विलियम ब्लेक
विलियम ब्लेक | |
---|---|
colspan="2" style="text-align:center;" साँचा:image class | विलियम ब्लेक का 1807 का चित्र, Thomas Phillips की कृति. | |
जन्म | साँचा:birth date लंदन, इंग्लैण्ड |
मृत्यु | साँचा:death date and age लंदन, इंग्लैण्ड |
व्यवसाय | कवी , चित्रकार, प्रिंटमेकर, कॉपी संपादन |
शैली | Visionary, कविता |
साहित्यिक आन्दोलन | स्वच्छन्दतावाद |
उल्लेखनीय कार्य | Songs of Innocence and of Experience, The Marriage of Heaven and Hell, The Four Zoas, Jerusalem, Milton a Poem |
लेखन पर प्रभाव
| |
प्रभावित किया
|
विलियम ब्लेक (28 नवम्बर 1757 – 12 अगस्त 1827) एक अंग्रेज कवि, चित्रकार तथा प्रिंट रचयिता थे। अपने जीवनकाल में उन्हें ख्याति नहीं मिली, किंतु अब उन्हें रोमैंटिक युग की कविता और चाक्षुष कलाओं के क्षेत्र की एक महान आरंभिक हस्ती के रूप में माना जाता है। उनके भविष्यदर्शी काव्य के बारे में कहा गया है कि वह “अंग्रेजी भाषा का ऐसा काव्य है जिसे उसकी खूबियों के अनुपात से कम पढ़ा गया”.[१] उनकी चाक्षुष कलात्मकता को लेकर एक समकालीन कला समीक्षक को यह घोषित करना पड़ा कि “दूर-दूर तक ब्रिटेन ने ऐसा महानतम कलाकार कभी उत्पन्न नहीं किया”.[२] हालांकि वे लंदन में रहते थे, तीन वर्ष की अवधि को छोड़कर उनका सारा जीवन फेलफैम में बीता[३] उन्होंने एक विविधतापूर्ण और प्रतीकात्मक रूप से समृद्ध साहित्य की रचना की जिसने “ईश्वर की काया”,[४] अथवा “स्वयं मानवीय अस्तित्व” की कल्पना को अंगीकार किया।[५]
अपने समकालीनों द्वारा, स्वभावगत विचित्रताओं के कारण सनकी के रूप में माने जाने वाले ब्लेक को बाद के समीक्षकों ने उनकी अभिव्यंजकता तथा रचनाधर्मिता के कारण और उनकी रचनाओं की दार्शनिक तथा रहस्यवादी अंतर्धारा के कारण उच्च सम्मान दिया. 18वीं शताब्दी में व्यापक उपस्थिति के कारण उनके चित्र और काव्य को रोमैंटिक आन्दोलन तथा “पूर्व-रोमैंटिकवाद”[६] का हिस्सा माना गया। बाइबल के प्रशंसक लेकिन इंग्लैंड के चर्च के विरोधी, ब्लेक फ्रेंच और अमेरिकन आदर्शों और क्रांतियों द्वारा प्रभावित थे[७] साथ ही उनपर जैकब बॉम (Jakob Böhme) इमैनुएल स्विडेनबर्ग (Emanuel Swedenborg) जैसे विचारकों का भी प्रभाव पड़ा.[८]
इन ज्ञात प्रभावों के बावजूद ब्लेक के कृतित्व की एकलता के कारण उन्हें किसी वर्ग में रखना कठिन हो जाता है। 19वीं शताब्दी के विद्वान विलियम रोज़ेट्टी (William Rossetti) ने ब्लेक को “ग्लोरियस ल्युमिनरी अर्थात तेजस्वी प्रकाशपुंज”[९] तथा “एक ऐसा व्यक्ति जो न अपने पूर्ववर्तियों द्वारा निवारित किया गया, न ही अपने समकालीनों के साथ वर्गीकृत किया गया और न ही जिसका अपने बाद के ज्ञात अथवा सहज ही अनुमेय रचनाकारों द्वारा स्थान लिया गया” के रूप में चित्रित किया।[१०]
इतिहासकार पीटर मार्शल ने ब्लेक को उनके समकालीन विलियम गॉडविन के साथ आधुनिक अराजकतावाद के अग्रदूतों में से एक कहा.[११]
प्रारंभिक जीवन
विलियम ब्लेक का जन्म 28 नवम्बर 1757 को लंदन, इंग्लैंड, में 28 ब्रॉडस्ट्रीट के एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ था। वे सात बच्चों में तीसरे थे[१२][१३] जिनमें से दो की शिशु- अवस्था में ही मौत हो गई थी। ब्लेक के पिता जेम्स एक[१३]होज़ियर थे। विलियम ने स्कूली शिक्षा नहीं पाई थी और उन्हें घर पर ही उनकी मां कैथरीन राइट आर्मिटेज ब्लेक द्वारा शिक्षित किया गया था।[१४] ब्लेक परिवार डेसेंटर (भिन्नमतावलंबी/राजधर्म विरोधी) था और माना जाता है कि उनका संबंध मोरैवियन चर्च से था। ब्लेक के जीवन पर बाइबल का प्रारंभिक और गहरा असर पड़ा तथा यह उनके संपूर्ण जीवनकाल में प्रेरणा का स्रोत बना रहा.
ब्लेक ने अपने पिता द्वारा खरीद कर लाए गए यूनानी पुरावस्तुओं के चित्रों की प्रतियों का अंकन शुरू किया जो एक ऐसा काम था जिसे उन दिनों वास्तविक चित्रकारी की तुलना में अधिक पसंद किया जाता था। इन चित्रों में ब्लेक ने राफेल, माइकलएंजेलो, मार्टेन हीम्सकर्क (Marten Heemskerk) तथा अल्ब्रैख्त ड्यूरर (Albrecht Dürer) की कृतियों के जरिए पहली बार क्लासिकल कलारूपों का परिचय पाया। उनके माता-पिता उनके हठी स्वाभाव को अच्छी तरह जानते थे, इसलिए स्कूल भेजने के बजाए उन्हें चित्रकला की कक्षाओं में दाखिल कराया गया। उन्होंने अत्यंत उत्कंठापूर्वक अपने पसंद के विषयों का अध्ययन किया। इस अवधि के दौरान, ब्लेक कविता के क्षेत्र में भी अन्वेषण कर रहे थे; उनके प्रारंभिक कार्य बेन जॉनसन तथा एडमंड स्पेनसर की जानकारी दर्शाते हैं।
बैसायर के साथ अप्रेंटिसशिप
4 अगस्त 1772 को ब्लेक, 7 वर्षों के लिए नक्काश जैम्स बैसायर ऑफ ग्रेट क्वीन स्ट्रीट (engraver James Basire of Great Queen Stree) के अप्रेंटिस बन गए।[१३] इस अवधि के आखिर में 21 साल की उम्र में वे एक व्यावसायिक नक्काश बन गए। ब्लेक के अप्रेंटिसशिप के दौरान दोनों के बीच किसी प्रकार का गंभीर मतभेद तथा झगड़े का विवरण मौजूद नहीं है। हालांकि पीटर एक्रोय्ड (Peter Ackroyd) द्वारा लिखी जीवनी में यह लिखा गया है कि ब्लेक को बाद में बैसायर के नाम को कला विरोधियों की सूची में शामिल करना पड़ा- और फिर इसे काट देना पड़ा.[१५] इसके अलावा नक्काशी करने की बैसायर की शैली उस समय पुराने फैशन का माना गया[१६] तथा और इस फैशन विहीन रूप में ब्लेक का निर्देश उसके द्वारा काम पाने में अथवा बाद के जीवन में पहचान पाने में नुकसानदेह साबित हुआ होता.
दो साल बाद बैसायर ने अपने अप्रेंटिस को लंदन के गोथिक चर्च से चित्रों की नकल बनाने के लिए भेजा (संभव है कि यह काम ब्लेक तथा उनके सहयोगी अप्रेंटिस जैम्स पार्कर के बीच झगड़े को खत्म करने के लिए किया गया हो) और वेस्टमिंस्टर ऐबे में उनके अनुभवों के कारण उनकी अपनी कला-शैली तथा उनके अपने विचारों का निर्माण हुआ; उनके समय में ऐबे को कवच वाले सूटों, रंगे हुए अंत्येष्टि की मूर्तियों से चित्रित किया गया था और कई रंगों के मोम की कृतियों से अलंकृत किया गया था। एक्रॉयड लिखते हैं कि “सर्वाधिक तात्कालिक [छाप] धुंधली चमक और रंग वाले हो गए होते".[१७] दोपहर के बाद की लंबी अवधि में, ब्लेक ऐबे में रेखाचित्र बनाया करते थे, कभी-कभी वेस्टमिंस्टर स्कूल के लड़के उनके काम में बाधा डालते थे, एक दोपहर को एक ने ब्लेक को इतना सताया कि ब्लेक ने उस लड़के को धक्का देकर मंच से नीचे जमीन पर गिरा दिया, “जहां कि वह भयानक चोट के साथ गिरा”.[१८] ब्लेक ने ऐबे में और भी दृश्य देखे, सन्यासियों और पादरियों का एक बड़ा जुलूस, जब उन्होंने “सादे गीत और क्रिसमस गीतों के गायन” सुने.
रॉयल एकेडमी
8 अक्टूबर 1779 को ब्लेक स्ट्रैंड के पास ओल्ड सॉमरसेट हाउस की रॉयल एकेडमी के छात्र बन गए।s जबकि उनके अध्ययन की शर्तों के अनुसार उन्हें भुगतान नहीं करना था, पर उनसे उम्मीद की गई कि वे अपनी सामग्रियों की छह साल की अवधि के दौरान खुद आपूर्ति करें. वहां, उन्होंने उस बात के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिसे वह रूबेंस (Rubens) जैसे फैशनेबल कलाकारों, जिनकी स्कूल के पहले अध्यक्ष जोशुआ रेनॉल्ड्स (Joshua Reynolds) द्वारा हिमायत की गई थी, की अधूरी शैली के रूप में मानते थे। समय के साथ ब्लेक को कला के प्रति रेनॉल्ड का नजरिया अरुचिकर लगने लगा, खासकर “जेनरल ट्रुथ” (सामान्य सत्य) तथा “जेनरल ब्यूटी” (सामान्य सौंदर्य) के प्रति उसकी ललक. रेनॉल्ड्स ने अपने डिस्कॉर्सेज में लिखा कि “अमूर्तन, सामान्यीकरण तथा वर्गीकरण के प्रति झुकाव, मानव मस्तिष्क का विशेष वैभव है”; ब्लेक ने अपनी निजी प्रति की पार्श्व टिप्पणी में इस प्रकार प्रतिक्रिया दी, कि “सामान्यीकरण करना बेवकूफी है”; विशिष्टीकृत करना प्रतिभा का इकलौता वैशिष्ट्य है".[१९] ब्लेक, रेनॉल्ड्स की प्रकट विनम्रता को भी नापसंद करते थे जिसे वे पाखंड मानते थे। रेनॉल्ड्स के फैशनेबल तैलचित्रों के विरुद्ध ब्लेक उनके आरंभिक प्रभावों, माइकलएंजेलो तथा राफेल, की कलासिकल सटीकता को पसंद किया।
डेविड बिंड्मैन (David Bindman) ने सुझाव दिया कि ब्लेक का रेनॉल्ड्स के प्रति विरोध का कारण अध्यक्ष की राय उतनी नहीं थी (ब्लेक की तरह रेनॉल्ड्स ने भी इतिहास के चित्रांकण को भूदृश्यों तथा व्यक्ति चित्रों के बनिस्पत ज्यादा महत्व दिया) जितना कि “उनके विचारों को कार्यरूप में परिणत नहीं करने के पाखंड के प्रति उनकी खिलाफत”.[२०]निश्चित रूप से ब्लेक रॉयल एकेडमी में प्रदर्शनी के लिए अनिच्छुक नहीं थे, जिसमें उन्होंने 1780 तथा 1880 के बीच 6 अवसरों पर कृतियों को जमा किया।
गॉर्डन रॉयट्स
ब्लेक के प्रथम जीवनीकार एलेक्जैंडर गिलक्रिस्ट (Alexander Gilchrist) ने यह विवरण दिया है कि 1780 में ब्लेक, बैसायर की दूकान की ओर ग्रेट क्वीन स्ट्रीट पर जा रहे थे, जब वे एक उग्र भीड़ की चपेट में आ गए जिसने लंदन के न्यूगेट जेल को तोड़ डाला.[२१] उन्होंने जेल के दरवाजों पर फावड़ों और कुल्हाड़ियों से हमला किया, भवन में आग लगा दी और अंदर बंद कैदियों को छुड़ा लिया। इस हमले के दौरान अफवाह उड़ी कि ब्लेक भीड़ में सबसे आगे थे। ये हमले रोमन कैथोलिज्म के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाले पार्लियामेंट के एक बिल के विरोध में हुए थे, जिसे बाद में गॉर्डन रॉयट्स के नाम से जाना गया। उन्होंने जॉर्ज III की सरकार के कानूनों तथा प्रथम पुलिस बल के गठन के खिलाफ विद्रोह को हवा दी.
