ज़ोया अख़्तर
जोया अख्तर | |
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तलाश, अक्टूबर 2012 के ओडियो प्रदर्शन पर जोया | |
जन्म |
9 January 1974 मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
व्यवसाय | निर्देशक, कथानक लेखक |
कार्यकाल | 1999—वर्तमान |
संबंधी |
जावेद अख़्तर (पिता) फरहान अख्तर (भाई) हनी ईरानी (मां) |
जोया अख्तर एक समकालीन भारतीय फिल्म निर्देशक हैं। उन्होंने सर्वप्रथम उन्होंने लक बाइ चांस (2009) नामक फ़िल्म से अपना निर्देशन का कार्य आरम्भ किया।[१][२] 2011 में, उन्होंने समीक्षात्मक और वाणिज्यिक रूप से सफल फ़िल्म ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा का निर्देशन किया और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार जीता।
पूर्व जीवन
होया अख्तर का जन्म 9 जनवरी 1974 को बोम्बे (मुम्बई) में पटकथा लेखक कवि गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर और पटकथा लेखिका हनी ईरानी के घर हुआ। जोया की सौतेली मां शबाना आज़मी हैं। वो फरहान अख्तर की बहन और शायर जांनिसार अख्तर की पोती हैं। मनेच्क्जी कूपर विद्यालय, मुम्बई से उन्होंने अपनी शिक्षा आरम्भ की और सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुम्बई से स्नातक की पढ़ाई पूर्ण की। तत्पश्चात उन्होंने फिल्म निर्माण सिखने के लिए न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय फिल्म स्कूल में चलीं गई।[३]
जोया का पालन पोषण एक नास्तिक परिवेस में हुआ, जैसे की उसके पिता जावेद अख्तर ने अपने भाषणों की शुरूआत "अध्यात्म, प्रभामण्डल आदि" से आरम्भ करने लगे।[४]
करियर
जोया ने अपना कार्य कामसूत्र नामक फ़िल्म में एक छोटे से अभिनय से अभिनेत्री के रूप में आरम्भ किया, जहाँ उन्होंने रेखा की एक शिष्य का अभिनय किया। जोया ने विभिन्न विज्ञापनों में भी कार्य किया जैसे पेप्सी और फिनोलेक्स के लिए किया। उन्होंने रॉक बैण्ड "प्राइस ऑफ़ बुलेट्स" नामक विडियो संगीत के सह-निर्देशन का कार्य भी किया।
निर्देशन
उन्होंने अपना निर्देशन का कार्य वर्ष 2011 में लक बाइ चांस नामक फ़िल्म से आरम्भ किया जो आलोचनाओं से भरपूर रही[१] लेकिन टिकटघर पर नहीं चल पायी,[५] वर्ष 2011 में, उन्होंने अपने निर्देशन में एक बहु-सितारा फ़िल्म जिसमें ऋतिक रोशन, अभय देयोल, फरहान अख्तर, कैटरीना कैफ और कल्की केकलां ने कार्य किया था, ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा नामक व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म दी।[६] जिसके परिणामस्वरूप उन्हें टिकटघर पर भी एक भारी सफलता मिली और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार भी मिला, जोया अख्तर ने फ़िल्म का एक उत्तर कथा चलचित्र भी बनाने का विचार बनाया। इसके बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि - "आप नहीं जानते मैं इसके उत्तर कथा चलचित्र बनाने के बारे में सोच रही हूँ अथवा नहीं। It all depends on the right content.",[७]
फ़िल्में
निर्देशन
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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2009 | लक बाइ चांस | बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार (अयान मुखर्जी के साथ साझा) |
2011 | ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार[८] आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए जी सिने अवार्ड सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए अप्सरा अवार्ड |
2013 | बॉम्बे टॉकीज़ |
पटकथा लेखक
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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2009 | लक बाइ चांस | |
2011 | ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा | |
2012 | तलाश |
कहानी लेखक
Year | Film | Notes |
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2009 | लक बाइ चांस | |
2011 | ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा | |
2012 | तलाश |
सहायक निर्देशक
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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1998 | बोम्बे बॉयज़ | |
2001 | दिल चाहता है | |
2004 | लक्ष्य |
कार्यकारी निर्माता
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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2004 | लक्ष्य | |
2007 | हनीमून ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड | |
2009 | लक बाइ चांस |
अन्य
वो वेलेंटाईन डे के अवसर पर अपने भाई फरहान अख्तर के साथ चैरिटी शौ कौन बनेगा करोड़पति में भाग लिया।[९]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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- ↑ साँचा:cite web
- ↑ Spirituality, Halo or Hoax स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। - Javedakhtar.com, Spirituality, Halo or Hoax, 26 फ़रवरी 2005. "There are certain things that I would like to make very clear at the very outset. Don’t get carried away by my name – Javed Akhtar. I am not revealing a secret, I am saying something that I have said many times, in writing or on TV, in public...I am an atheist, I have no religious beliefs. And obviously I don’t believe in spirituality of some kind. Some kind."
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- ↑ साँचा:cite news
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