कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन
डॉ॰ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन | |
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श्री कस्तूरीरंगन | |
जन्म |
साँचा:birth date एर्नाकुलम, केरल |
आवास | भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
क्षेत्र | खगोल विज्ञान / अंतरिक्ष अनुसंधान सहित विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग |
संस्थान | नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
प्रसिद्धि | भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अग्रणी योगदान |
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कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन प्रसिद्ध भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं राज्यसभा के सांसद हैं। इन्हें भारत सरकार ने १९९२ में विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इन्होंने सन १९९४ से २००३ तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष रहे। इन्होंने भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।
महत्वपूर्ण योगदान
डॉ॰ कस्तूरीरंगन ने इसरो एवं अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में भारत सरकार के सचिव के रूप में 9 साल तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का निर्देशन किया। इससे पहले जब वे इसरो के उपग्रह केंद्र के निदेशक थे, तब उनकी देखरेख में भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इनसैट -2), भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह (आईआरएस -1 ए और 1 बी) तथा अन्य कई वैज्ञानिक उपग्रह विकसित किये गए। वह भारत के पहले प्रयोगात्मक पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों, (भास्कर एकम और द्वितीय) के लिए परियोजना निदेशक थे।
उनके नेतृत्व में भारत के प्रतिष्ठित प्रक्षेपण वाहन - ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान(PSLV) और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान(GSLV) का सफल प्रक्षेपण एवं संचालन हुआ। उनकी अगुआई में भारत ने चन्द्रयान-१ का सफल प्रक्षेपण किया, जिसे मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है। उनके इन प्रयासों ने प्रमुख तौर पर अंतरिक्ष कार्यक्रम चलाने वाले गिने-चुने देशों की सूची में भारत को भी डाल दिया है।
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