क्योंकि (फ़िल्म)

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क्योंकि
चित्र:क्योंकि.jpg
क्योंकि का पोस्टर
निर्देशक प्रियदर्शन
निर्माता सुनील मनचंदा
मुकेश तलरेजा
लेखक संजय छेल (संवाद)
अभिनेता सलमान ख़ान,
करीना कपूर,
रिमी सेन,
जैकी श्रॉफ,
ओम पुरी
संगीतकार हिमेश रेशमिया
प्रदर्शन साँचा:nowrap 2 नवंबर, 2005
देश भारत
भाषा हिन्दी

साँचा:italic title

क्योंकि 2005 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। इसका निर्देशन प्रियदर्शन ने किया है और मुख्य भूमिकाओं को सलमान ख़ान, करीना कपूर, रिमी सेन, जैकी श्रॉफ और ओम पुरी द्वारा निभाया गया है। ये फिल्म 1986 की प्रियदर्शन द्वारा ही निर्देशित मलयालम फिल्म थलेवट्टम की रीमेक है।[१]

संक्षेप

ये कहानी सर रिचर्ड के पागल खाने से शुरू होती है, जिसका संचालन डॉ॰ खुराना (ओम पुरी), अपने दो मुख्य डॉक्टरों, डॉ॰ सुनील (जैकी श्रॉफ) और अपनी बेटी, डॉ॰ तन्वी खुराना (करीना कपूर) के साथ करता है।

उसी पागल खाने में एक दिन अदालत के आदेश पर आनंद (सलमान ख़ान) को इलाज के लिए लाया जाता है। वो बिलकुल सामान्य इंसानों की तरह व्यवहार करते रहता है, जिससे ऐसा लगता ही नहीं कि वो पागल है, पर अचानक वो एक तितली को पकड़ने में लग जाता है, और तबाही मचाने लगता है। डॉक्टर ये देख कर उसे भर्ती कर लेते हैं। पागल खाने में वो दूसरे पागलों के साथ दोस्ती कर लेता है। डॉ॰ सुनील उसकी काफी देखभाल करते रहता है, क्योंकि उसके पिता ने ही उसकी डॉक्टर बनने में मदद की थी। वो हर दिन कुछ न कुछ हरकत करते ही रहता था, और तन्वी उसे पागल खाने के बाहर करने की बात करते रहती थी।

एक दिन तन्वी को आनंद के दुखद अतीत के बारे में पता चलता है। आनंद एक संगीतकार था, जो कॉलेज में एक लड़की, माया (रिमी सेन) से बहुत प्यार करता था। वे दोनों जल्द ही शादी करने वाले होते हैं। माया उसके साथ बहुत सारे मज़ाक करते रहती है। उसे घोड़ा चलाने नहीं आते रहता है, पर वो अच्छी तरह घोड़ा की सवारी कर लेती है। वो बोलती है कि उसे कार चलाने नहीं आते रहता है, पर वो कार भी चला लेती है वो भी बहुत तेजी से, और इस तरह के ढेर सारे मज़ाक के बीच वो ये भी बोलती है कि उसे तैरना नहीं आता है, पर इस बार आनंद उसकी बात नहीं मानता और उसे पूल में धक्का मार देता है। वो डूब कर मर जाती है और आनंद उसकी मौत की वजह खुद को मानने लगता है।

ये सच पता लगने के बाद वो आनंद से माफी मांगती है और वे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं। वो और सुनील मिल कर आनंद को ठीक करने लगते हैं। वो अब पूरी तरह ठीक हो जाता है, और वहाँ से जाने की सोचता है, पर तन्वी के प्यार के इकरार करने के बाद वो कुछ दिन रुकने का फैसला करता है। उसे भी तन्वी से प्यार होता है और दोनों एक दूसरे के साथ खुश रहते हैं। लेकिन उसकी मंगनी डॉ॰ करन (सुनील शेट्टी) के साथ हुए रहती है, जो उसके पिता की पसंद हैं।

जब डॉ॰ खुराना को उसके और आनंद के प्यार के बारे में पता चलता है तो वो तन्वी को उसे छोड़ने को कहता है। डॉ॰ खुराना उसके मस्तिष्क के साथ छेड़छाड़ कर उसे हमेशा के लिए विकलांग बना देता है। जब सुनील उसको इस हाल में देखता है तो वो दुःखी हो कर उसे तकिये से मार देता है, क्योंकि वो उसे जीवन भर लाश की तरह जीवित रहते नहीं देख सकता था। वो ये बात डॉ॰ खुराना को बताता है, तभी तन्वी ये बात सुन लेती है और इस सदमे से अपना दिमागी संतुलन खो देती है और उसी पागल खाने में एक मरीज बन कर रह जाती है। डॉ॰ खुराना को अपनी बेटी के इस हाल को देख कर अपने कार्यों पर पछतावा होता है और इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।

मुख्य कलाकार

संगीत

क्योंकि
संगीत हिमेश रेशमिया द्वारा
जारी 2005
संगीत शैली फ़िल्म संगीत
लेबल टी-सीरीज़
निर्माता हिमेश रेशमिया
हिमेश रेशमिया कालक्रम

कोई आप सा
(2005)
''' क्योंकि '''
(2005)
वाह! लाइफ हो तो ऐसी
(2005)

साँचा:italic titleसाँचा:main other सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत हिमेश रेशमिया द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."आ जीले एक पल में"अलका याज्ञनिक, उदित नारायण4:44
2."क्योंकि इतना प्यार"अलका याज्ञनिक, उदित नारायण5:56
3."क्योंकि इतना प्यार" (II)राधा, उदित नारायण5:56
4."क्योंकि इतना प्यार" (एकल)अलका याज्ञनिक5:42
5."झटका मार"उदित नारायण, शान, कैलाश खेर6:20
6."दिल कह रहा है"कुणाल गांजावाला5:06
7."दिल कह रहा है" (रीमिक्स)कुणाल गांजावाला4:41
8."दिल के बदले सनम"अलका याज्ञनिक, उदित नारायण4:17

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