गिलक्रिस्ट के इस बात पर जोर देने के बावजूद, कि ब्लेक को बलपूर्वक भीड़ में शामिल किया गया था, कुछ जीवनी लेखकों ने यह दलील दी है कि उन्होंने भीड़ का अनुसरण आवेग पूर्वक किया, अथवा एक क्रांतिकारी कार्य के रूप में इसका समर्थन किया।[२२] दूसरी ओर जेरोम मैकगन (Jerome McGann) यह कहते हैं कि बलवे प्रतिक्रियावादी थे और उन घटनाओं ने ब्लेक के मन में “घृणा” भर दी होंगी.[२३]
विवाह तथा प्रारंभिक करियर
वर्ष 1782 में ब्लेक जॉन फ्लैक्समैन (John Flaxman) से मिले, जो उनके संरक्षक बने और कैथरीन बॉउचर, जो उनकी पत्नी बनीं. उस समय ब्लेक उस संबध से उबर रहे थे, जो शादी में परिणत नहीं हो सका. उन्होंने अपने दिल टूटने की कहानी कैथरीन और उनके माता-पिता को सुनाई, इसके बाद उन्होंने कैथरीन से पूछा, “क्या तुम मुझे दुखी करोगी?” जब उन्होंने निश्चयात्मक रूप में जवाब दिया तो ब्लेक ने घोषणा की, “मैं तुम्हें प्यार करता हूं." ब्लेक ने कैथरीन से 18 अगस्त 1782 को, बैटरसी के सेंट मैरी चर्च में शादी कर ली, जो उनसे 5 साल छोटी थीं। शिक्षित कैथरीन ने अपने विवाह समझौते पर ‘एक्स’ ('X') के साथ हस्ताक्षर किया। मूल विवाह प्रमाण पत्र को अभी भी चर्च में देखा जा सकता है, जहां एक यादगार रंगीन-कांच को 1976 से 1982 के बीच स्थापित किया था।[२४] बाद में कैथरीन को लिखना-पढ़ना सिखाने के अलावा, ब्लेक ने उन्हें एक नक्काश के रूप में प्रशिक्षित किया। जीवन भर उनके लिए कैथरीन बहुमूल्य वरदान साबित हुईं, जिन्होंने उनकी प्रसिद्ध कृतियों को प्रिंट करने और कई मुसीबतों में उनके उत्साह को बनाए रखने में मदद की.
इस समय जॉर्ज कम्बरलैंड (George Cumberland), जो नेशनल गैलरी के संस्थापकों में से एक थे ब्केल की कृतियों के प्रशंसक बने. ब्लेक की कविताओं का पहला संग्रह पोएटिकल स्केचिज़ वर्ष 1783 में प्रकाशित हुआ।[२५] अपने पिता की मृत्यु के बाद विलियम और उनके भाई रॉबर्ट ने 1784 में एक प्रिंट की दूकान खोल ली और क्रांतिकारी प्रकाशक जॉसेफ जॉन्सन के साथ काम करना शुरु किया। जॉन्सन का घर उस समय के भिन्नमतों वाले कुछ अग्रणी अंग्रेज बुद्धिजीवियों: ब्रह्मविद्या के विद्वान और वैज्ञानिक जोसेफ प्रिस्ट्ले, दार्शनिक रिचर्ड प्राइस, कलाकार जॉन हेनरी फ्युसेली,[२६] आरंभिक नारीवादी मैरी वुलस्टनक्राफ्ट (Mary Wollstonecraft) और अमेरिकी क्रांतिकारी थॉमस पेन का मिलन स्थल था। विलियम वर्ड्सवर्थ और विलियम गॉडविन के साथ-साथ ब्लेक को फ्रेंच और अमेरिकी क्रांतियों से बड़ी उम्मीदें थी और वे फ्रेंच क्रांतिकारियों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए फ्रीजियन कैप पहनते थे, लेकिन रॉबस्पियर तथा फ्रांस में आतंक के शासन की उत्पत्ति के कारण निराश हुए. 1784 में ब्लेक ने अपनी अधूरी पांडुलिपी एन आईलेंड इन द मून की रचना की.
ब्लेक ने मैरी वुलस्टनक्राफ्ट रचित ओरिजिनल स्टोरीज़ फ्रॉम रिअल लाइफ (1788;1791) को चित्रित किया। लैंगिक समानता और विवाह संस्था पर दोनों के विचार साझे लगते हैं, लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता है कि दोनों की वास्तव में भेंट हुई थी। 1793 के विजन्स ऑफ द डॉटर्स ऑफ एल्बियॉन में ब्लेक ने आरोपित यौन शुचिता और बिना प्रेम के विवाह की क्रूर विसंगति की निंदा की और आत्मसंतुष्टि को पूर्ण करने के स्त्रियों के अधिकार का पक्ष लिया।
रिलीफ एचिंग
1788 में, 31 वर्ष की उम्र में, ब्लेक ने रिलीफ एचिंग के साथ प्रयोग करना आरंभ किया, जो ऐसी विधि थी जिसका प्रयोग वे अपने अधिकतर किताबों, चित्रों, पर्चों और, बेशक, अपनी कविताओं जिनमें उनकी लंबी ‘फ्रॉफेसीज’ और उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना द "बाइबल" शामिल थी, के निर्माण में किया। इस प्रक्रिया को इल्युमिनेटेड प्रिंटिंग के नाम से भी जाना जाता है और इससे निर्मित रचनाओं को इल्युमिनेटेड किताब अथवा प्रिंट्स कहा गया। इल्युमिनेटेड प्रिंटिंग में शामिल है कविताओं के शब्दों को तांबे की पट्टिकाओं पर कलम अथवा ब्रश की मदद से लिखना, जिसमें अम्लरोधी माध्यम का प्रयोग किया जाता था। चित्रण पहले की चित्रित पांडुलिपियों की तरह शब्दों के साथ-साथ दिखाई पड़ते थे। तब वे तांबे की पट्टियों को अम्ल में निक्षारते थे ताकि अनुपचारित तांबा घुल जाए और रिलीफ में डिजायन छप जाए (इसलिए इसका नाम पड़ा).
यह एचिंग (निक्षारण) की सामान्य विधि के विपरीत होती है, जहां डिजायन की पंक्तियों को अम्ल के संपर्क में रखा जाता है और पट्टिका को इंटैग्लियो विधि द्वारा प्रिंट किया जाता था। रिलीफ एचिंग (जिसे ब्लेक ने द गोस्ट ऑग ऐबेल में "स्टीरियोटाइप" कहा है) का उद्देश्य उनकी सचित्र पुस्तकों को इंटैग्लियो की तुलना में और अधिक तीव्र गति से तैयार करना था। स्टीरियोटाइप प्रक्रिया का आविष्कार 1725 में किया गया था, जिसमें एक काष्ठ नक्काशी से एक धातुई कास्ट का निर्माण शामिल था, पर ब्लेक के आविष्कार को, जैसा कि ऊपर बताया गया है, काफी अलग माना गया। इन पट्टियों से प्रिंट किए पृष्ठों को तब जलरंग द्वारा हाथ से रंगा जाता था और वॉल्यूम बनाने के लिए उन्हें आपस में नत्थी कर दी जाती थी। ब्लेक ने इल्युमिनेटेड प्रिंटिंग का प्रयोग अपनी अधिकांश सुप्रसिद्ध रचनाओं के लिए किया है, जिनमें शामिल है सोंगज़ ऑफ़ इनोसेन्स एंड एक्सपीरिएंस, द बुक ऑफ थेल, द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल, तथा जेरूसलम .[२७]
नक्काशी
यद्यपि ब्लेक अपने रिलीफ एचिंग के लिए काफी मशहूर हुए, उनकी व्यावसायिक कृतियों में प्रमुख रूप से इंटैग्लियो नक्काशी का ही प्रयोग हुआ है, जो 18वीं सदी में नक्काशी की मानक प्रक्रिया थी, जिसमें कलाकार चित्र को तांबे के प्लेट पर उकेरते थे। यह एक जटिल और श्रमसाध्य प्रक्रिया थी, जिसमें प्लेटों को पूर्ण होने में महीनों अथवा वर्षों का समय लगता था, लेकिन जैसा कि ब्केल के समकालीन जॉन बॉएडेल ने जिक्र किया है, ऐसा उत्कीर्णन "व्यावसायिकता से जुड़ा" था, जिससे कलाकार दर्शक समूह से जुड़ते थे और इस प्रकार यह 18वीं सदी के अंत तक एक महत्वपूर्ण गतिविधि बन गई थी।[२८]
ब्लेक ने अपनी कृतियों में, विशेषकर द बुक ऑफ जॉब, के चित्रण के लिए इंटैग्लियो उत्कीर्णन विधि को अपनाया, जो उनकी मृत्यु से ठीक पहले पूरी हुई. अधिकांश महत्वपूर्ण कार्य, तकनीक के रूप में ब्लेक के रिलीफ एचिंग पर केंद्रित होने लगा, क्योंकि यह उनकी कला का नवीनतम स्वरूप था, किंतु 2009 का एक अध्ययन हमारा ध्यान ब्लेक की वर्तमान में उपलब्ध पट्टिकाओं की ओर खींचता है जिसमें वे भी शामिल हैं, जो द बुक ऑफ़ जॉब के लिए बनाए गए थे: ये इस बात की व्याख्या करते हैं कि उन्होंने उस तकनीक का बार-बार प्रयोग किया जिसे “रिपॉजेज़” ("repoussage") के नाम से जाना जाता है, जो पट्टिका को पीछे की ओर से हथौड़े से पीटकर गलतियों को सुधारने की विधि थी। उस समय की उत्कीर्णन रचनाओं के लिए ये खास तकनीकें, ब्लेक द्वारा अपने रिलीफ एचिंग के लिए उपयोग में लाई जाने वाली द्रव चित्रण विधि से अधिक तीव्र गति वाली थी और वे दर्शाती हैं कि उत्कीर्णन को पूर्ण होने में उतना अधिक समय क्यों लगता था।[२९]
बाद का जीवन और कैरियर
ब्लेक की कैथरीन के साथ शादी उनकी मृत्यु तक गहरी और समर्पित रही. ब्केल ने कैथरीन को लिखना सिखाया और कैथरीन ने उन्हें उनकी प्रिंटेड कविताओं में रंग भरने में मदद की.[३०] गिलक्रिस्ट शादी से पहले के जीवन को “मुसीबत से भरा समय” मानते हैं।[३१] कुछ जीवनीकारों ने संकेत किया है, कि ब्लेक ने स्वेडनबॉर्गियन सोसाइटी (Swedenborgian Society) की मान्यताओं के अनुसार अपने साथ एक रखैल भी रखने की कोशिश की थी,[३२] पर अन्य विद्वानों ने इन मान्यताओं को अटकलबाजी कहकर खारिज कर दिया.[३३] विलियम तथा कैथरीन की पहली तथा संभवतः अंतिम संतान थेल हो सकती है, जिसे द बुक ऑफ़ थेल में मृत बताया गया है।[३४]
फेलफैम
1800 ई. में ब्लेक, एक कनिष्ठ कवि विलियम हेले की कृतियों का चित्रण करने के लिए ससेक्स (अब वेस्ट ससेक्स) में फेलफैम स्थित कॉटेज में चले गए। इसी कॉटेज में ब्लेक ने शुरू किया Milton: a Poem (टाइटल पृष्ठ 1804 का है लेकिन ब्लेक ने इस पर 1808 तक काम करना जारी रखा). इस रचना की भूमिका में एक कविता दी गई है जो “एंड डिड दोज़ फीट इन एंशेन्ट टाइम/प्राचीन काल में वे कदम” पंक्ति से आरंभ होती है, जो "जेरूसलम" नामक गान के शब्द बने. आगे चल कर, जब ब्लेक को यह पता चला कि उनके नए संरक्षक हेले का सच्ची कलात्मकता में यकीन नहीं है और उसके लिए यह महज "एक नीरस व्यापार है", तो वे इस बात पर उससे नाराज हो गए (इ724). माना जाता है, कि हेले के साथ ब्लेक की अनबन का असर मिल्टन: अ पोयम पर पड़ा जिसमें ब्लेक ने लिखा है "सांसारिक मित्र आध्यात्मिक शत्रु होते हैं"(4:26, इ98).
