मुंबई की जनसांख्यिकी

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Skyscrapers under construction dotted by maller buildings and trees. A beach is in front of them
1970 के दशक के बाद से मुंबई मे निर्माणकार्यों में आई तेजी और प्रवासियों का संख्या मे हुई महत्वपूर्ण वृद्धि के चलते, यह भारत का सबसे बड़ा शहर बन गया है।

२००१ की जनगणना अनुसार मुंबई की जनसंख्या ११,९१४,३९८ थी।[२] वर्ल्ड गैज़ेटियर द्वारा २००८ में किये गये गणना कार्यक्रम के अनुसार मुंबई की जनसंख्या १३,६६२,८८५ थी।[३] तभी मुंबई महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या २१,३४७,४१२ थी।[४] यहां की जनसंख्या घनत्व २२,००० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था। २००१ की जनगणना अनुसार बी.एम.सी के प्रशासनाधीन ग्रेटर मुंबई क्षेत्र की साक्षरता दर ७७.४५% थी,[५] जो राष्ट्रीय औसत ६४.८% से अधिक थी।[६] यहां का लिंग अनुपात ७७४ स्त्रियां प्रति १००० पुरुष द्वीपीय क्षेत्र में, ८२६ उपनगरीय क्षेत्र और ८११ ग्रेटर मुंबई में,[५] जो आंकड़े सभी राष्ट्रीय औसत अनुपात ९३३ से नीचे हैं।[७] यह निम्नतर लिंग अनुपात बड़ी संख्या में रोजगार हेतु आये प्रवासी पुरुषों के कारण है, जो अपने परिवार को अपने मूल स्थान में ही छोड़कर आते हैं।[८]

मुंबई में ६७.३९% हिन्दू, १८.५६% मुस्लिम, ३.९९% जैन और ३.७२% ईसाई लोग हैं। इनमें शेष जनता सिख और पारसियों की है।[९] क्षेत्रानुसार वर्गीकरण अनुसार ५०% मराठी, २५% गुजराती, १७% उत्तर भारतीय, ३% तमिल, ३% सिंधी, २% कन्नड़िगा एवं अन्य हैं।[१०] यह विभिन्न संस्कृति के लोगों का मिश्रण १६वीं शताब्दी से हो रहे अन्य क्षेत्रों के यहां प्रवास के कारण हुआ है।[११] मुंबई में पुरातनतम, मुस्लिम संप्रदाय में दाउदी बोहरे, खोजे और कोंकणी मुस्लिम हैं।[१२] स्थानीय ईसाइयों में ईस्ट इंडियन कैथोलिक्स हैं, जिनका धर्मांतरण पुर्तगालियों ने १६वीं शताब्दी में किया था।[१३] शहर की जनसंख्या का एक छोटा अंश इस्राइली बेने यहूदी और पारसियों का भी है, जो लगभग १६०० वर्ष पूर्व यहां फारस की खाड़ी या यमन से आये थे।[१४]

मुंबई में भारत के किसी भी महानगर की अपेक्षा सबसे अधिक बहुभाषियों की संख्या है।महाराष्ट्र राज्य की आधिकारिक राजभाषा मराठी है, जो पर्याप्त मात्रा में बोली जाती है। अन्य बोली जाने वाली भाषाओं में हिन्दी, गुजराती और अंग्रेज़ी हैं।[१५] एक सर्वसाधारण की बोलचाल की भाषा है बंबइया हिन्दी जिसमें अधिकांश शब्द और व्याकरण तो हिन्दी का ही है, किंतु इसमे हिन्दी के अलावा मराठी और अंग्रेज़ी के शब्द भी होते हैं। इसके अलावा कुछ शब्द यहीं अविष्कृत हैं। मुंबई के लोग अपने ऑफ को मुंबईकर या मुंबैयाइट्स कहलाते हैं। उच्चस्तरीय व्यावसाय में संलग्न लोगों द्वारा अंग्रेज़ी को वरीयता दी जाती है।

मुंबई को भी तीव्र गति से शहरीकरण को अग्रसर अन्य विकासशील देशों के शहरों के द्वारा देखी जा रही प्रधान शहरीकरण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें गरीबी, बेरोजगारी, गिरता जन-स्वास्थ्य और अशिक्षा/असाक्षरता प्रमुख हैं। यहां की भूमि के मूल्य इतने ऊंचे हो गये हैं, कि लोगों को निम्नस्तरीय क्षेत्रों में अपने व्यवसाय स्थल से बहुत दूर रहना पड़ता है। इस कारण सड़कों पर यातायात जाम और लोक-परिवहन आदि में अत्यधिक भीड़ बढ़ती ही जा रही हैं। मुंबई की कुल जनसंख्या का लगभग ६०% अंश गंदी बस्तियों और झुग्गियों में बसता है।[१६] धारावी, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी स्लम-बस्त्ती[१७] मध्य मुंबई में स्थित है, जिसमें ८ लाख लोग रहते हैं।[१८] ये स्लम भी मुंबई के पर्यटक आकर्षण बनते जा रहे हैं।[१९][२०][२१] मुंबई में प्रवारियों की संख्या १९९१-२००१ में ११.२ लाख थी, जो मुंबई की जनसंख्या में कुल बढ़त का ५४.८% है।[२२] २००७ में मुंबई की अपराध दर (भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दर्ज अपराध) १८६.२ प्रति १ लाख व्यक्ति थी, जो राष्ट्रीय औसत १७५.१ से कुछ ही अधिक है, किंतु भारत के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर सूची के अन्य शहरों की औसत दर ३१२.३ से बहुत नीचे है।[२३] शहर की मुख्य जेल अर्थर रोड जेल है।

साँचा:seealso

सन्दर्भ