जोबा मुर्मु
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जोबा मुर्मू ᱡᱳᱵᱟ ᱢᱩᱨᱢᱩ | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
निवास | करनडीह (दुखू टोला), जमशेदपुर |
विधा | बाल साहित्य |
उल्लेखनीय सम्मान | साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार |
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जोबा मुर्मू (साँचा:lang-sat) करनडीह, दुखू टोला, जमशेदपुर में रहने वाली संथाली महिला हैं जिन्हें उनके भाषा योगदान के कारण नवम्बर 14, 2017 को साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त हुआ।[१]
जीवन परिचय
जोबा मुर्मु एक स्कूल टीचर और कार्यकर्ता हैं। उन्होंने विधि में स्नातक किया तथा संथाली और हिन्दी में एम० ए० किया है।[१]
लेखन कार्य
उन्होंने संथाली में कई कहानियों को लिखा है। उनकी कहानी 'ओलेन बहा' को सहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2017 में दिया गया।
उन्होंने प्रेमचन्द की कहानियों तथा रविन्द्रनाथ ठाकुर की गीतांजली को संथाली में अनुदित किया।[१]