प्राधिकार के साथ ब्लेक की अनबन अगस्त 1803 में एक मुसीबत बन गई जब एक सैनिक जॉन स्कॉफिल्ड के साथ उनकी हाथापाई हुई.[३५] ब्लेक पर न केवल हमला करने का आरोप लगा बल्कि राजा के खिलाफ राजद्रोहात्मक और षडयंत्रकारी शब्दों के प्रयोग का इल्जाम भी लगा. स्कॉफिल्ड ने दावा किया कि ब्लेक ऐसा कहते हुए चिल्लाए थे, “लानत है राजा पर. सैनिक पूरी तरह गुलाम हैं।”[३६] क्रिचेस्टर के न्याय सत्र में ब्लेक को आरोपों से मुक्त कर दिया गया। ससेक्स काउंटी के अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, “[साक्ष्य] का आविष्कृत चरित्र ...था इसलिए उन्हें दोषमुक्त किया गया”.[३७] बाद में जेरुसलम के एक चित्र में स्कॉफिल्ड को “मनगढ़ंत बेड़ियां पहने” दिखाया गया।[३८]
लंदन में वापसी
ब्लेक 1804 में लंदन लौटे और अपनी सबसे महत्वाकांक्षी रचना जेरूसलम (1804-1820) का लेखन और चित्रण आरंभ किया। चॉसर के कैंटरबरी टेल्स में पात्रों को चित्रित करने का सुझाव मानकर ब्लेक ने चित्रण के विपणन की बात ध्यान में रखकर व्यापारी रॉबर्ट क्रोमेक से संपर्क किया। यह जानकर कि ब्लेक एक लोकप्रिय रचना के निर्माण में मनमौजीपूर्ण रवैया अपना रहे हैं, क्रोमेक ने अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए तुरंत ब्लेक के मित्र थॉमस स्टोथर्ड (Thomas Stothard) को नियुक्त कर लिया। जब ब्लेक ने यह जाना कि उनके साथ धोखा हुआ है, उन्होंने स्टोथर्ड के साथ संबंध तोड़ लिया। उन्होंने लंदन के सोहो जिले में 27 ब्रॉड स्ट्रीट पर स्थित अपने भाई की बिसाती की दुकान में अपनी एक स्वतंत्र प्रदर्शनी भी लगाई. इस प्रदर्शनी को लगाने का उद्देश्य था अन्य रचनाओं के साथ कैंटरबरी चित्रण (द कैंटरबरी पिलग्रिम्स के शीर्षक से) के उनके अपने रूपांतरण की बिक्री करना. इसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपना डिस्क्रिप्टिव कैटेलॉग (1809) लिखा, जिसमें वह बात थी जिसे एंथनी ब्लंट ने सॉसर के बारे में “शानदार विश्लेषण” कहा. इसे सॉसर की समीक्षा के क्लासिक रूप में नियमित रूप से संकलित किया गया।[३९] इसमें उनके अन्य चित्रों के विस्तृत विवरण भी दिए गए हैं।
यद्यपि कि स्वयं प्रदर्शनी में बहुत कम लोग आए और कोई भी टेम्पेरा अथवा जलचित्र नहीं बिका. द एग्जैमिनर में छपा इसका इकलौता रिव्यू नकारात्मक था।[४०]
उनका परिचय जॉर्ज कम्बरलैंड द्वारा एक युवा कलाकार जॉन लिनेल से कराया गया। लिनेल के जरिए उनकी मुलाकात सैमुएल पामर से हुई जिनका संबंध कलाकारों के एक समूह से था, जो अपने आप को सोरम एंशेन्ट कहते थे। यह समूह ब्लेक द्वारा आधुनिक प्रवृत्तियों की अस्वीकृति तथा आध्यात्मिकता और कलात्मक न्यू एज़ के बारे में उनकी आस्था से इत्तफाक रखता था। 65 वर्ष की उम्र में ब्लेक ने द द बुक ऑफ़ जॉब के चित्रण का काम शुरू किया। ये रचनाएं बाद में रस्किन द्वारा प्रशंसित हुई जिन्होंने ब्लेक की तुलना रेम्ब्रेंट से की और वॉघन विलियम्स द्वारा, जिन्होंने अपने बैले जॉब: अ मास्क फॉर डान्सिंग को चित्रों की चयनिका पर आधारित किया।
अपने जीवन के बाद के दौर में ब्लेक ने बड़ी संख्या में अपनी कृतियों, खासकर अपने बाइबल चित्रण को, थॉमस बट्स, एक संरक्षक जिसने ब्लेक को कलात्मक प्रतिभाओं से संपन्न एक आदमी के बजाए एक दोस्त के रूप में अधिक देखा, के हाथों बेचना शुरू कर दिया; ब्लेक के बारे में यह विशिष्ट राय उनके जीवन भर कायम रही.
दांते की डिवाइन कॉमेडी
दांते की डिवाइन कॉमेडी के लिए काम करने का अवसर ब्लेक को 1826 में लिनेल के जरिए मिला, जिसका सबसे बड़ा उद्देश्य था नक्काशी (उत्कीर्णन) का एक सिरीज़ तैयार करना. 1827 में ब्लेक की मृत्यु हो जाने के बाद यह काम रुक गया और केवल कुछ ही जलचित्र पूरे हो सके, उनमें से भी केवल सात नक्काशियां ही प्रूफ रूप में तैयार की जा सकीं. तब भी, उन्हें प्रशंसा मिली:
- दांते के तैल चित्र ब्लेक की बेहतरीन उपलब्धियों में से एक हैं जिसमें इतने जटिल काव्य का कठिन चित्रण किया गया है। जलचित्र का हुनर पहले की तुलना में बहुत ही ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और काव्य में अस्तित्व की तीन अवस्थाओं के वातावरण को विभेदित करने में विशिष्ट प्रभाव का प्रयोग किया गया है।[४१]
ब्लेक द्वारा काव्य का चित्रण केवल एक संलग्न कृति नहीं थी बल्कि पाठ के समीक्षात्मक पुनरावलोकन अथवा कुछ आध्यात्मिक अथवा नैतिक पहलुओं पर टिप्पणी भी था।
परियोजना के कभी पूरा नहीं होने के कारण ब्लेक का उद्देश्य अस्पष्ट हुआ हो सकता है। कुछ संकेतक यद्यपि इस बात की पुष्टि करते हैं कि अपनी पूर्णता में ब्लेक के चित्रण ने स्वयं ही अपने संलग्न पाठ के मुद्दे को लिया होगा: होमर बियरिंग द सोर्ड एंड हिज़ कम्पेनियंस के हाशिए पर ब्लेक लिखते हैं, “दांते की कॉमेडिया की हर बात यह दिखाती है कि उत्पीड़न के उद्देश्य से उसने इस संसार को सबके आधार के रूप में और दैवी प्रकृति के रूप में किंतु होली गोस्ट के रूप में नहीं, बनाया है”. ब्लेक दांते द्वारा [[प्राचीन यूनानियों की काव्य कृतियों की प्रशंसा और दांते द्वारा जिस प्रकट आह्लाद के साथ नर्क में सजाएं दी जाती हैं (जैसा कि कैंटोस के भयानक हास्य से प्रमाणित हैं) से सहमत नहीं दिखते.
इसी के साथ, ब्लेक भौतिकवाद और शक्ति की भ्रष्टाचारी प्रकृति में दांते के अविश्वास से सहमत हैं और दांते की कृति के वातावरण और काल्पनिकता को चित्रात्मक रूप से प्रदर्शित करने का अवसर पाने पर वे स्पष्ट रूप से खुश होते हैं। यद्यपि यह जानकर भी कि अब वे मृत्यु के निकट हैं, ब्लेक की मुख्य तल्लीनता दांते की इंफर्नो के चित्रण के व्यग्रतापूर्ण कार्य में थी; कहा जाता है कि उन्होंने पास बचे अंतिम शीलिंग से उसने स्केचिंग जारी रखने के लिए एक पेंसिल खरीदी.[४२]
मृत्यु
अपनी मृत्यु के दिन ब्लेक दांते के सिरीज़ पर अनवरत काम करते रहे. ऐसा उल्लेख मिलता है कि आखिरकार, उन्होंने काम बन्द किया और अपनी पत्नी की ओर मुखातिव हुए जो उनके बिस्तर के पास बैठी रो रही थीं। उन्हें देखकर ब्लेक ने चिल्लाकर कहा, “कैटे ठहरो! बस वैसी ही रहो जैसी हो, मैं अभी तुम्हारा एक पोर्ट्रेट बनाता हूं क्योंकि तुम मेरे लिए हमेशा एक फरिश्ता रही हो.” इस पोर्ट्रेट (अब उपलब्ध नहीं) के पूरा हो जाने पर, ब्लेक ने अपने औजार रख दिए और स्तोत्र और श्लोकों का गान करने लगे.[४३] उस शाम छ: बजे, अपनी पत्नी से हमेशा साथ रहने का वादा कर, ब्लेक मर गए। गिलक्रिस्ट बताते हैं कि उसी मकान में रहने वाली एक महिला किराएदार ने, जो उनकी मृत्यु के समय उपस्थित थी, कहा "मैं उपस्थित थी किसी व्यक्ति की मृत्यु पर नहीं बल्कि एक पुण्यात्मा फरिश्ते की मृत्यु पर".[४४]
सैमुएल पामर को लिखे एक पत्र में जॉर्ज रिचमंड ने निम्नलिखित विवरण दिया है: साँचा:cquote
लिनेल द्वारा उधार दिए गए पैसे से कैथरीन ने ब्लेक की अंत्येष्टी के लिए पैसे चुकाए. उन्हें उनकी मृत्यु के पांच दिन बाद उनकी शादी की पैंतालिसवीं सालगिरह पर बनहिल फील्ड्स के डिसेंटर्स कब्रगाह में दफनाया गया, जहां उनके माता-पिता भी दफन किए गए थे। अंत्येष्टी समारोह में शामिल होने वाले व्यक्ति थे- कैथरीन, एडवर्ड कैलवर्ट, जॉर्ज़ रिचमंड, फ्रेडरिक टैथम तथा जॉन लिनेल. ब्लेक की मृत्यु के बाद कैथरीन को हाउसकीपर के रूप में टैथम के घर में काम करना पड़ा. इस दौरान वे मानती रहीं कि ब्लेक की आत्मा उनसे नियमित रूप से मिलने आती है। उन्होंने ब्लेक की चित्रित कृतियों और चित्रों को बेचना जारी रखा, लेकिन बिना “श्रीमान ब्लेक की सलाह” के बिना उन्होंने कोई व्यापारिक सौदा नहीं किया।[४५] अपनी खुद की मृत्यु के दिन अक्टूबर 1831 में कैथरीन अपने पति के समान ही शांत और प्रसन्न थीं और उन्होंने ब्लेक को इस तरह पुकारा "मानो वे बगल के कमरे में हों और वह उनके पास बिना देर किए जा रही हों".[४६]
उनकी मृत्यु पर, ब्लेक की पांडुलिपियों की विरासत फ्रेडरिक टैथम को मिली जिसने उनमें से अनेक को जला डाला जिसे वह धर्म विरोधी अथवा राजनैतिक रूप से अधिक क्रांतिकारी मानता था। टैथम इरविंगाइट बन गया जो 19वीं शताब्दी के अनेक रुढ़िवादी अभियानों में से एक था और ऐसी किसी भी कृति का गंभीर विरोध करता था जिसमें "धर्म निन्दा की बातें" हों.[४७] ब्लेक के कई चित्रों में आए यौन बिम्बविधानों को भी जॉन लिनेल द्वारा मिटा दिया गया।[४८]
1965 से विलियम ब्लेक के दफनाने के स्थान की सही-सही पहचान खो गई और भुला दी गई, जबकि कब्र पर लगे पत्थर निकाल कर उनसे नए लॉन बनाए गए। इन दिनों ब्लेक की कब्र का स्मरण एक शिलालेख द्वारा होता है जिसमें लिखा है “यहीं कहीं पड़े हैं कवि चित्रकार विलियम ब्लेक 1757-1827 और उनकी पत्नी कैथरीन सोफिया 1762-1831 के अवशेष”. यह स्मारक शिला ब्लेक की अचिह्नित कब्र की वास्तविक जगह से लगभग 20 मी. की दूरी पर स्थित है। हालांकि, फ्रेंड्स ऑफ विलियम ब्लेक समूह के सदस्यों ने ब्लेक की कब्र की दुबारा खोज की है और उनका इरादा उस स्थल पर एक स्थाई स्मारक स्थापित करने की है।[४९][५०]
एक्लेसिया नोस्टिका कैथोडिका (Ecclesia Gnostica Catholica) में ब्लेक को अब एक संत के रूप में माना जाता है। 1949 में ऑस्ट्रेलिया में, उनके सम्मान में धार्मिक कला के लिए ब्लेक पुरस्कार (ब्लेक प्राइज़) की स्थापना की गई। 1957 में, ब्लेक और उनकी पत्नी की याद में, वेस्टमिंस्टर ऐबे में एक स्मारक की स्थापना की गई।[५१]
ब्लेक के दृष्टिकोणों का विकास
ब्लेक के परवर्ती काव्य में पाए जाने वाले व्यक्तिगत मिथक शास्त्र और जटिल प्रतीकवाद के कारण उनकी परवर्ती कृतियां आरंभिक कृतियों की तुलना में कम प्रकाशित हुईं. पैटी स्मिथ द्वारा हाल में संपादित विंटेज एंथोलॉजी ऑफ ब्लेक आरंभिक कृतित्व पर मुख्य रूप से केन्दित है, जैसा कि डी.जी.गिल्हैम कृत विलियम ब्लेक जैसी अनेक समीक्षात्मक अध्ययनों द्वारा किया गया है।
ब्लेक के आरंभिक कृतित्व विद्रोही प्रकृति की हैं और उन्हें रूढ़िवादी धर्म के खिलाफ प्रतिरोध के रूप में देखा जा सकता है। यह बात द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल में खास तौर पर परिलक्षित होती है जिसमें शैतान दरअसल पाखंडी सत्तावादी देवता के विरुद्ध विद्रोह करने वाला नायक है। मिल्टन तथा जेरूसलम जैसी परवर्ती कृतियों में ब्लेक ने, पारंपरिक धर्म के कठोर और दूषित सत्तावाद के विरुद्ध अपनी आरंभिक नकारात्मक दृष्टिकोण को बरकरार रखते हुए, आत्मत्याग और क्षमा जैसे गुणों द्वारा मानवता के पुनरुद्धार का एक विशिष्ट दर्शन का चित्रण किया है। ब्लेक के सभी पाठकों में इस बात को लेकर सहमति नहीं है कि उनकी पहले और बाद की कृतियों के बीच कितनी निरंतरता है।
