सरस्वती सम्मान
सरस्वती सम्मान, के. के. बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला साहित्य पुरस्कार है। यह सम्मान प्रतिवर्ष भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं की में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को दिया जाता है। यह कृति सम्मान वर्ष से पहले दस वर्ष की अवधि में प्रकाशित होने वाली कोई पुस्तक ही हो सकती है। इस सम्मान में शाल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और 15 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाती है। सरस्वती सम्मान का आरंभ १९९१ में किया गया था। पहला सरस्वती सम्मान हिंदी के साहित्यकार डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार खंडों की आत्मकथा के लिए दिया गया था।[१]
2021||राम दरस मिश्रा ||कविता मैं तो यहीं हूँ
इस सम्मान प्राप्त करने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं- डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन(१९९१), रमाकांत रथ(१९९२), विजय तेंडुलकर(१९९३), हरिभजन सिंह(१९९४), श्रीमती बालामणि अम्मा(१९९५), शम्सुर्रहमान फारुकी(१९९६), मनुभाई पाँचोली दर्शक(१९९७), प्रो॰ शंख घोष(१९९८), डॉ॰ इंदिरा पार्थसारथी(१९९९), मनोज दास(२०००), डॉ॰ दलीप कौर टिवाणा(२००१), महेश एलकुंचवार(२००२), आचार्य गोविंद चन्द्र पाण्डे(२००३), सुनील गंगोपाध्याय (२००४), प्रो॰के. अय्यप्प पणिक्कर (२००५), डॉ॰ जगन्नाथ प्रसाद दास (२००६) और डॉ॰ नैयर मसूद (२००७)। [2019(29वॉ)_वासदेव मोही-“चेकबुक”
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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