नवंबर 2015 पैरिस हमले
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नवंबर 2015 पैरिस हमले | |
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हमलों के स्थान | |
स्थान |
पेरिस, फ़्रांस सैंट-डेनिस, फ़्रांस 1: स्टेड डी फ़्रांस के निकट 2: रुए बीचाट और रुए अलिबेर्ट 3: रुए ड़ी ला फाउंटेन-औ-रोई 4: बाटाकलान थियेटर 5: रुए ड़ी कैरों सितारे: अलग-अलग आत्मघाती हमले (बाटाकलान को छोड़ कर) |
तिथि |
साँचा:start date से 14 November 2015 21:16 – 00:58 (सीईटी) |
हमले का प्रकार | बड़े पैमाने पर गोलीबारी, बम विस्फोट, मारो और भागो की रणनीति, बंदी बनाना, आत्मघाती हमला |
हथियार |
|
मृत्यु |
129 असैनिक:
|
घायल | 352,[३] ९९ गंभीर[४] |
अपराधी | आईएसआईएस[५] |
हमलावर |
प्रमाणित: 7 आतंकवादी आत्मघाती जैकेट के साथ। कुछ एके-47 के साथ:[६] |
उद्देश्य |
13 नवंबर 2015 की शाम को फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके उत्तरीय उपनगरीय इलाके सेंट डेनिस में आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया गया जिसमें बड़े पैमाने पर गोलीबारी, आत्मघाती बम विस्फोट, और लोगों को बंधक बनाया गया।[११] हमलों की शुरुआत 21:20 सीईटी (सेंट्रल यूरोपियन टाइम) में स्टेड डी फ्रांस के बाहर तीन आत्मघाती हमलों, बड़े पैमाने पर शूटिंग और मध्य पेरिस के पास चार स्थानों पर एक और आत्मघाती बम विस्फोट के साथ हुई।[१२] सबसे घातक हमला 14 नवंबर को 00:58 सीईट पर बाटाक्लेन थिएटर में हुआ जहाँ हमलावरों ने पुलिस के साथ उलझने से पहले लोगों को बंधक बनाया। हमलों में 129 लोग, मारे गए जिनमे से 89 की मृत्यु जिनमें से बाटाक्लेन थिएटर में ही हुई। 352 लोगों में से 80 गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ितों के अलावा, सात हमलावरों की भी मृत्यु हो गई, और अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर अभी भी अन्य साथियों की खोज करने के लिए जारी रखा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस पर यह सबसे घातक हमला था।
फ्रांस में जनवरी 2015 के हमलों के बाद से हाई अलर्ट घोषित किया गया था उस हमले में नागरिकों और पुलिस अधिकारियों सहित 17 लोग मारे गए थे।[१३] जवाब में, 2005 के दंगों के बाद पहली बार आपातकाल घोषित किया गया[१४] और अस्थायी नियंत्रण देश की सीमाओं पर रखा गया है। लोगों और संगठनों ने अपनी एकजुटता को सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त किया। 15 नवंबर को, फ्रांस के हमलों के प्रतिशोध में, अल-रक्का में आई एस आई एल के ठिकानों को लक्ष्य बनाकर आपरेशन चामल (Chammal), चलाया गया जो अभी तक का सबसे बड़ा हवाई हमला है। 18 नवंबर को, हमलों के मास्टरमाइंड संदिग्ध , बेल्जियम के अब्देल हामिद, को फ्रांसीसी पुलिस ने एक छापे में मार गिराया।[१५]
पृष्ठभूमि
जनवरी 2015 में हुए चार्ली हेबदो पर हमलें के बाद से ही फ्रांस में हाई अलर्ट लगा हुआ था[६] और 2015 में 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन पर हमले की आशंका से और भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी।[६]
तुर्की, इराक, और इजरायल की खुफिया एजेंसियों ने हमलों से महीनों पहले ही फ्रेंच मिट्टी पर हमले की चेतावनी दी थी, लेकिन फ्रांस के अधिकारियों से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।[१६]
हमले
अपराधी