मनोविश्लेषक ज्यून सिंगर ने लिखा है कि ब्लेक की बाद की कृतियों में उन विचारों के विकास को दर्शाया गया है, जो उनकी आरंभिक कृतियों में पहली बार पाए गए, जैसे कि, शरीर और आत्मा की व्यक्तिगत संपूर्णता को प्राप्त करने के मानवतावादी लक्ष्य. ब्लेक पर उनके अध्ययन द अनहोली बाइबल के विस्तारित अंक के आखिरी खंड में ज्यून ने सुझाया है कि वास्तव में उनकी बाद की कृतियां “नर्क का बाइबल” हैं जो द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल में प्रतिज्ञात है। ब्लेक की अंतिम कविता “जेरूसलम” के संदर्भ में वह लिखती हैं:
द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल में प्रतिज्ञात मनुष्य का दैवीपन अंतत: पूर्ण हुआ।[५२]
हालांकि जॉन मिडलटन मरी (John Middleton Murry) मैरिज़ तथा बाद की कृतियों के बीच विच्छिन्नता की बात लिखते हैं जिसमें आरंभ में ब्लेक द्वारा ऊर्जा और कारण (तर्क) के बीच स्पष्ट नकारात्मक विरोध पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, बाद में चलकर ब्लेक ने आंतरिक एकात्मता के पथ के रूप में आत्मत्याग और क्षमा के भाव पर जोर डाला है। द मैरिज़ ऑफ हैवन एंड हेल के तीव्रतर द्वैतवाद का यह परित्याग खासतौर से बाद की कृतियों में यूरिजेन के चरित्र के मानवीकरण द्वारा स्पष्ट है। मिडलटन ब्लेक की परवर्ती कृतियों की विशेषता “आपसी समझ” तथा “एक दूसरे के लिए क्षमा” के रूप में बताते हैं।[५३]
ब्लेक और यौनता
19वीं शताब्दी का "मुक्त प्रेम" अभियान
ब्लेक को (मैरी वुलस्टनक्राफ्ट तथा उनके पति विलियम गॉडविन के साथ) कभी-कभी 19वीं शताब्दी के मुक्त प्रेम आन्दोलन तथा विवाह को दासता मानने वाले और समलैंगिकता, वेश्यावृत्ति तथा यहां तक कि आरंभिक 20वीं शताब्दी में चले परिवार नियोजन (जन्म नियंत्रण) आन्दोलन के मूल में स्थित व्यभिचार जैसे यौन क्रियाकलापों पर राज्य द्वारा लागू होने वाले सभी प्रतिबन्धों को खत्म करने की वकालत करने वाली 1820 में आरंभ हुई विस्तृत सुधार परंपरा का अग्रदूत माना जाता है। ब्लेक की विद्वता आज की बजाए 20वीं शताब्दी की विषयवस्तु पर अधिक केन्द्रित थी, हालांकि मुख्यत: ब्लेक पर काम करने वाले विद्वान मैग्नस एंकैर्ज़ो (Magnus Ankarsjö) के द्वारा, जिसने इस व्याख्या को संयमपूर्वक चुनौती दी है, इस बात का जिक्र आज भी किया जाता है। 19वीं शताब्दी का मुक्त प्रेम आन्दोलन एक से अधिक यौन सहभागियों के विचार पर खास केन्द्रित नहीं था लेकिन यह वॉल्स्टनक्राफ्ट की इस राय से सहमत था कि राज्य द्वारा अनुमोदित विवाह “कानूनी वेश्यावृत्ति” था और इसका चरित्र एकाधिकारवादी था। पूर्ववर्ती नारीवादी आन्दोलनों[५४](खासकर मैरी वुलस्टनक्राफ्ट के उन लेखनों के संदर्भ में जिसकी प्रशंसा ब्लेक ने की थी) से इसकी बहुत समानता थी।
ब्लेक अपने जमाने के विवाह नियमों के आलोचक थे और आमतौर पर यौन शुचिता को एक सदगुण मानने वाली पारम्परिक ईसाई धारणा की घोर निन्दा किया करते थे। अपनी शादी के जबरदस्त तनाव के दौरान, जिसका कारण यह था कि कैथरीन प्रत्यक्ष रूप से संतान उत्पन्न करने में अक्षम थी, उन्होंने सीधे-सीधे दूसरी पत्नी घर में लाने की वकालत की. उनके काव्य के अनुसार वैवाहिक वफादारी की मांग के कारण प्रेम सच्चे लगाव की जगह एक जिम्मेदारी भर बन कर रह जाता है। उनका काव्य विवाह नियमों को ईर्ष्या और अहंकार की वजह के रूप में निन्दा करता है। “व्हाई शुड आई बी बाउंड टु दी”, “ओ माई लवली मर्टल-ट्री?” और “अर्थ्स आन्सर” जैसी कविताएं एकाधिक यौन साथियों की वकालत करती हुई लगती हैं। उनकी कविता “लंदन” विवाह-अर्थी (the Marriage-Hearse) की बात करती है". ब्रोमियन तथा ऊथून (Oothoon) का साथ कानून द्वारा न कि प्रेम द्वारा होने के कारण विजन्स ऑफ द डॉटर्स ऑफ एल्बियॉन व्यापक रूप से (हालांकि वैश्विक रूप से नहीं) मुक्त प्रेम को दी गई श्रद्धांजलि के रूप में मानी गई है। ब्लेक के लिए कानून और प्रेम दो विरोधी बातें हैं और वे “प्रोज़न मैरिज़-बेड” को फटकार लगाते हैं। विजंस में ब्लेक लिखते हैं:
टिल शी हू बर्न्ज़ विद यूथ, एंड नोज़ नो फिक्स्ड लोट, इज़ बाउंड
इन स्पेल्ज़ ऑफ़ ला टू वन शी लोथ्स? एंड मस्ट शी ड्रैग द चैन
ऑफ़ लाइफ इन वेअरी लस्ट? (5.21-3, इ49)
19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध कवि और मुक्त प्रेम के हिमायती एल्गर्नन चार्ल्स स्विनबर्न (Algernon Charles Swinburne) ने एक पूरी किताब उपरोक्त अभिप्राय पर ध्यान आकर्षित करते हुए ब्लेक पर लिखा है, जिसमें ब्लेक “पवित्र प्राकृतिक प्रेम” की प्रशंसा करते हैं जो दूसरों की अधिकारपूर्ण ईर्ष्या, जिसे ब्लेक ने “रेंगने वाले कंकाल” के रूप में माना है, से बंधा नहीं होता.[५५] स्विनबर्न यह भी लिखते हैं कि किस प्रकार ब्लेक की रचना मैरिज़ ऑफ हैवन एंड हेल रूढ़िवादी नियमों की वकालत करने वालों की “धूमिल धार्मिक लम्पटता” की निन्दा करती है।[५६] मुक्त प्रेम के 19वीं शताब्दी के एक बुद्धिजीवी एडवर्ड कार्पेंटर (1844–1929) भी ब्लेक के बाह्य प्रतिबंधों से मुक्त रहस्यवादी विचार से प्रभावित थे।[५७]
आरंभिक 20वीं शताब्दी में पियरे बर्जर ने यह बताया कि किस प्रकार ब्लेक के दृष्टिकोण कर्तव्य आधारित प्रेम की बजाए आनन्दपूर्ण सच्चे प्रेम संबंधी मैरी वुलस्टनक्राफ्ट के विचार से,[५८] जिसमें आनन्दपूर्ण सच्चे प्रेम को शुद्धता की सही माप माना गया है, मिलते हैं।[५९]आयरीन लैंग्रिज लिखती हैं कि ब्लेक के रहस्यवादी और गैर रूढ़िवादी मत के अनुसार मुक्त प्रेम का सिद्धांत कुछ ऐसा है जिसे ब्लेक "आत्मा" की उन्नति के लिए चाहते हैं[६०] माइकल डेविड की 1977 किताब विलियम ब्लेक न्यू काइंड ऑफ मैन स्वीकार करता है कि ब्लेक के विचार में मनुष्य को दैवी एकत्व से अलग करने वाला कारक ईर्ष्या है जिसके कारण वह नीचे गिरकर एक ठंडी मौत का भागी बनता है।[६१]
एक ब्रह्मविज्ञानी लेखक के रूप में ब्लेक में मनुष्य की "अधमशीलता" का भाव है। एस. फोस्टर डैमन ने लिखा है कि ब्लेक के लिए मुक्त प्रेम आधारित समाज की राह में बड़े अड़चन थे दूषित मानव प्रकृति और न केवल समाज की असहिष्णुता तथा मनुष्य के प्रति ईर्ष्या बल्कि मानवीय संप्रेषण की झूठी पाखंडी प्रकृति.[६२] थॉमस राइट 1928 में अपनी किताब लाइफ ऑफ विलियम ब्लेक (मुक्त प्रेम के ब्लेक के सिद्धांत को पूरी तरह समर्पित) में लिखते हैं कि ब्लेक सोचते हैं कि व्यवहार में विवाह को प्रेम के आनन्द पर आधारित होना चाहिए, लेकिन वास्तव में प्राय: ऐसा नहीं होता[६३] क्योंकि जब पति-पत्नी को बंधे होने का एहसास होता है तब उनकी खुशी जाती रहती है। पियरे बर्जर ब्लेक की आरंभिक मिथकशास्त्रीय कविताओं जैसे अहैनिया (Ahania) का विश्लेषण करते हुए यह बताते हैं कि विवाह के नियम मनुष्य के अध:पतन के कारण बने हैं क्योंकि इनका जन्म अहंकार और ईर्ष्या से होता है।[६४]
कुछ विद्वानों ने लिखा है कि "मुक्त प्रेम" पर ब्लेक के विचार सापेक्ष हैं और उनके जीवन के अंतिम वर्षों में उनमें बदलाव और रूपांतरण भी हुआ हो सकता है। इस अवधि की कुछ कविताएं जैसे कि द सिक रोज़ बलात यौनता के खतरों के बारे में आगाह करती हैं। मैग्नस एंकैर्ज़ो लिखते हैं कि यद्यपि विजन्स ऑफ द डॉटर्स ऑफ एल्बियॉन की नायिका मुक्त प्रेम की एक प्रबल समर्थक है, कविता के अंत में अपनी यौनता के अन्धेरे पक्ष से अपना परिचय बढ़ने पर वह अधिक सतर्क होकर चीखती है “क्या यह प्रेम हो सकता है जो दूसरे को सोखता है जैसे कि स्पंज पानी को?”[६५] एंकैर्ज़ो यह भी लिखते हैं कि ब्लेक की एक बड़ी प्रेरणा स्रोत मैरी वुलस्टनक्राफ्ट अपने जीवन के बाद के दिनों में यौन स्वतंत्रता के बारे में इसी तरह के अधिक सतर्क विचार धारण करती हैं। पूर्व वर्णित ब्लेक के मानवीय अधमशीलता के भाव के आलोक में एंकैर्ज़ो (Ankarsjö) का विचार है कि जैसा ल्यूथा की नारी पात्र के उदाहरण से स्पष्ट है पूरी तरह केवल कानून की अवज्ञा के लिए ब्लेक ऐन्द्रिक आसक्ति से पूर्णत: सहमत हों ऐसी बात नहीं थी, क्योंकि अनुभव की अधम दुनिया में सभी प्रेम बंधनयुक्त होते हैं।[६६] एंकैर्ज़ो (Ankarsjö) ब्लेक द्वारा साथियों की साझेदारी वाले एक कम्यून को समर्थन देने की चर्चा करते हैं, हालांकि डेविड वॉरेल ने अभी हाल में द बुक ऑफ थेल का पाठ स्वीडेनबर्गियन चर्च के कुछ सदस्यों द्वारा रखैलों को अपनाने के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के रूप में किया है।[६७]
ब्लेक के बाद के लेखन ईसाई धर्म में उनकी नई दिलचस्पी को दर्शाते हैं और हालांकि वे मूल रूप से ईसाई नैतिकता की पुनर्व्याख्या इस रूप में करते हैं जिसमें ऐन्द्रिक सुख सन्निहित है, उनकी अनेक आरंभिक कविताओं में यौन इच्छास्वातंत्र्य पर नहीं के बराबर बल दिया गया है तथा "आत्म-निषेध" का समर्थन किया गया है, हालांकि ऐसा आत्मत्याग निश्चित रूप से अधिकारवादी बाध्यता की बजाय प्रेम से प्रेरित होना चाहिए.[६८] बर्जर (स्वीनबर्ग से कहीं अधिक) ब्लेक की पहले और बाद की रचनाओं के बीच संवेदना में परिवर्तन के प्रति खासतौर से संवेदनशील हैं। बर्जर पाते हैं कि युवा ब्लेक आवेगों के अनुसरण पर ज्यादा बल देते हैं[६९] और उम्र बीतने पर सच्चे प्रेम के उस अच्छे आदर्श के हिमायती हो जाते हैं जिसमें सच्चा आत्मत्याग शामिल होता है। रहस्यवादी ऐन्द्रिकता का एक यशोगान बाद की कविताओं में पाई जाती है (सबसे स्पष्ट रूप से ईसामसीह की माता के कौमार्य के बारे में ब्लेक के प्रतिवाद में). यद्यपि बाद की कविताएं क्षमा, मुक्ति तथा संबंधों के आधार के रूप में भावनात्मक सच्चाई पर अधिक बल देती हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण
यद्यपि ब्लेक द्वारा रूढ़िवादी धर्म पर प्रहार किया जाना उनके समय में एक सन्न कर देने वाली बात थी, धार्मिकता के लिए उनका निषेध अपने आप में धर्म का निषेध नहीं था। रूढ़िवाद के प्रति उनका दृष्टिकोण द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल, बाइबल की भविष्यवाणी की नकल में लिखे गए पाठों के एक सिरीज़ से स्पष्ट होता है। उसमें ब्लेक ने नर्क की अनेक उक्तियों की सूची दी है जिसमें निम्नलिखित शामिल है:
-
- प्रिज़न्ज़ आर बिल्ट विद स्टोनज़ ऑफ़ ला, ब्रोथलज़ विद ब्रिक्स ऑफ़ रिलिजन.
