मैदान-ए-जंग
मैदान-ए-जंग | |
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चित्र:मैदान-ए-जंग.jpg मैदान-ए-जंग का पोस्टर | |
निर्देशक | के सी बोकाड़िया |
निर्माता | दिलीप कंकड़िया |
लेखक | के सी बोकाड़िया |
अभिनेता |
धर्मेन्द्र, अक्षय कुमार, करिश्मा कपूर, जयाप्रदा |
संगीतकार | बप्पी लहरी |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 14 अप्रैल, 1995 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
मैदान-ए-जंग 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे के सी बोकाड़िया. द्वारा निर्देशित किया गया है। धर्मेंद्र, अक्षय कुमार और करिश्मा कपूर मुख्य कलाकार हैं। अन्य कलाकारों में अमरीश पुरी, मनोज कुमार (अपनी आखिरी फिल्म में), जयाप्रदा, गुलशन ग्रोवर, कादर ख़ान, शक्ति कपूर, मुकेश खन्ना और दीना पाठक शामिल हैं।
संक्षेप
दाता गुरु (अमरीश पुरी) एक गांव का अमीर, शक्तिशाली और प्रभावशाली मुखिया है। वह सभी ग्रामीणों और उनकी संपत्तियों का मालिक है और उनका नियंत्रण करता है। कोई भी जो उसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत करता है उसे उसके कर्मचारी शंकर (धर्मेंद्र) और उसका बेटा गुमान (गुलशन ग्रोवर) द्वारा कुचल दिया जाता है।
करन (अक्षय कुमार) दाता गुरु का सबसे बड़ा पुत्र हैं, जो अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद गांव वापस आता है। वह शंकर की बहन तुलसी (करिश्मा कपूर) से प्यार करता है। इस बीच शंकर गुमान से दाता गुरु की विधवा बहू लक्ष्मी (जया प्रदा) को बचाता है, जो उससे बलात्कार करने की कोशिश करता है। जब दाता गुरु जानता है कि शंकर ने लक्ष्मी का अपहरण कर लिया है और उससे शादी की है, वह शंकर को मरा हुआ देखना चाहता है। दाता गुरु शंकर के खिलाफ करन को उत्तेजित करता है। वह ग्रामीणों की पानी की आपूर्ति में कटौती करने की धमकी देता अगर वे शंकर को उसके हवाले नहीं करते।
करन जीवा (दीना पाठक) से पूरी सच्चाई जानता है। वह दत्ता गुरु के खिलाफ शंकर की मदद करने का फैसला करता है।
मुख्य कलाकार
- धर्मेन्द्र - शंकर
- अक्षय कुमार - करन सिंह
- करिश्मा कपूर - तुलसी
- जयाप्रदा - लक्ष्मी
- गुलशन ग्रोवर - गुमान सिंह
- अमरीश पुरी - ठाकुर रणवीर सिंह 'दाता गुरू'
- मनोज कुमार - मास्टर दीनानाथ
- मुकेश खन्ना - पुलिस इंस्पेकटर
- शक्ति कपूर - बनारसी
- कादर ख़ान - मगनलाल
- गुफी पेंटल - मामा जी
- दीना पाठक - बुआजी
- वैष्णवी -
संगीत
सभी बप्पी लहरी द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "तीतर बोले" | कासिफ | ईला अरुण, गुरदास मान | 6:47 |
2. | "कोई हाल मस्त कोई चाल" | गुलशन बावरा | विनोद राठोड़, महेन्द्र कपूर | 6:42 |
3. | "शाम ढल रही तेरी याद" | के. के. वर्मा | सपना मुखर्जी, कुमार सानु | 4:51 |
4. | "क्या बात है तू" | माया गोविंद | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 4:55 |
5. | "लो फागुन ऋतु आ गयी" | माया गोविंद | उदित नारायण, विनोद राठोड़, साधना सरगम | 6:49 |