14 नवम्बर को राष्ट्रपति फ्रांसिस होलांद ने बताया कि इन हमलों को आईएसआईएल ने फ्रांस में रह रहे लोगों की मदद से अंजाम दिया था। हमलावरों की लाशों के पास से सीरियाई और मिस्री पासपोर्ट मिले,[१७] लेकिन मिस्र के अधिकारियों ने इसे एक पीड़ित अलीद अब्दल-रज़्ज़ाक का बताया जो कि हमलावर नहीं था। [१८] 16 नवम्बर को बेल्जियम और फ्रांस के जांच अधिकारी अब्दलहमीद अबाउद की तलाश करने लगे थे जो एक कट्टरपंथी जिहादी था और जिसके इस हमले की साजिश रचने का अनुमान लगाया गया।[१९] बेल्जियम और फ्रांस में हुए अन्य हमलों में शक के घेरे में आने के बाद अबाउद[२०] जो कि एक मोरोक्को मूल का बेल्जियमवासी है सीरीया भाग गया।[२१][२२] माना जाता है कि अबाउद ने इब्राहिम और सालाह अब्देस्लाम सहित कई जिहादियों को इन हमलों कि अंजाम देने के लिये भर्ती कर रखा था।[२३] वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारियों ने द वाशिंग्टन पोस्ट को बताया कि अबाउद 18 नवम्बर को फ्रेंच पुलिस द्वारा उत्तरी पेरिस में डाले गई एक छापे में मारा गया;[२४][२५] हालांकि फ्रांसिस मोलिन्स ने अबाउद की मृत्यु की पुष्टि नहीं की है। [२६]
पहचान
पेरिस के अभियोक्ता के अनुसार हमलावरों की तीन टोलियों ने इन हमलों को अंजाम दिया। उन्होंने अपने बदन पर बम बांध रखे थे।[२७] इनमें से एक आत्मघाती हमलावर को पहले ८ बार गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन उसे आतंकी की श्रेणी में कभी भी नहीं रखा गया।[२७]
सात हमलावर घटनास्थल पर ही मारे गये।[२][२८]
- स्टेट डी फ्रांस के पास तीन आतंकियों ने स्वयं को बम से उड़ा लिया। ग्रीस के एक मंत्री निकोस तोस्कास ने बताया की सीरीया के पासपोर्ट धारी हमलावर को तुर्की के रास्ते शरणार्थी के तौर पर आने पर लेरोस में पंजीकृत किया गया था और उंगलियों के निशान लिए गये थे। [२९]
- इब्राहिम अब्देसलाम, एक ३१ वर्षीय फ्रांसीसी नागरिक जो मोलेनबीक नामक आतंकी गुट से संबन्धित था और बेल्जियम में रहता था ने कोम्पटोएर वोल्तायरे रेस्त्राँ के पास स्वयं को बम बंधे जैकेट से उड़ा लिया।[६][३०] उसका जन्म फ्रांस में 30 जुलाई 1984 को हुआ था।[३२]
- तीन हमलावरों ने काले कपड़ों में एके-४७ घातक राइफलों के साथ बाटा क्लान नामक रंगमंच पर हमला किया। [६] पुलिस के छापे के दौरान इनमें से दो ने स्वयम्को बम से उड़ा लिया और तीसरे को पुलिस ने उसके बम के फटने से थोड़ी देर पहले मार दिया। [६] फ्रांसीसी पुलिस के अनुसार अभियुक्तों में शामिल थे-
- सैमी एनीमोर, यमन में लड़ने वाला एक २८ वर्षीय पेरिस वासी।[३३] आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद से वो पिछले २ वर्षों से पुलिस से भागता फिर रहा था।[३४]
- सीरिया का पासपोर्ट धारी एक 25 वर्षीय सीरियाई नागरिक अहमद अलमुहम्मद[३०] (या अहमद अल मोहम्मद[२८])। पासपोर्ट जिसे संभवत: अवैध तरीकों से हासिल किया गया था के अनुसार यह व्यक्ति फ्रांस में ग्रीस और मैसीडोनिया के रास्ते आया था। [३५][३६][३७][३८]
- ओमर इस्माईल मोस्तफा, एक २९ वर्षीय कोरकोरोनस से का रहने वाला एक पेरिस वासी, को भी रंगमंच के हमलावरों में से एक माना गया है।[३०][३९][४०]
एक अभियुक्त को सीरीयाई पासपोर्ट के साथ पाया गया। पासपोर्ट धारक के बारे में फ्रेंच पुलिस को पहले से कोई सूचना नहीं थी।[४१]
15 नवम्बर को पेरिस के अभियोक्ता फ्रांसिस मोलिन्स ने तीन में से दो हमलावरों को इब्राहिम अब्देसलाम और एक २० वर्षीय युवक साँचा:who के तौर पर बताया। [३२]
हमले के तरीके
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय आतंकनिरोधी केंद्र के डायरेक्टर माइकल लीटर ने कहा की ये हमले जिस सुनियोजित ढंग से किये गये वैसा २००८ के मुंबई हमलों के बाद देखने में नहीं आया था।[४२] मुम्बई और पेरिस के हमलों में कई समानताएँ देखने को मिलीं। [४३][४४][४५] मुंबई पुलिस के संयुक्त कमिश्नर (कानून व्यवस्था) देवेन भारती ने इनमें बहुत सी समानताओं का जिक्र किया है जैसे, एक ही बार में एक ही साथ विभिन्न टोलियों में कई जगह हमले करना, ऐसी जगहों को चुनना जहाँ ज्यादा लोग एकत्रित होते हैं, आईईडी व घातक राइफलों का प्रयोग करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारना व आत्मघाती हमले करना।[४६][४७] भारती के अनुसार सिर्फ एक यही विभिन्नता थी कि मुंबई हमलों की तरह यहाँ हमलावरों ने हमलों को जारी नहीं रखा और पकड़े जाने का अंदेशा होते ही खुद को उड़ा लिया।[४८]