- ऐज़ द केटरपिलर [सिक ] चुज़िज़ द फेयरेस्ट लीव्ज़ टू ले एग्ज़ ओन, सो द प्रीस्ट लेज़ हिज़ कर्स ओन द फेयरेस्ट जोय्ज़. (8.21, 9.55, इ36)
- प्रिज़न्ज़ आर बिल्ट विद स्टोनज़ ऑफ़ ला, ब्रोथलज़ विद ब्रिक्स ऑफ़ रिलिजन.
द एवरलास्टिंग गॉस्पेल में ब्लेक ईसामसीह को दार्शनिक अथवा पारंपरिक मसीहा के रूप में न प्रस्तुत कर एक सर्वोच्च सृजनकार (सर्जन) के रूप में दर्शाया है जो सिद्धांत, तर्क और यहां तक कि नैतिकता से भी परे हैं:
-
- इफ ही हैड बीन एंटीक्राइस्ट क्रीपिंग जीज़स,
- हेड हैव डन एनिथिंग टू प्लीज़ अस:
- गों स्नीकिंग इनटू सिनेगोगुअस
- एंड नोट यूएसडी द एल्डरज़ एंड प्रीस्ट लैक डोग्ज़,
- बट हम्बल एज़ अ लैम्ब ऑर एस,
- ओबेड हिमसेल्फ टू कैयाफस.
- गोड वांट्स नोट मैन टू हम्बल हिमसेल्फ (55-61, इ519-20)
- ओबेड हिमसेल्फ टू कैयाफस.
- बट हम्बल एज़ अ लैम्ब ऑर एस,
- एंड नोट यूएसडी द एल्डरज़ एंड प्रीस्ट लैक डोग्ज़,
- गों स्नीकिंग इनटू सिनेगोगुअस
- हेड हैव डन एनिथिंग टू प्लीज़ अस:
- इफ ही हैड बीन एंटीक्राइस्ट क्रीपिंग जीज़स,
ब्लेक के लिए ईसामसीह देवत्व तथा मनुष्यता के बीच जीवन से भरपूर संबंध और उनकी एकता के प्रतीक हैं: “सबकी भाषा मूलत: एक थी और सबका धर्म मूलत: एक था: यह था ईसामसीह का धर्म, एवरलास्टिंग गॉस्पेल (शाश्वत सिद्धांत). प्राचीनता ईसामसीह के सिद्धांत का उपदेश देती है।" (डिस्क्रिप्टिव कैटेलॉग, प्लेट 39, इ543)
ब्लेक ने अपने मिथक खुद तैयार किए थे जो उनकी भविष्यसूचक पुस्तकों में व्यापक रूप से दिखाई पड़ते हैं। इनमें ब्लेक ने अनेक पत्रों को चित्रित किया है जिनमें शामिल हैं ‘यूरिजेन’, ‘एनिथैर्नन’, ‘ब्रोमियन’ तथा ‘लूवा’. ऐसा लगता है इस मिथकशास्त्र का आधार बाइबल तथा ग्रीक मिथकशास्त्र हैं[७०] और एवरलास्टिंग गॉस्पेल के बारे में उनके विचार का यह अनुगमन करता है।
स्टाइल = "पाठ- संरेखण: बाएं;" | "मुझे एक प्रणाली बनानी चाहिए या दूसरे आदमी की प्रणाली का गुलाम बन जाना चाहिए. मैं तर्क और तुलना नहीं करूँगा; मेरा काम निर्माण करना है।" |
ब्लेक की Jerusalem: The Emanation of the Giant Albion में लॉस द्वारा बोले गए शब्द. |
रूढ़िवादी ईसाई मत के प्रति ब्लेक का सबसे प्रबल विरोध यह है कि यह कुदरती इच्छाओं के दमन को प्रोत्साहित करता है और सांसारिक सुख की निन्दा करता है। अ विजन ऑफ द लास्ट जजमेंट में ब्लेक कहते हैं:
- मनुष्य का स्वर्ग में प्रवेश का कारण यह नहीं है कि उन्होंने अपने को वश में किया है तथा अपनी कामनाओं को नियंत्रित किया है अथवा वे कामना रहित हैं, बल्कि यह है कि उन्होंने इन सब के बारे में ज्ञान हासिल किया है। स्वर्ग का खजाना कामनाओं का निषेध नहीं बल्कि यह बुद्धि की वास्तविकता है, जिससे सारी कामनाएं स्वतंत्र रूप से अपनी शाश्वत ख्याति के साथ उत्पन्न होती हैं। (इ564)
धर्म संबंधी उनके कथनों को द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल में देखा जा सकता है:
- निम्नलिखित दोषों का कारण बाइबल तथा सारे पवित्र नियम हैं।
-
- 1. मनुष्य के जीवन के दो वास्तविक सिद्धांत हैं अर्थात: पहला शरीर और दूसरी आत्मा.
- 2. ऊर्जा, जिसे दुष्ट शक्ति कहा जाता है, शरीर से अलग होती है और वह कारण जिसे हम ईश्वर कहते हैं, आत्मा से भिन्न होता है।
- 3. पारलौकिक जीवन में ईश्वर द्वारा मनुष्य को उसकी ऊर्जाओं के अनुसरण के लिए यातनाएं दी जाएंगी.
- 2. ऊर्जा, जिसे दुष्ट शक्ति कहा जाता है, शरीर से अलग होती है और वह कारण जिसे हम ईश्वर कहते हैं, आत्मा से भिन्न होता है।
- 1. मनुष्य के जीवन के दो वास्तविक सिद्धांत हैं अर्थात: पहला शरीर और दूसरी आत्मा.
- लेकिन, इनके विपरीत सच ये हैं:
-
- 1. आत्मा से अलग मनुष्य का कोई शरीर नहीं होता जिसे शरीर कहते हैं वह आत्मा का पांच इन्द्रियों द्वारा पहचाने जाने योग्य एक हिस्सा है, इस युग में आत्मा के ये मुख्य प्रवेशद्वार हैं।
- 2. ऊर्जा ही केवल जीवन है और यही शरीर का निर्माण करता है और तर्क ऊर्जा की सीमा अथवा बाहरी परिधि है।
- 3. ऊर्जा शाश्वत आनन्द है। (प्लेट 4, इ34)
- 2. ऊर्जा ही केवल जीवन है और यही शरीर का निर्माण करता है और तर्क ऊर्जा की सीमा अथवा बाहरी परिधि है।
- 1. आत्मा से अलग मनुष्य का कोई शरीर नहीं होता जिसे शरीर कहते हैं वह आत्मा का पांच इन्द्रियों द्वारा पहचाने जाने योग्य एक हिस्सा है, इस युग में आत्मा के ये मुख्य प्रवेशद्वार हैं।
ब्लेक इस धारणा को नहीं मानते थे कि आत्मा से शरीर अलग होता है और यह कि शरीर को आत्मा के नियम के अधीन रहना चाहिए, बल्कि इसकी बजाए वे शरीर को आत्मा का विस्तार मानते हैं जो अनुभूतियों/इन्द्रियों की गोचरता से व्युत्पन्न होता है। इस प्रकार, शारीरिक इच्छाओं को नकारने पर रूढ़िवादियों द्वारा जो बल दिया जाता है वह एक द्वंद्वात्मक दोष है जो शरीर और आत्मा के संबंध की गलत व्याख्या से पैदा हुआ है; अन्यत्र, वे शैतान को ‘दोष की अवस्था’ के रूप में तथा मोक्ष से परे की वस्तु के रूप में वर्णित करते हैं।[७१]
दु:ख से छुटकारा, दुष्टात्मा के अस्तित्व की स्वीकृति और अन्याय के लिए माफी देने वाले ब्रह्मविद्या संबंधी विचार के कुतर्क का ब्लेक ने विरोध किया। वे आत्म निषेध से नफरत करते थे[७२] जिसका संबंध वे धार्मिक दमन से और खासकर यौन दमन से मानते थे:[७३] “बुद्धिमानी एक अमीर किंतु कुरूप, बूढ़ी दासी है जिससे अक्षमता प्रणय निवेदन करता है। /वह जो इच्छा करता है किंतु कर्म नहीं, अनर्थ को जन्म देता है।” (7.4-5, इ35) उन्होंने ‘पाप’ की अवधारणा को मनुष्य की इच्छाओं (गार्डन ऑफ़ लव की झाड़ियां) को बांधने वाले फन्दे के रूप में देखा है और उनका विश्वास था कि बाहर से आरोपित नैतिक आचार शास्त्र के अनुरूप प्रतिबंध जीवन के उत्साह के विरुद्ध है:
- एब्सटिनेन्स सोज़ सैंड आल ओवर
- द रड्डी लिम्ब्ज़ एंड फ्लेमिंग हेअर
- बट डिज़ायर ग्रेटीफाइड
- प्लांट्स फ्रूट्स एंड ब्यूटी देअर. (इ474)
- बट डिज़ायर ग्रेटीफाइड
- द रड्डी लिम्ब्ज़ एंड फ्लेमिंग हेअर
ग़ॉड एज़ लॉर्ड के सिद्धांत को वे नहीं मानते थे जिसमें ईश्वर को मनुष्य से अलग और श्रेष्ठ बताया गया है[७४] ईसामसीह के बारे में उनके शब्दों से यह स्पष्ट होता है: “वही एक मात्र ईश्वर हैं।. और वही मैं हूं और वही तुम हो”. द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल की एक उक्ति है “लोग यह भूल गए हैं कि सभी देवताओं का निवास आदमी के सीने में है”. यह पंक्ति समाज में तथा स्त्री-पुरुषों के बीच स्वतंत्रता और समानता के उनके विश्वास के बिल्कुल अनुरूप है।
ब्लेक और प्रबोधन दर्शन
प्रबोधन दर्शन के साथ ब्लेक का एक जटिल संबंध था। अपने काल्पनिक धार्मिक विश्वासों के चलते, ब्लेक ने ब्रह्मांड के न्यूटनवादी दृष्टिकोण का विरोध किया। ब्लेक के इस संबंध में विचार उनकी रचना जेरूसलम के उद्धरण में प्रतिबिम्बित है:
I turn my eyes to the Schools & Universities of Europe
And there behold the Loom of Locke whose Woof rages dire
Washd by the Water-wheels of Newton. black the cloth
In heavy wreathes folds over every Nation; cruel Works
Of many Wheels I view, wheel without wheel, with cogs tyrannic
Moving by compulsion each other: not as those in Eden: which
Wheel within Wheel in freedom revolve in harmony & peace.(15.14-20, E159)
ब्लेक का यह भी विश्वास था कि सर जोशुआ रेनॉल्ड्स के चित्र, जो वस्तुओं के ऊपर प्रकाश के प्राकृतिक आपतन को दर्शाते हैं, पूरी तरह “वानस्पतिक नेत्र” की उपज हैं और वे लॉक तथा न्यूटन को “सर जोशुआ रेनॉल्ड्स के सौंदर्य शास्त्र के वास्तविक जनक” मानते थे।[७७] उस समय के इंग्लैंड में ऐसे चित्रों के प्रति लोक रुचि की संतुष्टि मेज़ोटिन्ट्स से की जाती थी, ऐसे चित्र जो पृष्ठ के ऊपर हजारों नन्हें बिन्दुओं से उत्पन्न की जाने वाली प्रक्रिया से निर्मित होते थे। ब्लेक ने इसके और न्यूटन के प्रकाश के कण सिद्धांत के बीच एक सदृश्यता देखी.[७८] इसी प्रकार ब्लेक ने तकनीक का प्रयोग कभी नहीं किया इसके बजाए उन्होंने शुद्ध रूप से तरल रेखा में नक्काशी की एक विधि विकसित करने को तरजीह दिया. वे इस बात पर अड़े रहे:
a Line or Lineament is not formed by Chance a Line is a Line in its Minutest Subdivision[s] Strait or Crooked It is Itself & Not Intermeasurable with or by any Thing Else Such is Job. (E784)
प्रबोधन के सिद्धांतों के अपने विरोध के बावजूद, ब्लेक इस प्रकार एक रैखिक सौंदर्यशास्त्र पर पहुंचे जो अनेक प्रकार से रोमैंटिकों की कृतियों की तुलना में, जिनके साथ उन्हें प्राय: वर्गीकृत किया जाता है, जॉन फ्लैक्समैन की नवक्लासिकल नक्काशियों के अधिक समान था।
