भारतीय साहित्य अकादमी

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साहित्य अकादमी
Rabindra Bhawan, Delhi.jpg
दिल्ली का रवीन्द्र भवन जिसमें संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी एवं साहित्य अकादमी स्थित हैं।
संक्षेपाक्षर स.अ.
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मुख्यालय रवीन्द्र भवन, दिल्ली
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) प्रो. चंद्रशेखर कंबार

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प्रकाशन समकालीन भारतीय साहित्य
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जालस्थल Official Website
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भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है।[१][२]

स्थापना

भारत सरकार के जिस प्रस्ताव में अकादमी का यह विधान निरूपित किया गया था, उसमें अकादमी की यह परिभाषा दी गई है- भारतीय साहित्य के सक्रिय विकास के लिए कार्य करनेवाली एक राष्ट्रीय संस्था, जिसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं में साहित्यिक गतिविधियों को समन्वित करना एवं उनका पोषण करना तथा उनके माध्‍यम से देश की सांस्कृतिक एकता का उन्नयन करना होगा। हालाँकि अकादेमी की स्थापना सरकार द्वारा की गई है, फिर भी यह एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्य करती है। संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत इस संस्था का पंजीकरण 7 जनवरी 1956 को किया गया।

इतिहास

भारत की स्‍वतंत्रता के भी काफ़ी पहले से देश की ब्रिटिश सरकार के पास भारत में साहित्‍य की राष्‍ट्रीय संस्‍था की स्‍थापना का प्रस्‍ताव विचाराधीन था। 1944 में, भारत सरकार ने रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल का यह प्रस्‍ताव सैद्धांतिक रूप से स्‍वीकार कर लिया था कि सभी क्षेत्रों में सांस्‍कृतिक गतिविधियों को प्रोत्‍साहित करने के लिए राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक ट्रस्‍ट का गठन किया जाना चाहिए। ट्रस्‍ट के अंतर्गत साहित्‍य अकादेमी सहित तीन अकादेमियाँ थीं। स्‍वतंत्रता के पश्‍चात् भारत की स्‍वतंत्र सरकार द्वारा प्रस्‍ताव का अनुसरण करते हुए विस्‍तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए श्रृंखलाबद्ध बैठकें बुलाई गईं। सर्वसम्‍मति से तीन राष्‍ट्रीय अकादमियों के गठन का निर्णय हुआ, एक साहित्‍य के लिए दूसरी दृश्‍यकला तथा तीसरी नृत्‍य, नाटक एवं संगीत के लिए।

साहित्यिक गतिविधियां

अकादेमी प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त चौबीस भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के लिए पुरस्कार प्रदान करती है, साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिए भी पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार साल भर चली संवीक्षा, परिचर्चा और चयन के बाद घोषित किए जाते हैं। अकादेमी उन भाषाओं के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान करने वालों को 'भाषा सम्मान' से विभूषित करती है, जिन्हें औपचारिक रूप से साहित्य अकादेमी की मान्यता प्राप्त नहीं है।

सन्दर्भ

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इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

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