लौंगत्लाइ
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साँचा:if empty Lawngtlai | |
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कस्बा | |
साँचा:location map | |
निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
राज्य | मिज़ोरम |
ज़िला | लौंगत्लाइ |
संस्थापक | हैहमुंगा लॉनचेऊ |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | २०,८३० |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषाएँ | |
• आधिकारिक | मिज़ो तथा चकमा |
समय मण्डल | आईएसटी (यूटीसी+5:30) |
पिन | 796891 |
वाहन पंजीकरण | MZ |
लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र | मिज़ोरम |
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र | लौंगत्लाइ पूर्व तथा पश्चिम |
जलवायु | Cwa |
लौंगत्लाइ (Lawngtlai) भारत के मिज़ोरम राज्य के लौंगत्लाइ ज़िले का मुख्यालय है। यह लाई स्वायत्त ज़िला परिषद का भी मुख्यालय है।
इतिहास
लौंगत्लाइ गाँव की स्थापना १८८० ईस्वी में लाई सरदार हैहमुंगा लॉनचेऊ द्वारा की गयी थी, जो कि वर्तमान में वेंगपुई में स्थित है। इसका नाम "लौंगत्लाइ" पड़ा क्योंकि एक दिन सरदार हैहमुंगा लॉनचेऊ कालादान नदी में बह रही नाव को जब्त कर लिया था अतः इसका नाम लौंगत्लाइ पड़ा जहाँ "लॉङ्ग" का अर्थ नाव तथा "तलाई" का अर्थ जब्त करना है।[१]
जनसांख्यिकी
साँचा:bar box भारत की जनगणना २०११ के अनुसार लौंगत्लाइ कस्बे की जनसंख्या २०,८३० है, जिसमे १०,६५९ पुरुष तथा १०,१७१ महिलाएँ हैं।[२] ६ वर्ष से कम के बच्चों की जनसंख्या ३१२२ है, जो कि कुल जनसंख्या का १४.९९% है।[२] लौंगत्लाइ की लिंगानुपात दर ९५४ है, जो कि मिज़ोरम की राज्य दर ९७६ से कम है।[२] साक्षरता दर ९५.६६% है, जो कि राज्य दर ९१.३३% से अधिक है।[२] पुरुष साक्षरता दर ९६.९७% तथा महिला साक्षरता दर ९४.२८% है।[२]
धर्म
यहाँ का प्रमुख बहुसंख्यक धर्म ईसाई है, जो कि कुल जनसंख्या का ९५.२३% है। अन्य अल्पसंख्यक धर्म हिन्दू २.८१%, मुस्लिम १.२९%, बौद्ध ०.३७%, सिक्ख ०.०६%, तथा जैन ०.०२% हैं। ०.२२% लोगों ने अपने धर्म का उल्लेख नहीं किया है।[२]
समुदाय
लाई यहाँ का बहुसंख्यक समुदाय है। यह एक जनजाति है जिन्हें म्यांमार के चिन राज्य के चिन लोगों के ही जातीय रूप से सामान माना जाता है। हालाँकि आजकल अधिकांश लाई लोग मिज़ो भाषा को ही अपनी प्रथम भाषा के रूप में प्रयोग करते हैं।
यातायात
हेलिकॉप्टर सेवा पवन हंस लौंगत्लाइ से अइज़ोल तक उपलब्ध है।[३][४] अइज़ोल से लौंगत्लाइ के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग ५४ द्वारा २९६ किमी की दूरी है जो कि नियमित बस तथा जीप द्वारा जुड़ी है।[५] रेल सेवा को भी लौंगत्लाइ तक विस्तार करने का प्रस्ताव है।[६] कालादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट यातायात परियोजना, जो म्यांमार के सेत्प्यिपिन (कलेतवा) को जोड़ने वाला ६२ किमी लम्बा राजमार्ग है, के पूर्ण हो जाने के बाद लौंगत्लाइ भारत का केन्द्रीय बिन्दु बन जायेगा।[७]
शिक्षा
यहाँ पर लौंगत्लाइ कॉलेज स्थित है जो कि मिज़ोरम विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है।
मीडिया
लौंगत्लाइ के मुख्य समाचारपत्र निम्न हैं:[८]
- छावखलेई टाइम्स
- लाई अव
- लाई रम
- लौंगत्लाइ पोस्ट
- फ्वांगपुई एक्सप्रेस
- रामथर
- रम एंग
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ Samaw.com: Railway upto (sic) Lawngtlai – South Mizoram proposed स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite web