घूर्णन

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अपने अक्ष पर घूर्णन करती हुई पृथ्वी
घूर्णन करते हुए तीन छल्ले

भौतिकी में किसी त्रिआयामी वस्तु के एक स्थान में रहते हुए (लट्टू की तरह) घूमने को घूर्णन (rotation) कहते हैं। यदि एक काल्पनिक रेखा उस वस्तु के बीच में खींची जाए जिसके इर्द-गिर्द वस्तु चक्कर खा रही है तो उस रेखा को घूर्णन अक्ष कहा जाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करती है।

स्थानान्तरण और घूर्णन की तुलना

निम्नलिखित सारणी में स्थानान्तरण (ट्रान्सलेशन) तथा घूर्णन गतियों से सम्बन्धित राशियों एवं समीकरणों की तुलना की गयी है। दोनों के समीकरणों में समानता देखी जा सकती है॥

स्थानान्तरण गति घूर्नन गति
स्थिति सदिश: <math>\vec r</math> कोणीय विस्थापन <math>\varphi</math> या मैट्रिक्स: <math>A</math>
वेग: <math>\vec v=\dot{\vec r}</math> कोणीय वेग: <math>\vec \omega = \dot\psi \vec{\mathbf{u}}_1
  +\dot\theta \vec{\mathbf{u}}_2
  +\dot\phi \vec{\mathbf{u}}_3</math>
त्वरण: <math>\vec a=\dot{\vec v}=\ddot{\vec r}</math> कोणीय त्वरण: <math>\vec\alpha=\dot{\vec\omega}</math>
द्रव्यमान: <math>\ m</math> (अदिश) जड़त्वाघूर्ण टेंसर: <math>\mathbf{ \Theta}</math> (विशेष स्थिति में अदिश जड़त्वाघूर्ण <math>I</math>)
बल: <math>\vec{F}</math> बलाघूर्ण: <math>\vec M =\vec r \times \vec F</math>
संवेग: <math>\vec p = m \, \vec v</math> कोणीय संवेग: <math>\vec L = \mathbf{\Theta} \vec\omega</math>
संवेग परिवर्तन (आवेग): <math>\Delta \vec{p}=\int \vec{F} \mathrm{d} t</math> कोणीय संवेग परिवर्तन : <math>\Delta \vec{L} = \int \vec M \mathrm {dt}</math>
गतिज ऊर्जा: <math>E_\mathrm{kin} = \frac{1}{2} m \, \vec{v}^2 \equiv \frac{1}{2} \vec{v}\cdot\vec{p}</math> घूर्णन की गतिज ऊर्जा: <math>E_\mathrm{rot} = \frac{1}{2} \vec\omega\cdot\mathbf{\Theta} \vec\omega</math>
कार्य: <math>W=\int \vec F \cdot \mathrm d \vec s</math> घूर्णन गति में कार्य: <math>W=\int \vec M \cdot \vec \omega \ \mathrm d t</math>
शक्ति: <math>P = \dot{W} = \vec F \cdot \frac{\mathrm d \vec s}{\mathrm d t} = \vec F \cdot \vec v</math> घूर्णन गति में शक्ति: <math>P = \dot{W} = \vec M \cdot \vec \omega</math>
गति के समीकरण
संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के बराबर होती है।:

<math>\dot{\vec p} = \vec F</math>

कोणीय संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बलाघूर्ण के बराबर होती है।:

<math>\dot{\vec L} = \vec M</math>

यदि द्रव्यमान नियत हो तो <math>m</math> (न्यूटन की गति का दूसरा नियम):

<math>m \, \vec a = \vec F</math>

यदि जड़त्वाघूर्ण नियत हो तो <math>I</math>:

<math>I \vec\alpha = \vec M</math>

इन्हें भी देखें