बोरोसिलिकेट काँच
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बोरोसिलिकेट काँच एक प्रकार का काँच होता है, जो सिलिका और बोरॉन ट्राईऑक्साइड से मिल कर बना एक यौगिक है।
निर्माण
इस काँच का निर्माण जर्मनी के वैज्ञानिक ओटो शॉट ने किया था।[१]
उपयोग
इसका उपयोग प्रयोगशाला में उपयोग में लाये जाने वाले काँच के उपकरण जैसे क्वथन नली में किया जाता है। जिससे यह उच्च तापमान में भी ठीक रहता है और सामान्य काँच की तरह टूटता या पिघलता नहीं है।
लाभ
बोरोसिलिकेट काँच के गुण निम्नलिखित तीन बिन्दुओं द्वारा बताये जा सकते हैम-
- उच्च हाइड्रोलाइटिक प्रतिरोध वाला न्यूट्रल काँच
- कठोर काँच जो उच्च ताप पर मुलायम होता है।
- इसका प्रसार गुणांक कम होता है जिससे ऊष्मीय झटकों को झेलने की क्षमता है।
संरचना
- 70 % से 80 % सिलिका (SiO2)
- 7 % से 13 % बोरॉन ऑक्साइद (B2O3).
- 4 % से 8 % अल्कली ऑक्साइड (Na2O; K2O)
- 2 % से 7 % अलुमिना (Al2O3)
- 0 % से 5 % अन्य अल्कली ऑक्साइड (CaO, MgO...)
'बोरोसिलिकेट' नाम इसमें सर्वाधिक मात्रा में उपस्थित दो यौगिकों - सिलिका और बोरेट के कारण पड़ा है।
भौतिक गुण
गुण | मान | टिप्पणी |
---|---|---|
नारंगी रंग के प्रकाश (587 nm) के लिये अपवर्तनांक | <math>n = 1{,}473</math> | |
अब्बे (Abbe) संख्या | <math>\nu = 65</math> | |
घनत्व | <math>\rho = 2{,}23~\mathrm{g/cm^3}</math> | खिड़्की में प्रयुक्त काँच से लगभग १०% हल्का |
यंग प्रत्यास्थता गुणांक | <math> E = 64\cdot 10^3~{\rm N/mm^2}</math> | |
आपेक्षिक परावैद्युतांक | <math>\varepsilon_\text{r} = 4{,}6</math> | |
ऊष्मीय प्रसार गुणक | <math>\alpha = 3{,}3 \cdot 10^{-6}~\mathrm{K^{-1}}</math> | खिड़की काँच का लगभग ४०% |
ऊष्मा चालकता | <math>k = 1{,}2~{\rm W/( K \cdot m)}</math> | सीमेण्ट के समान |
ऊष्मा धारिता | <math> C = 830~{\rm J / (kg \cdot K)}</math> | |
उच्चतम कार्यकारी तापमान | <math>T_{\rm max} = 500~{\rm ^\circ C}</math> | |
संक्रमण ताप | <math>T_{\rm verre} = 525~{\rm ^\circ C}</math> | |
मृदुलन बिन्दु | <math>T = 825~{\rm ^\circ C}</math> |
सन्दर्भ
- ↑ Werner Vogel: "Glass Chemistry"; Springer-Verlag Berlin and Heidelberg GmbH & Co. K; 2nd revised edition (November 1994), ISBN 3-540-57572-3