इसलिए ब्लेक को, इस अर्थ में, कि उनका उस आन्दोलन द्वारा विचारों, व्यवस्थाओं, अधिकारिताओं और परंपराओं को नकारने की प्रवृत्ति के साथ सामंजस्य था, एक प्रबोधन कवि और कलाकार के रूप में भी देखा गया है। दूसरी ओर वे उस बात के भी आलोचक थे जिसे वे तर्क का दमनकारी प्राधिकार की स्थिति तक उठना मानते थे। तर्क, कानून और एकरूपता की अपनी आलोचना में ब्लेक को प्रबोधन के विरोधी के रूप में लिया गया है, लेकिन इस बात पर भी बहस हुई है कि बोलीगत अर्थ में उन्होंने बाहरी प्राधिकार को नकारने के प्रबोधन के उत्साह को प्रबोधन की संकीर्ण अवधरणा की आलोचना करने के लिए प्रयोग किया।[७९]
मूल्यांकन
रचनात्मक धारणा
नोर्थरोप फ्राई (Northrop Frye) मजबूती से धारण किए विचारों में ब्लेक की सुसंगति पर टिप्पणी करते हुए लिखते हैं कि “ब्लेक ने खुद कहा है कि 50 की उम्र में लिखी गई जोशुआ रेनॉल्ड्स पर उनकी टिप्पणियां लॉक तथा बेकन पर उनके द्वारा अपनी युवावस्था में लिखी गई टिप्पणियों के बिल्कुल समान हैं। यहां तक कि आयतों के वाक्यखंड और पंक्तियां भी वैसी ही हैं जैसी 40 साल बाद की. जिसे वह सत्य मानते थे उसे कायम रखने में सुसंगति अपने आप में उनका प्रमुख सिद्धांत था।.. सुसंगति, तब, चाहे मूर्खतापूर्ण हो या कुछ और ब्लेक की मुख्य पूर्वधारणाओं में से एक थी ठीक उसी तरह जिस तरह कि ‘आत्म-खंडन’ हमेशा ही उनका सबसे तिरस्कारपूर्ण आलोचनओं में रहा है".[८०]
ब्लेक गुलामी से नफरत करते थे और उनका विश्वास प्रजातीय तथा लैंगिक समानता में था। उनकी अनेक कविताएं और चित्र वैश्विक मानवता की भावना प्रदर्शित करते हैं: “सारे मनुष्य समान हैं (यद्यपि उनमें असीम असमानताएं हैं)”. अपनी एक कविता में ब्लेक एक काले बच्चे द्वारा कहलवाते हैं कि श्वेत और काले शरीर एक जैसे होते हैं जैसे कि छायादार बाग अथवा बादल जिनका केवल तभी तक होता है जब तक कि व्यक्ति “प्रेम की किरणों को धारण करना न सीख ले”:
-
- वेन आय फ्रॉम ब्लैक एंड ही फ्रॉम वाईट क्लाउड फ्री,
- एंड राउंड द टेंट ऑफ़ गोड लाइक लैम्बज़ वी जोय:
- lll शेड हिम फ्रॉम द हीट टिल ही कैन बियर,
- टू लीन इन जोय अपोन आर फादरज़ नी.
- एंड देन आय'ल स्टैंड एंड स्ट्रोक हिज़ सिल्वर हेयर,
- एंड बी लाइक हिम एंड ही विल देन लव मी. (23-8, इ9)
- एंड देन आय'ल स्टैंड एंड स्ट्रोक हिज़ सिल्वर हेयर,
- टू लीन इन जोय अपोन आर फादरज़ नी.
- lll शेड हिम फ्रॉम द हीट टिल ही कैन बियर,
- एंड राउंड द टेंट ऑफ़ गोड लाइक लैम्बज़ वी जोय:
- वेन आय फ्रॉम ब्लैक एंड ही फ्रॉम वाईट क्लाउड फ्री,
ब्लेक ने जीवन भर सामाजिक और राजनैतिक घटनाओं में सक्रिय रुचि ली और सामाजिक और राजनैतिक वक्तव्य प्राय: उनके रहस्यात्मक प्रतीकवाद में देखने को मिलते हैं। जिसे वह दमन और उचित स्वतंत्रता पर प्रतिबंध मानते हैं, उस पर उनके विचार का प्रसार चर्च तक हुआ। उनका आध्यात्मिक विश्वास सोंगज़ ऑफ़ एक्सपीरिएंस (1794) से प्रमाणित होता है जिसमें वे ओल्ड टेस्टामेंट के ईश्वर, जिनके प्रतिबन्धों को वे नकारते हैं और न्यू टेस्टामेंट के ईश्वर, जिन्हें वह सकारात्मक प्रभाव के रूप में देखते हैं, के बीच अंतर दिखाते हैं।
ईश्वर दर्शन
छोटी उम्र से ही, विलियम ब्लेक का दावा ईश्वर को देखने का रहा है। ऐसा पहला दर्शन उन्होंने चार वर्ष की उम्र में किया था, जिसके बारे में यह अनुश्रुति है कि युवा कलाकार ने "ईश्वर को उस समय देखा" जब ईश्वर का "सिर उन्हें खिड़की पर नजर आया" था, जिसे देखकर ब्लेक चिल्ला पड़े थे।[८१] लंदन के पेखम रे (Peckham Rye) में आठ या दस साल की उम्र में ब्लेक ने “फरिश्तों से लदा एक पेड़ जिसकी हर शाख पड़ तारे की तरह दिव्य डैने जड़े थे” देखने का दावा किया।[८१] ब्लेक के विक्टोरियन जीवनीकार गिलक्रिस्ट के अनुसार उन्होंने घर आकर इस दर्शन के बारे में बताया तो, झूठी बात कहने के आरोप में पिता से मार खाते-खाते बचे, वह भी मां द्वारा बीच-बचाव करने पर. हालांकि सारे प्रमाण यह दर्शाते हैं कि उनके माता-पिता उनके प्रति अत्यंत सहयोगात्मक थे, खासकर मां और ब्लेक के शुरुआती चित्रों तथा कविताओं में से अनेक मां के कमरे की दीवारों की सज्जा थीं। एक अन्य अवसर पर ब्लेक ने कुछ घसियारों को काम करते देखा और उन्हें प्रतीत हुआ कि उन्होंने उनके बीच दैवी आकृतियों को विचरण करते देखा है।[८१]
ब्लेक ने जीवन भर दैवीय दृश्य दिखाई पड़ने का दावा किया है। वे प्राय: सुन्दर धार्मिक विषयवस्तुओं तथा विम्बविधान से जुड़े होते थे और इसलिए इनसे उन्हें आध्यात्मिक कृतियों की रचना और आध्यात्मिक खोज की प्रेरणा मिलती होगी. निश्चित रूप से ब्लेक की कृतियों में धार्मिक अवधारणा और विम्बविधान केन्द्रीय विषय रहे हैं। ईश्वर तथा ईसाई धर्म उनके लेखनों के बौद्धिक केन्द्र रहे हैं, जिससे उन्हें प्रेरणा मिलती थी। इसके अलावा, ब्लेक का विश्वास था कि उन्हें महा देवदूतों (Archangels) द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनकी कलात्मक रचनाओं के लिए निर्देशित और प्रोत्साहित किया जाता है, जिनके बारे में उनका दावा था कि वे उन्हीं महा देवदूतों द्वारा सक्रिय रूप से पढ़े जाते हैं और उनके द्वारा उनका आनन्द उठाया जाता है। 6 मई 1800 को विलियम हेले को लिखे अपने पत्र में ब्लेक लिखते हैं:
मुझे पता है कि हमारे मृत साथी अपने जीवित रहने के स्थिति की तुलना में आज हमारे साथ अधिक हैं। तेरह साल पहले मैंने अपना एक भाई खोया और उसकी आत्मा से मैं रोज और बारम्बार उत्साह के साथ बात करता हूं और उसे अपनी स्मृति में, अपने कल्पना क्षेत्र में देखता हूं. मैं उसकी सलाह सुनता हूं और अब भी उसके बताए अनुसार लिखता हूं.
21 सितम्बर 1800 को जॉन फ्लैक्समैन को लिखे अपने पत्र में ब्लेक लिखते हैं:
अध्ययन के लिए फेलफैम शहर एक प्यारी जगह है क्योंकि लंदन की तुलना में यह अधिक आध्यात्मिक है। स्वर्ग के दरवाजे यहां हर दिशा में खुलते हैं; उसकी खिड़कियां कोहरे से बाधित नहीं होतीं; स्वर्ग के निवासियों की आवाजें अधिक स्पष्टता से सुनाई पड़ती हैं और उनके रूप अधिक साफ-साफ दिखते हैं; और मेरा कॉटेज भी उनके घरों की ही एक परछाईं है। मेरी पत्नी और मेरी बहन दोनों अच्छी हैं, नेप्च्यून से गले मिलने का निवेदन कर... मैं अपनी कृतियों के लिए स्वर्ग में अधिक प्रसिद्ध हूं. मेरे मस्तिष्क में अध्ययन भरा है और मेरा कमरा किताबों और पुरानी तस्वीरों से भरा है, जिन्हें मैंने अपने नश्वर जीवन से पहले पारलौकिक जीवन के काल में लिखा और चित्रित किया; और वे कृतियां आनन्द तथा महा देवदूतों के अध्ययन हैं। (इ710)
25 अप्रैल 1803 को थॉमस बट को लिखे अपने पत्र में ब्लेक लिखते हैं:
अब मैं आपसे वह कह सकता हूं जो शायद मैं किसी और से कहने का साहस नहीं कर सकता: कि मैं लंदन में अकेले अपना दार्शनिक अध्ययन बिना परेशान हुए जारी रख सकता हूं और परलोक में अपने मित्रों से बातें कर सकता हूं, सपने देख सकता हूं, भविष्यवाणियों की कल्पना कर सकता हूं और दूसरे नश्वरों (लोगों) के शकों से अलक्षित रह कर और स्वतंत्रतापूर्वक नीतिकथा कह सकता हूं; शायद दयालुता से शक निकलता हो, लेकिन शक हमेशा घातक होते हैं, खासकर तब, जब हम अपने दोस्तों पर शक करते हैं।
अ विज़न ऑफ द लास्ट जजमेंट में ब्लेक लिखते हैं:
गलती की जाती है, सत्य शाश्वत गलती है अथवा सृष्टि को जला दिया जाएगा और तब और न ही तब तक सत्य अथवा शाश्वत प्रकट होगा। जिस क्षण मनुष्य इसे देखना बन्द कर देगा यह जल उठेगा. मैं अपने आप से यह कहता हूं कि मैं बाहरी सृष्टि को नहीं देखता और यह मेरे लिए एक बाधा है, कार्य नहीं; यह मेरे पांव पर पड़ा धूल है, मेरा अंश नहीं. सूरज के उगने पर प्रश्न किया जाएगा कि क्या आप गिनी ओ (Guinea O) की तरह गोल अग्नि चक्र नहीं देखते, नहीं नहीं मैं स्वर्गिक मेजबान के असंख्य साथ देखता हूं पवित्र पवित्र चिल्लाते हुए, पवित्र हैं सर्वशक्तिमान ईश्वर, मैं दैहिक अथवा वानस्पतिक आंख से अब प्रश्न नहीं पूछता बल्कि मैं उस खिड़की से प्रश्न पूछता हूं, जिससे होकर, न कि जिसके द्वारा, दृश्य दिखाई देते हैं। (इ565-6)
विलियम वर्ड्सवर्थ ने टिप्पणी की, “इसमें शक नहीं कि यह आदमी बेचारा पागल था, लेकिन इस आदमी के पागलपन में कुछ ऐसा है जिसमें मेरी दिलचस्पी लॉर्ड बायरन और वाल्टर स्कॉट की स्वस्थचित्तता की तुलना में अधिक है”.[८३]
डी. सी. विलियम्स (1899-1983) ने कहा कि ब्लेक ऐसे रोमैंटिक थे जिनके विश्व के बारे में विचार आलोचक थे, उनकी यह धारणा थी कि ब्लेक के सोंगज़ ऑफ़ इनोसेन्स एक आदर्श के रूप में रचा गया था, जो कुछ-कुछ यूटोपियन नजरिया था जबकि उन्होंने सोंगज़ ऑफ़ एक्सपीरिएंस की रचना समाज की प्रकृति और उनके समय की दुनिया द्वारा उत्पन्न किए गए कष्ट को दर्शाने के लिए की थी।
सामान्य सांस्कृतिक प्रभाव
साँचा:main ब्लेक की कृति उनकी मृत्यु के प्राय: एक शताब्दी बाद तक उपेक्षित रही, लेकिन उनकी ख्याति 20वीं शताब्दी में जॉन मिडलटन मरी (John Middleton Murry) तथा नोर्थरोप फ्राई (Northrop Frye) जैसे समीक्षकों द्वारा और साथ ही बेन्जामिन ब्रिट्न (Benjamin Britten) तथा राल्फ वॉगन विलियम्स जैसे क्लासिकल रचनाकारों द्वारा उनकी कृतियों को अपनाने से पुनर्स्थापित हुई.