आईएस ने ली जिम्मेदारी
आईएसआईएस ने इन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी 14 नवम्बर को अपने उपर ले ली।[४९][५०][५१][५२] हमलों के २४ घंटो के अंदर ही इसके मीडिया समूह अल-हयात मीडिया समूह ने डार्क वेब पर एक वेबसाइट शुरु की और इसकी प्रशंसा करते हुए अपने समर्थकों से कूट संदेश सेवा टेलीग्राम का उपयोग करने की सलाह दी। [५३] इसने हमले की वजह पेरिस के प्रति अपने वैचारिक विरोध और पेरिस के घृणा और विकृतिकरण की राजधानी होना बताया। [५४] आईएस ने इसे रक्का में आईएस के ठिकानों पर नाटो के नेतृत्व में फ्राँस के हमलों और[९] विश्वव्यापी मुस्लिमों के प्रति फ्रांस सरकार की विदेश नीति का जवाब भी बताया।[५५]
शिकार
नागरिकता[५६] | मौतें |
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साँचा:flagu/core * | अज्ञात |
साँचा:flagu/core * | 3 |
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साँचा:flagu/core | 2 |
साँचा:flagu/core * | 2[५७] |
साँचा:flagu/core | 2[५८][५९] |
साँचा:flagu/core * | 2 |
साँचा:flagu/core * | 2 |
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साँचा:flagu/core | 2 |
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साँचा:flagu/core | 1 |
साँचा:flagu/core | 1 |
साँचा:flagu/core | 1[६०] |
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साँचा:flagu/core * | 1 |
साँचा:flagu/core | 1 |
साँचा:flagu/core * | 1 |
साँचा:flagu/core | 1[६१][६२] |
कुल' | 129[५६] |
हमलावरों में 129 पीड़ितों की मौत हो गई और 352-368 घायल हुए हैं,[६३][६४] जिनमे से 80 को गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।[६५] इन हमलों में लगभग 26 देशों के लोग हताहत हुए।
फ्रांस में अन्य आतंकी हमले
- 7 जनवरी 2015 को पेरिस में एक कार्टून मैग्जीन में शार्ली अब्दो के कार्यालय में हुए आतंकी हमले में 20 लोगो की मौत हो गयी थी। कुछ नकाबपोश पत्रिका के कार्यलय में घुसकर अंधाधुंध गोलिया चलाने लगे थे हमले में चार मुख्य कार्टूनिस्ट व प्रधान संपादक की मौत हो गयी थी
- 3 फरवरी 2015 को फ्रांस के नाइस शहर में एक यहूदी सामुदायिक केंन्द्र की रखवाली करते हुए तीन सैनिको पर हमला हुआ था लेकिन इस हमले में किसी की मारे जाने की सूचना नहीं थी।
- 19 अप्रैल 2015 को एक अल्जीरियाई ,यहूदी ने दो चर्चो पर हमले किए थे इसमे एक महिला की मौत हो गई थी।
- 26 जून 2015 को पूर्वी फ्रांस की एतक गैस फैक्ट्री में दिनदहाड़े संदिग्ध इस्लामी हमलावर ने एक व्यक्ति की गला काटकर हत्य कर दी थी जबकि दो अन्य लोगो को विस्फोटक उपकरणोँ से घायल कर दिया था।
- 21 अगस्त 2016 को भारी हथियारो से लैस एक आतंकी ने एम्सटर्डम से पेरिस जा रही एक हाईस्पीड ट्रेन में फायरिंग की थी जिससे चार लोग घायल हो गे थे हमलावर के पास से एक क्लाशनिकोव और एक आटोमेटिक पिस्तोल गोला बारुद व अन्य साम्रगी बरामद हुई थी।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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- ↑ This Is Because of all the Harm Done by Hollande to Muslims स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।,[यह ओलांद द्वारा मुस्लिमों को नुकसान पहुँचाने का प्रतिफल है] द न्यूयॉर्क टाइम्स
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- ↑ МИД РФ подтверждает факт опознания мужем тела россиянки, погибшей при теракте в Париже स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. tass.ru. 17 नवम्बर 2015
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