कैंटरबरी टेल्स
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कैंटरबरी टेल्स, (कैंटरबरी किस्से) इंग्लैंड के प्रसिद्ध कवि ज्योफ्रे चासर की अंतिम और सर्वोतम रचना है। यह कहानियों का संग्रह है (दो गद्य-रूप में, बाइस पद्य रूप में)। इससे अंग्रेजी साहित्य में आधुनिक अर्थ में जीवन के यथार्थ चित्रण की परंपरा का प्रारंभ होता है। इसमें कहानियों की उद्भावना स्वयं न करके समस्त यूरोपीय साहित्य तथा जनसाधारण में प्रचलित आख्यायिकाओं को इतिवृत्त का आधार बनाया गया है। इसी कारण उनमें विविधता है। जिस प्रकार कहानी कहनेवाले पात्रों में विविधता है, उसी प्रकार कहानियों में भी विभिन्न प्रकार की कहानियों को एक कड़ी में पिरोने की योजना चॉसर ने बड़ी चतुराई से बनाई है। कैंटरबरी टेल्स को अंग्रेजी साहित्य ही नही वरन यूरोपीय साहित्य की उत्कृष्ट रचनाओं में एक माना जाता है।
पृष्ठभूमि
कैंटरबरी में टामस बेकेट की समाधि पर पूजा के निमित्त जानेवाले लगभग तीस यात्री, जो तत्कालीन ब्रिटिश समाज के विभिन्न स्तरों तथा व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लंदन की एक सराय में एकत्र होते हैं। सराय के स्वामी की सलाह पर सब निश्चय करते हैं कि प्रत्येक यात्री जाते तथा लौटते समय दो-दो कहानियाँ सुनाएगा। जिस यात्री की कहानियाँ सर्वोतम होगी उसे सब मिलकर लौटते समय उसी सराय में अच्छी दावत देंगे। इस योजना के अनुसार कुल 120 कहानियाँ होनी चाहिए लेकिन कहानियाँ अपूर्ण भी हैं।
कैंटरबरी टेल्स की इस योजना ने चॉसर को अपनी बहुमुखी प्रतिभा की अभिव्यक्ति का अच्छा अवसर दिया। यात्रियों के चुनाव में उन्होंने तत्कालीन ब्रिटिश समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा। स्त्री और पुरुष, चर्च, व्यापार एवं कृषि से संबंधित प्राय: सभी स्तरों के लोग यहाँ इकट्ठे मिलते हैं। इस प्रकार अपने पात्रों के माध्यम से इन्होंने अपने युग के ब्रिटिश समाज का व्यापक चित्र प्रस्तुत करने की चेष्टा की है
महत्व
एक ओर उनके पात्र हमारे सामने अपने वर्ग या व्यवसाय की सारी विशेषताओं के साथ उपस्थित होते हैं, साथ ही वे अपने चरित्र के व्यक्तिगत गुणदोषों का भी स्पष्ट परिचय देते हैं। अंग्रेजी साहित्य के जिस युग में मानव चरित्र के यथार्थ चित्रण की परंपरा अज्ञात थी चॉसर ने सजीव पात्रों का निर्माण कर इस क्षेत्र में क्रांति उत्पन्न की। अपने पात्रों के चित्रण में चॉसर ने व्यंग्य और हास्य का सहारा लिया है। उनकी छोटी-मोटी कमजोरियों पर मीठी चुटकी लेने से वे बाज नहीं आए हैं। वे अपनी त्रुटियों पर भी उसी प्रकार हँसते हैं जैसे दूसरे की त्रुटियों पर। उनका विशाल हृदय उदारता से भरा है। मनुष्य मात्र से उन्हें सहानुभुति है। इन सभी गुणों के कारण कैंटरबरी टेल्स अंग्रेजी साहित्य ही नही वरन् यूरोपीय साहित्य की उत्कृष्ट रचनाओं में एक माना जाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- Modern Translation and Other Resources at eChaucer
- The Canterbury Tales Project: publishing transcripts, images, collations and analysis of all surviving 15th century copies
- श्रब्य (Audio clips)
- Audio clip from the first part of the Miller's Tale
- Audio clip from the second part of the Miller's tale
- Audio clip from the prologue of the Canterbury Tales
- Audio clip from The Miller's Tale and The Second Nun's Tale
- आनलाइन पाठ