शार्ली ऐब्डो हमला

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शार्ली ऐब्डो हमला, चार्ली ऐब्डो हमला अथवा पेरिस गोलीबारी जनवरी 2015 बुधवार 07 जनवरी 2015 को घटी घटना है जिसमें फ़्रांस के पेरिस में व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्डो के दफ़्तर पर दो हमलावरों ने हमला कर 12 लोगों को जान से मार दिया।[१] [२]

पृष्ठभूमि

चित्र:Charliehebdo.jpg
शार्ली एब्डो के 3 नवंबर 2011 के कवर की छवि, जिसका नाम चेरिया हेब्दो ("शरिया हेब्दो") है। गुब्बारा शब्द इस्लामी पैगंबर मुहम्मद को यह कहते हुए दिखाता है, "यदि आप हँसते हुए नहीं मरते हैं तो 100 लश!"

शार्ली एब्डो फरवरी 2006 में इस्लामी पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छापने को लेकर चर्चा में आया था, जिसे इस्लाम में ईशनिंदा माना जाता है। हालांकि, यह मूल रूप से डेनिश अखबार जेलैंड्स पोस्ट में प्रकाशित हुआ था जिसे चार्ली हेबदो ने दोबारा प्रकाशित किया था।[३] इस कार्टून को लेकर मुस्लिम जगत में रोष छा गया था। इसके कार्यालयों पर नवंबर 2011 में गोलीबारी हुई थी और बम फेंके गए थे, जब इसने पैगंबर का कार्टून प्रकाशित किया था। ऐसा किया जाना इस्लाम के खिलाफ है। नस्लवाद रोधी कानूनों को लेकर अदालत में घसीटे जाने के बावजूद साप्ताहिक अखबार ने पैगंबर के कार्टून को प्रकाशित करना जारी रखा। इससे पहले संपादक स्टीफन को जान से मारने की धमकियां मिली थी और उन्हें पुलिस हिफाज़त मुहैया करायी गई थी।[४]

हमला

7 जनवरी 2015 10:30 (यूटीसी) को एके47 से लैस दो बंदूकधारियों ने इस्लाम समर्थक नारे लगाते हुए फ्रांसीसी अखबार शार्ली एब्डो के दफ्तर पर धावा बोला और 12 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी जिसमें से दो पुलिस अफ़सर थे।[५] नकाबपोश हमलावरों ने कथित तौर पर एक कार अगवा कर ली और वे जल्द ही भाग निकले। उन्होंने एक राहगीर को कुचल दिया और अधिकारियों पर गोलियां चलाई। हमलावर एक स्वचालित रायफल कालशनिकोव और रॉकेट लॉंचर से लैस थे। हमलावर जोर-जोर से कह रहे थे, "हमने पैगंबर का बदला लिया है" और "अल्लाहु अकबर" के नारे लगा रहे थे।[६]

पत्रिका के संपादकीय विभाग के कर्मचारी

सन्दर्भ