चेतन शर्मा
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| व्यक्तिगत जानकारी | |
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| जन्म | साँचा:br separated entries |
| मृत्यु | साँचा:br separated entries |
| कद | साँचा:convert |
| बल्लेबाजी की शैली | दायां हाथ |
| गेंदबाजी की शैली | दायें हाथ के fast-medium |
| भूमिका | All rounder |
| अंतर्राष्ट्रीय जानकारी साँचा:infobox | |
| घरेलू टीम की जानकारी | |
| वर्ष | टीम |
| साँचा:nowrap | हरियाणा |
| 1993/94–1996/97 | बंगाल |
| साँचा:infobox cricketer/career | |
| स्रोत : CricketArchive, 30 September 2008 | |
चेतन शर्मा (साँचा:audio) (जन्म ३ जनवरी १९६६) एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राजनेता हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक तेज गेंदबाज के रूप में टेस्ट क्रिकेट और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे क्रिकेट) खेली है।[१]
शर्मा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से देश प्रेम आजाद द्वारा पुरस्कृत किया गया था, जो कपिल देव के गुरु भी थे।
घरेलू क्रिकेट करियर
उन्होंने १६ साल की उम्र में हरियाणा के लिए प्रथम श्रेणी में शुरुआत की और एक साल बाद वनडे इंटरनेशनल में जगह बनाने में कामयाब हुए।
अंतरराष्ट्रीय करियर
१९८४ में लाहौर में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में डेब्यु करते हुए, उन्होंने मोहसिन खान को अपनी पांचवीं गेंद पर बोल्ड किया और टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले ओवर में एक विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बने। उन्होंने १९८५ में श्रीलंका में तीन टेस्ट मैचों में चौदह विकेट लिए थे।
शर्मा ने १९८६ में इंग्लैंड को २-० से हराने वाली भारतीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। उन्होंने उस दौरान जो दो टेस्ट खेले थे, उनमें सोलह विकेट लिए। उन्होंने बर्मिंघम में १० विकेट लिए थे। साथ ही दूसरी पारी में उन्होंने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए ५८ रन देकर ६ विकेट लिए थे। यह इंग्लैंड में एक भारतीय द्वारा दस विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज है। इनके करियर पर चोटों का काफी असर पड़ा लेकिन जब वापस लौटे तो वह अगले तीन वर्षों के लिए कपिल देव के साथी गेंदबाज के पहली पसंद थे।
चेतन शर्मा ने अपना पहला टेस्ट मैच १७ से २२ अक्तूबर १९८४ को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था।[२] आखिरी मैच २८ मई से ३ जून १९८९ को वेस्टइंडीज के खिलाफ किंगस्टन में खेला था।[३] पूरे करियर में २३ मुकाबलों में ६१ विकेट लिए और ५४ रनों की सर्वश्रेष्ठ पारी की मदद से ३९६ रन बनाए।
उन्होंने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे क्रिकेट) में पदार्पण ७ दिसंबर १९८३ को वेस्टइंडीज के खिलाफ जमशेदपुर में किया और अंतिम मैच जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ ११ नवंबर १९९४ में खेला था।[४] इस दौरान शर्मा ने ६५ वनडे मैच खेले जिसमें ३४.८६ की औसत से ६७ विकेट लिए और सबसे अच्छा गेंदबाजी प्रदर्शन २२ रन देकर ३ विकेट है।[५]