ज्यून सिंगर जैसे अनेक लोगों ने यह तर्क दिया है कि मानव प्रकृति पर ब्लेक के विचार कार्ल जुंग के विचारों की पूर्व पीठिका और उनके समांतर है, हालांकि जुंग ने ब्लेक की रचनाओं को “अचेतन प्रक्रियाओं का सच्चा प्रतिनिधि होने के बजाए कलात्मक कृति” के रूप में नकारते हैं।[८४]
ब्लेक का 1950 के दशक के बीट (beat) कवियों तथा 1960 के दशक के प्रतिसंस्कृति पर बड़ा प्रभाव पड़ा था, उनके उद्धरण बीट कवि एलेन गिंसबर्ग तथा गीतकार बॉब डायलन जैसे आरंभिक रचनाकारों द्वारा बार-बार इस्तेमाल किए गए। फिलिप पुलमैन की प्रसिद्ध फंतासी त्रिरचना हिज़ डार्क मैटेरियल्स की जड़ ब्लेक की कृति द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल में पाई जाती है।
विस्तृत संस्कृति में ब्लेक की कविता लोकप्रिय संगीतकारों द्वारा संगीतबद्ध की गईं. यह खास तौर पर 1960 के दशक से संगीतकरों के बीच लोकप्रिय हुईं. ब्लेक की नक्काशियों ने भी आधुनिक सचित्र उपन्यास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला.
ग्रंथ सूची
इल्ल्युमिनेटिड बुक्स (illuminated books)
- सी.(c.) 1788: आल रिलिजनज़ आर वन
- 1789: सोंगज़ ऑफ़ इनोसेन्स
- 1790-1793: द मैरेज ऑफ़ हेवन एंड हेल
- 1793-1795: कोंटीनेंटल प्रोफिसीज़
- 1793: विजन्स ऑफ द डॉटर्स ऑफ एल्बियॉन
- 1794: यूरोप अ प्रोफेसी
- 1795: द बुक ऑफ़ लोस
- सी.(c.)1804-सी.(c.)1811: मिल्टन अ पोएम
- 1804-1820: जेरुसेलम द एमेनेशन ऑफ़ द जाइंट एलबिओन
नॉन-इल्ल्युमिनेटिड (Non-Illuminated)
- 1783: पोएटिकल स्केचिज़
- 1784-5: एन आईलेंड इन द मून
- 1789: टिरिएल
- 1791: द फ्रेंच रेवोल्यूशन
- 1797: द फोर ज़ोआज़
ब्लेक द्वारा सचित्र
- 1791: मैरी वुलस्टनक्राफ्ट, ओरिजिनल स्टोरीज़ फ्रॉम रिअल लाइफ
- 1797: एडवर्ड यंग, नाइट थोट्स
- 1805-1808: रॉबर्ट ब्लेयर, द ग्रेव
- 1808: जॉन मिल्टन, पेराडाइस लोस्ट
- 1819-1820: जॉन वरले, विजनरी हेडज़
- 1821: आर.जे. थोर्नटन, वर्जिल
- 1823-1826: द बुक ऑफ़ जॉब
- 1825-1827: दांते, द डिवाइन कॉमेडी (1827 में ब्लेक का निधन हो गया और यह वाटरकलरज़ अधूरे रह गए)
ब्लेक पर
- पीटर एक्रोय्ड (1995). ब्लेक सिनक्लैर-स्टीवनसन. आईएसबीएन (ISBN) 1-85619-278-4.
- डोनाल्ड ऑल्ट (1974). विजनरी फिज़िक्स: ब्लेक'स रिस्पोंस टू न्यूटन . शिकागो विश्वविद्यालय. आईएसबीएन (ISBN) 0-226-03225-6.
- (1987). नेरेटिव अनबाउंड: री-विजनिंग विलियम ब्लेक'स द फोर ज़ोआज़ . स्टेशन हिल प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 1886449759.
- जी.ई. बेंटले जूनियर (2001). द स्ट्रेंजर फ्रॉम पैराडाइस: अ बायोग्राफी ऑफ़ विलियम ब्लेक . येल यूनिवर्सिटी प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 0-300-08939-2.
- हेरोल्ड ब्लूम (1963). ब्लेक'स एपोकेलिप्स . डबलडे.
- [[]]जेकोब ब्रोनोवस्की (1972). विलियम ब्लेक एंड द एज ऑफ़ रेवोल्यूशन . रोउटलेड्ज और के. पॉल. आईएसबीएन (ISBN) 0-7100-7277-5 (हार्डकवर) आईएसबीएन (ISBN) 0-7100-7278-3 पीबीके. (pbk.)
- (1967). विलियम ब्लेक, 1757-1827; अ मैन विदाउट अ मास्क . हास्केल हाउस प्रकाशक.
- जी.के. चेसटेरटन (1920s). विलियम ब्लेक . हाउस ऑफ़ स्ट्रेटस आईएसबीएन (ISBN) 0-7551-0032-8.
- एस. फोस्टर डेमन (1979). अ ब्लेक डिक्शनरी . शामभाला. आईएसबीएन (ISBN) 0-394-73688-5.
- डेविड वी. अर्डमैन (1977). Blake: Prophet Against Empire: अ पोएट'स इंटरप्रेटेशन ऑफ़ द हिस्ट्री ऑफ़ हिज़ ओन टाइम्ज़ . प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 0-486-26719-9.
- इरविंग फिस्क (1951). "बर्नार्ड शॉ'ज़ डेब्ट टू विलियम ब्लेक". (शॉ सोसायटी)
- नोर्थरोप फ्राई (1947). फियरफुल सिमिट्री . प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 0-691-06165-3.
- एलेगज़ेनडर गिलक्रिस्ट, लाइफ एंड वर्क्स ऑफ़ विलियम ब्लेक, (दूसरा संस्करण, लंदन, 1880) (पुनः प्रकाशित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2009. आईएसबीएन (ISBN) 9781108013697)
- जेम्स किंग (1991). विलियम ब्लेक: हिज़ लाइफ . सेंट मार्टिन प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 0-312-07572-3
- बेंजामिन हीथ मालकिन (1806). अ फादर'ज़ मेमोइर्ज़ ऑफ़ हिस चाइल्ड
- पीटर मार्शल (1988). विलियम ब्लेक: विजनरी एनार्किस्ट आईएसबीएन (ISBN) 0-900384-77-8
- ब्लेक, विलियम, विलियम ब्लेक'स वर्क्स इन कन्वेंशनल टाइपोग्राफी, जी.ई. बेंटले जूनियर द्वारा संपादित, 1984. फसिमिली संपादित, स्कोलर'ज़ फसिमिलीस एंड रीप्रिंट्स, आईएसबीएन (ISBN) 9780820113883.
- डबल्यू.जे.टी. मिशेल (1978). ब्लेक'स कोम्पोज़िट आर्ट: अ स्टडी ऑफ़ द इल्यूमिनेट पोइट्री . येल यूनिवर्सिटी प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 0-691-01402-7.
- विक्टर एन. पानानेन (1996). विलियम ब्लेक . ट्वेन प्रकाशक. आईएसबीएन (ISBN) 0-8057-7053-4.
- लौरा कुइंने (2010). विलियम ब्लेक ऑन सेल्फ एंड सोल . हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 978-067-403524-9.
- जॉर्ज एंथनी रोज़ो जूनियर (1993). ब्लेक'स प्रोफेटिक वर्कशॉप: अ स्टडी ऑफ़ द फोर ज़ोआज़ . संबंधित विश्वविद्यालय प्रेसइज़ आईएसबीएन (ISBN) 0-8387-5240-3.
- जी.आर. सबरी-तबरीज़ी (1973). द 'हेवन' एंड 'हेल' ऑफ़ विलियम ब्लेक, (न्यूयार्क, इंटरनैशनल पबलिशर्ज़)
- जून सिंगर, द अनहोली बाइबल: ब्लेक, जंग, एंड द कलेक्टिव अनकोंशिअस (SIGO (सिगो) प्रेस, 1986)
- शीला ए. स्पेक्टर (2001). "वनडर्ज़ डिवाइन": द डेवलपमेंट ऑफ़ ब्लेक'स कबेलिसटिक मिथ, (बक्नेल यूपी (UP))
- एल्गेर्नोन चार्ल्स स्विनबर्न, विलियम ब्लेक: अ क्रिटिकल एस्से, (लंदन, 1868)
- ई.पी. (E.P.) थोम्प्सन (1993). विटनेस अगेंस्ट द बीस्ट . कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस. आईएसबीएन (ISBN) 0-521-22515-9.
- डबल्यू. एम. रोज़ेट्टी (संपादक), द पोएटिकल वर्क्स ऑफ़ विलियम ब्लेक, (लंदन, 1874)
- ए.जी.बी. रसेल (1912). एनग्रेविंगज़ ऑफ़ विलियम ब्लेक .
- बासिल डे सेलिंकोर्ट (Sélincourt), विलियम ब्लेक, (लंदन, 1909)
- जोसेफ विस्कोमी (1993). ब्लेक एंड द आइडिया ऑफ़ द बुक, (प्रिंसटन यूपी (UP)). आईएसबीएन (ISBN) 0-691-06962-X.
- डेविड वीर (2003). ब्राह्मा इन द वेस्ट: विलियम ब्लेक एंड ओरिएंटल रिनेसान्ज़, (सनी (SUNY) प्रेस)
- जेसन विट्टकर (1999). विलियम ब्लेक एंड द मिथ्स ऑफ़ ब्रिटेन, (मैकमिलन)
- विलियम बटलर येट्स (1903). आईडिआज़ ऑफ़ गुड एंड इवल . निबंध शामिल हैं।
सन्दर्भ
द्वितीयक स्रोत
बाहरी कड़ियाँ
- द जी.ई. बेंटले - विक्टोरिया विश्वविद्यालय पुस्तकालय, टोरंटो विश्वविद्यालय में ब्लेक संकलन
- पोइट्री आरकाइव पर विलियम ब्लेक की कविताएं
- बीबीसी पोइट्री सीज़न पर विलियम ब्लेक
- साँचा:worldcat id
- साँचा:gutenberg author
- नैशनल गेलरी ऑफ़ विकटोरिया में उनके काम की प्रदर्शनी का लेखागार
- च'अन बुद्धिज़्म एंड द प्रोफेटिक पोएम्ज़ ऑफ़ विलियम ब्लेक
- सामग्री, द कम्प्लीट पोइट्री एंड प्रोज ऑफ़ विलियम ब्लेक, डेविड वी. अर्डमैन द्वारा संपादित
- ब्रिटिश लाइब्ररी के टर्निंग द पेजिज़ सिस्टम (शोकवेव की आवश्यकता है) के प्रयोग से ब्लेक की ऑनलाइन नोटबुक देखें.
