डकाव्य
- कालिदासरहस्यम् – खण्डकाव्य
- विनायकवैजयन्ती – खण्डकाव्य
- जवाहरतरङ्गिणी – खण्डकाव्य
- कथावल्लरी – गद्य
- श्रीरामसङ्गीतिका – गीतकाव्य
- श्रीकृष्णसङ्गीतिका – गीतकाव्य [२]
सम्मान एवं पुरस्कार
डॉ श्रीधर को राष्ट्रपति पुरस्कार, कालिदास सम्मान, बिड़ला फाउण्डेशन का सरस्वती सम्मान आदि प्रदान किये गये। जगद्गुरु शंकराचार्य ने उन्हें 'प्रज्ञाभारती' सम्मान प्रदान किया।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ सम्भाषणसन्देशः फेब्रुवरी १९९६
बाहरी कड़ियाँ
- डॉ श्रीधर वार्णेकर का नेटवर्क
- संस्कृत में देशभक्ति (देशबन्धु)
- आधुनिककालस्य महाकाव्यानि (१७००ई.तः अद्यपर्यन्तम्) (संस्कृत में)
- He spoke Gods’ language, lived God’s spirit (The Hitavad)