पर्यावरण में यूरेनियम
पर्यावरण में यूरेनियम का अर्थ पर्यावरण और जीव जन्तुओं पर यूरेनियम के प्रभाव से है। यूरेनियम एक कमजोर रेडियोधर्मी पदार्थ है। इसकी अर्ध-आयु 44.68 करोड़ वर्ष होती है, जिसके बाद यह यूरेनियम-238 बन जाता है। यह एक प्रकार का विषैला तत्व होता है। यह मानव शरीर में गुर्दे, मस्तिष्क, जिगर और हृदय को प्रभावित करता है।
स्रोत
खनन
इसे खनन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन इससे विकिरण के उच्च स्तर के संपर्क में आने का खतरा होता है। जिसके परिणामस्वरूप इसे प्राप्त करने हेतु इस विधि का उपयोग नहीं किया जाता था।[१]
धातु
दहन
एक अध्ययन द्वारा इस बात का पता चला कि इसके दहन करने पर इससे तेजी से हवा में कर्ण निकलते हैं, लेकिन लक्ष्य से कुछ किलो मीटर दूर रहने वाले लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होता है।[२]
संक्षारण
परमाणु कचरा
यूरेनियम डाइऑक्साइड ईंधन, जल में अघुलनशील होता है। जिसके कारण यह बोरोसिलिकेट काँच की तुलना में जल में बहुत ही धीरे विखंडित होता है।[३]
स्वास्थ्य पर प्रभाव
सन्दर्भ
- ↑ Benjamin K. Sovacool (2011). Contesting the Future of Nuclear Power: A Critical Global Assessment of Atomic Energy, World Scientific, p. 137.
- ↑ साँचा:cite journal
- ↑ B.E. Burakov, M.I Ojovan, W.E. Lee. Crystalline Materials for Actinide Immobilisation, Imperial College Press, London, 198 pp. (2010). http://www.icpress.co.uk/engineering/p652.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।