- टेट का विलियम ब्लेक पर ऑनलाइन संसाधन, शिक्षकों के लिए लेख के साथ
- हाल की विलियम ब्लेक की कब्र के स्थान की पुनः खोज
- www.William-Blake.org विलियम ब्लेक द्वारा 128 काम
- द विलियम ब्लेक आरकाइव, चेपल हिल पर उत्तरी केरोलिना विश्वविद्यालय द्वारा समर्थित एंव लाइब्ररी ऑफ़ कोंग्रेस द्वारा प्रायोजित एक हाइपर मिडिया आरकाइव.
-
- अर्डमैन की द कम्प्लीट पोइट्री एंड प्रोज ऑफ़ विलियम ब्लेक की द विलियम ब्लेक आरकाइव्'ज़ सर्चेबल एडिशन
- विलियम ब्लेक एंड विज़ुअल कल्चर: जर्नल इमेज-टेक्स्ट का एक विशेष अंक
- टेक्साज़ विश्वविद्यालय, ऑस्टिन के हैरी रेंसम केंद्र में विलियम ब्लेक संग्रह
- Free scores by विलियम ब्लेक in the Choral Public Domain Library (ChoralWiki)
- पोएट कॉर्नर पर विलियम ब्लेक के लिए सूचकांक प्रविष्टि
- विलियम ब्लेक की प्रदर्शनी का लेखागार, नैशनल गेलरी ऑफ़ विकटोरिया, मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया
- ↑ फ्राई, नोर्थरोप और डेनहैम, रॉबर्ट डी. कल्लेकटिड वर्क्स ऑफ़ नोर्थरोप फ्राई . 2006, पृष्ठ 11-12.
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ थॉमस, एडवर्ड अ लिटररी पिलग्रिम इन इंग्लेंड स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। . 1917, पृष्ठ 3.
- ↑ येट्स, डबल्यू.बी. द कल्लेकटिड वर्क्स ऑफ़ डबल्यू.बी. येट्स . 2007, पृष्ठ 85.
- ↑ विल्सन, मोना. द लाइफ ऑफ़ विलियम ब्लेक द ननसच प्रेस, 1927. पृष्ठ 167.
- ↑ द न्यूयॉर्क टाइम्स गाइड टू असेंशिअल नोलेज . 2004, पृष्ठ 351.
- ↑ ब्लेक, विलियम. ब्लेक की "अमेरिका, अ प्रोफेसी"; और, "यूरोप, अ प्रोफेसी" . 1984, पृष्ठ 2.
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ ब्लेक, विलियम और रोज़ेट्टी, विलियम माइकल. द पोएटिकल वर्क्स ऑफ़ विलियम ब्लेक: लिरिकल एंड मिसलेनिअस स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। . 1890, पृष्ठ xi.
- ↑ ब्लेक, विलियम और रोज़ेट्टी, विलियम माइकल. द पोएटिकल वर्क्स ऑफ़ विलियम ब्लेक: लिरिकल एंड मिसलेनिअस स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। . 1890, पृष्ठ xiii.
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ इ बेंटले, जेरल्ड इएड्स और बेंटले जूनियर, जी. विलियम ब्लेक: द क्रिटिकल हेरिटेज . 1995, पृष्ठ 34-5.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ 43, ब्लेक, पीटर एक्रोय्ड, सिनक्लैर- स्टीवनसन, 1995
- ↑ ब्लेक, विलियम. द पोएम्ज़ ऑफ़ विलियम ब्लेक . 1893, पृष्ठ xix.
- ↑ 44, ब्लेक एक्रोय्ड
- ↑ ब्लेक, विलियम और टथाम, फ्रेडरिक. द लेटर्स ऑफ़ विलियम ब्लेक: टुगैदर विद अ लाइफ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। . 1906, पृष्ठ 7.
- ↑ इ691. ब्लेक के लेखन से सभी कोटेशन साँचा:cite book से हैं, बाद के संदर्भ जहा भी उचित हो वहा प्लेट एंव लाइन नंबर देने की प्रथा का अनुसरण करते हैं, जिसके बाद "ई" तथा अर्डमैन से पृष्ठ संख्या आती है और यह ब्लेक के प्रायः स्वच्छंद अक्षर विन्यास तथा विराम चिह्नों के अनुरुप होता है।
- ↑ बिंडमैन, डी. "द कैम्ब्रिज कम्पेनियन टू विलियम ब्लेक में "ब्लेक एज़ अ पेंटर", संपादक मौरिस इवज़ कैम्ब्रिज: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2003, पृष्ठ 86.
- ↑ गिलक्रिस्ट, ए, द लाइफ ऑफ़ विलियम ब्लेक, लंदन, 1842, पृष्ठ 30
- ↑ अर्डमैन, डेविड, प्रोफेट अगेंस्ट एम्पायर, पृष्ठ 9
- ↑ मकगण, जे. ""डिड ब्लेक बिट्रे द फ्रेंच रेवोल्यूशन", प्रिज़ेन्टिंग पोइट्री: कोम्पोज़ीशन, पब्लिकेशन, रिसेप्शन, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1995, पृष्ठ 128
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ 1783 संस्करण का प्रजनन: टेट प्रकाशन, लंदन, आईएसबीएन (ISBN) 978 185437 768 5
- ↑ बायोग्राफीज़ ऑफ़ विलियम ब्लेक एंड हेनरी फुसेली स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 31 मई 2007 को लिया गया।
- ↑ विस्कोमी, जे. ब्लेक एंड द आइडिया ऑफ़ द बुक . प्रिंसटन, एनजे: प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 1993; फिलिप्स, एम. विलियम ब्लेक: द क्रिएशन ऑफ़ द सोंगज़, लंदन: द ब्रिटिश लाइब्रेरी, 2000.
- ↑ इवज़, मौरिस. द काउंटर आर्टस कोंसपिरेसी: आर्ट एंड इंडस्ट्री इन द एज ऑफ़ ब्लेक . इथाका और लंदन: कॉर्नेल यूनिवर्सिटी प्रेस, 1992. पृष्ठ 68-9.
- ↑ सुंग, मेई-यिंग. विलियम ब्लेक एंड द आर्ट ऑफ़ एनग्रेविंग . लंदन: पिकरिंग एंड चाटो, 2009.
- ↑ बेंटले, जी. ई., ब्लेक रिकॉर्ड्स, पृष्ठ 341
- ↑ गिलक्रिस्ट, लाइफ ऑफ़ विलियम ब्लेक, 1863, पृष्ठ 316
- ↑ शुकार्ड, एमके, वाय मिसिज़ ब्लेक क्राइड, सेंचुरी, 2006, पृष्ठ 3
- ↑ एक्रोय्ड, पीटर, ब्लेक, सिनक्लैर-स्टीवनसन, 1995, पृष्ठ 82
- ↑ डेमन, सेम्युल फोस्टर (1988). एक ब्लेक डिक्शनरी
- ↑ राइट, थॉमस. लाइफ ऑफ़ विलियम ब्लेक . 2003, पृष्ठ 131.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ पीटरफ्रीअंड स्टुअर्ट, द डिन ऑफ़ द सिटी इन ब्लेक'स प्रोफेटिक बुक्स, इएलएच (ELH)- खंड 64, नंबर 1, स्प्रिंग 1997, पृष्ठ 99-130
- ↑ ब्लंट, एंथनी, द आर्ट ऑफ़ विलियम ब्लेक, पृष्ठ 77
- ↑ पीटर एक्रोय्ड, "जिनिअस स्परंड: ब्लेक'स डूमड एग्जिबिशन इज़ बैक", द टाइम्ज़ सैटरडे रिव्यू, 4 अप्रैल 2009
- ↑ बिंडमैन, डेविड. द कैम्ब्रिज कम्पेनियन टू विलियम ब्लेक में "ब्लेक एज़ अ पेंटर", मौरिस इवज़ (संपादक), कैम्ब्रिज, 2003, पृष्ठ 106
- ↑ ब्लेक रिकॉर्ड्स, पृष्ठ 341
- ↑ एक्रोय्ड, ब्लेक 389
- ↑ गिलक्रिस्ट, द लाइफ ऑफ़ विलियम ब्लेक, लंदन, 1863, 405
- ↑ एक्रोय्ड, ब्लेक, 390
- ↑ ब्लेक रिकॉर्ड्स पृष्ठ 410
- ↑ एक्रोय्ड, ब्लेक, पृष्ठ 391
- ↑ मार्शा कीथ शुकार्ड, वाय मिसिज़ ब्लेक क्राइड: स्वीडेनबोर्ग, ब्लेक एंड द सेक्शुअल बेसिज़ ऑफ़ स्पिरिचुअल विज़न, पृष्ठ 1-20
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ द अनहोली बाइबल, जून सिंगर, पृष्ठ 229.
- ↑ विलियम ब्लेक, मर्री, पृष्ठ 168.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्विनबर्न पृष्ठ 260
- ↑ स्विनबर्न पृष्ठ 249
- ↑ शीला रोबोथम की एडवर्ड कारपेंटर: अ लाइफ ऑफ़ लिबर्टी एंड लव पृष्ठ 135
- ↑ बर्गर पृष्ठ 188-190
- ↑ बर्गर ब्लेक के अधिकाँश विचारों को सोंगज़ ऑफ़ इनोसेंस एंड एक्सपीरिएंस के संयमित संस्करण के प्राक्कथन में सम्मिलित देखते हैं।
- ↑ आइरीन लेनग्रीज द्वारा विलियम ब्लेक: अ स्टडी ऑफ़ हिज़ लाइफ एंड आर्ट वर्क पृष्ठ 11 और 131
- ↑ डेविस, पृष्ठ 55
- ↑ एस. फोस्टर डेमन विलियम ब्लेक: हिज़ फिलोसोफी एंड सिम्बल्ज़ (1924) पृष्ठ 105
- ↑ राइट पृष्ठ 57
- ↑ बर्गर पृष्ठ 142
- ↑ ब्रिंग मी माई एरोज़ ऑफ़ डिज़ायर के पृष्ठ 68 पर और अपनी विलियम ब्लेक एंड जेंडर में दुबारा अन्कर्स्जो द्वारा उद्घृत
- ↑ अन्कर्स्जो (Ankarsjö) पृष्ठ 64
- ↑ डेविड वोर्रल्ल, "थेल इन अफ्रीका: विलियम ब्लेक एंड द पोस्ट कोलोनिअल, पोस्ट-स्वीडेनबोर्गियन फीमेल सब्जेक्ट", द रिसेप्शन ऑफ़ ब्लेक इन द ओरिएंट में, संपादक. स्टीव क्लार्क और मसाशी सुज़ूकी. लंदन: कोनटिनम, 2006, पृष्ठ 17-29.
- ↑ जेरुसेलम के अध्याय 4 का प्राक्कथन देखें
- ↑ बर्गर पृष्ठ 112, 284
- ↑ "ग्रीक देवगाथा एंव ओल्ड टैसटामेंट के अनुरूप एक व्यक्तिगत देवगाथा"; बोनेफोय, यवेस. रोमन एंड यूरोपियन माईथोलोजिज़ . 1992, पृष्ठ 265.
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ मकडिसी, सारी. विलियम ब्लेक एंड द इम्पोसिबल हिस्ट्री ऑफ़ द 1790s . 2003, पृष्ठ 226-7.
- ↑ अलटीज़र, थॉमस जे.जे. द न्यू एपोकेलिप्स: द रेडिकल क्रिस्चियन विज़न ऑफ़ विलियम ब्लेक . 2000, पृष्ठ 18.
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ बेकर-स्मिथ, डोमिनिक.बिटवीन ड्रीम एंड नेचर: एसेज़ ऑन यूटोपिया एंड डिसटोपिया. 1987, पृष्ठ 163.
- ↑ कैसर, क्रिस्टोफर बी. क्रिएश्नल थिओलोजी एंड द हिस्ट्री ऑफ़ फिज़िकल साइंस. 1997, पृष्ठ 328.
- ↑ * साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ कोलब्रुक, सी. ब्लेक 1: द एनलाईटनमेंट विलियम ब्लेक स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 1 अक्टूबर 2008 को लिया गया
- ↑ नोर्थरोप फ्राई, फियरफुल सिमिट्री: अ स्टडी ऑफ़ विलियम ब्लेक, 1947, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस
- ↑ अ आ इ बेंटले, जेरल्ड इएड्स और बेंटले जूनियर, जी. विलियम ब्लेक: द क्रिटिकल हेरिटेज . 1995, पृष्ठ 36-7.
- ↑ अ आ Langridge, आइरीन.विलियम ब्लेक: अ स्टडी ऑफ़ हिज़ लाइफ एंड आर्ट वर्क. 1904, पृष्ठ 48-9.
- ↑ साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ लेटर टू नानावटी, 11, नवम्बर 1948 हिल्स, डेविड द्वारा उद्घृत. जंग, विलियम ब्लेक एंड आर आंसर टू जॉब 2001. DMU.ac.uk स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 13 दिसम्बर 2009 को पुनः प्राप्त