उत्तर प्रदेश में पर्यटन
उत्तर प्रदेश में पर्यटन भारत भर में सुविख्यात है एवं इसकी पश्चिमी सीमायें देश की राजधानी नई दिल्ली से लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश भारतीय एवं विदेशी पर्यटको के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस प्रदेश में कई ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल हैं। उत्तर प्रदेश की आबादी भारत के सभी राज्योँ में सबसे अधिक है। भूगौलिक रूप से भी उत्तर प्रदेश में विविधता देखने को मिलती है- उत्तर की ओर हिमालय पर्वत हैं और दक्षिण में सिन्धु-गंगा के मैदान हैं। शिवालिक की पहाडियों मे शाकम्भरी शक्तिपीठ तीर्थ है भारत का सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक पर्यटन स्थल ताज महल यहां के आगरा शहर में स्थित है। वाराणसी, जो कि हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो इसी प्रदेश में है।साथ ही साथ भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या पावन नगरी जो की सरयू नदी के पावन स्थल पर विराजमान है। इसी प्रदेश में माता सती के नौ रूपों में एक माँ पाटन देवी का मंदिर भी तुलसीपुर में विराजमान है ।भगवान गौतम बुद्ध का मंदिर भी अत्यंत ही मनमोहक और खूबसूरत है जो कि उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद में स्तिथ है जहां हर वर्ष लाखो बौद्ध भिक्षु दर्शन को आते हैं
मथुरा
- कृष्ण जन्मभूमि
- द्वारिकाधीश मन्दिर
- विश्राम घाट
- केशी घाट
- बांके बिहारी मन्दिर
- गोविन्द देव मन्दिर
- मदन मोहन मन्दिर
- रंगनाथ जी मन्दिर
- इस्कॉन मन्दिर
- कुसुम सरोवर
- मानसी गंगा
- राधाकुण्ड
- संकेत
- हरिदेव जी मन्दिर
- दानघाटी
- ब्रह्माण्ड घाट
- दाऊजी का मन्दिर
- प्रेम मन्दिर
आगरा
- ताजमहल
- फ़तेहपुर सीकरी
- लाल क़िला
- जोधाबाई का महल
- सिकंदरा
- जामा मस्जिद
- एतमादुद्दौला का मक़बरा
- चीनी का रोज़ा
- मेहताब बाग़
- दयाल बाग़
सहारनपुर
- शाकम्भरी देवी
- सहंस्रा ठाकुर
- भूतेश्वर मंदिर
- त्रिपुरा सुंदरी बाला देवबंद
- बादशाही बाग
- मोहंड दर्रा
लखनऊ
- घंटाघर
- छोटा इमामबाड़ा
- जामा मस्जिद
- बड़ा इमामबाड़ा
- बनारसी बाग़
- मोती महल
- रूमी दरवाज़ा
- रेसीडेंसी संग्रहालय
- कालका बिन्दादीन ड्योढ़ी
- लाल बारादरी
- बटलर पैलेस
- लाल पुल
- छतर मंज़िल
- अकबरी दरवाज़ा
- शेर दरवाज़ा
- कुकरैल पिकनिक स्पॉट
- गोमती रिवर फ्रंट
वाराणसी
- काशी विश्वनाथ मन्दिर
- भारत माता मन्दिर
- दूध का कर्ज़ मंदिर
- अन्नपूर्णा मंदिर
- साक्षी गणेश मंदिर
- काशी विशालाक्षी मंदिर
- केदारेश्वर मंदिर
- विष्णु चरणपादुका
- भैरव मंदिर
- सीता मंदिर
- मारकण्डेय महादेव मंदिर
- विंध्याचल मंदिर
- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
- भारत कला भवन वाराणसी
- धूतपापेश्वर मंदिर
प्रयागराज
- संगम
- गुरावली घाट
- अल्फ़्रेड पार्क
- इलाहाबाद क़िला
- कड़ा
- अशोक स्तम्भ
- स्वराज भवन
- आनंद भवन
- गढ़वा
- हनुमान मंदिर
- संग्रहालय
जौनपुर
मेरठ
- पांडव क़िला
- शहीद स्मारक
- राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय
- शाहपीर मक़बरा
- सेन्ट जॉन चर्च
- नंगली तीर्थ
- सूरज कुंड
- जामा मस्जिद
- आबू मक़बरा
- विक्टोरिया पार्क
- कालीपलटन मंदिर
- पंजाब रेजिमेन्ट गुरुद्वारा
- कम्पनी बाग़
- माल रोड़
- शहीद स्मारक माल रोड़
- बीस शिलालेख
- जैन श्वेतांबर मंदिर
- हस्तिनापुर तीर्थ
- रोमन कैथोलिक चर्च
- द्रौपदी की रसोई
- हस्तिनापुर अभ्यारण्य
- सरधना
- बेगम का महल
गाज़ियाबाद
- गणमुक्तिश्वर महादेव का मंदिर
- गंगा मंदिर
- मीराबाई की रेती
- ब्रज घाट
- झारखंडेश्वर महादेव
- कल्याणेश्वर महादेव का मंदिर
- चित्रकूट
- रामघाट
- कामतानाथ
- सती अनसूया
- राम दरबार
- हनुमान धारा
सारनाथ
बहराइच
सीतापुर
गोंडा
हरदोई
- हरदोई पर्यटन
- साण्डी पक्षी अभयारण्य
- श्रवण देवी मंदिर
- सर्वोदय आश्रम टडियांवा
- विक्टोरिया भवन
- सकहा शंकर मंदिर
- गाँधी भवन
- हत्याहारण तीर्थ
- सुनासीरनाथ मल्लावां
- माँ कलिका देवी मंदिर रायपुर कोथावां
कौशांबी
बुलन्दशहर
कानपुर
श्रीराम जन्म भूमि
*अयोध्या तीर्थ
मिर्ज़ापुर
- कंतित शरीफ दरगाह
- विंध्याचल मंदिर
- विंध्याचल, काली खो, अष्टभुजा त्रिकोण यात्रा
- सीता कुंड
- मोतिया तालाब
- टांडा फाल
- विंढमफाल
- लोअर खजुरी डैम
- घंटाघर
- पक्केघाट
- संकटमोचन मंदिर
- साई अंचल मंदिर
- नारघाट
- चुनार किला
कुशीनगर
सोरों शूकरक्षेत्र
सूकरक्षेत्र सोरों जनपद कासगंज का एक प्राचीन तीर्थस्थल है, जोकि सतयुगीन है। यह भगवान वराह की मोक्षस्थली है। भगवान वराह ने यहीं देवी पृथ्वी को प्रथम बार गीता सुनाई थी। भगवान सूर्य, चन्द्र आदि देवताओं व अनेक ऋषि, मुनियों की यह तपस्थली रही है। महाप्रभु वल्लभाचार्य, चैतन्य महाप्रभु, विट्ठलनाथ जी, गुंसाई जी आदि की यह साधनास्थली रही है। रामचरितमानस के रचनाकार तुलसीदास, अष्टछाप के जड़िया कवि नन्ददास व साध्वी रत्नावली का जन्मयहाँ हुआ था। चक्रतीर्थ, रघुनाथ जी मंदिर, रूपतीर्थ, सोमतीर्थ, द्वारिकाधीश मंदिर, नीमेश्वर मंदिर, परशुराम मंदिर, तुलसी स्मारक, गणपति आवाहन अखाड़ा, वैवस्वततीर्थ, पापमोचनतीर्थ, शाखोटकतीर्थ, आदित्यतीर्थ, गृद्धवट, चक्रेश्वर मंदिर, श्वेतवराह मंदिर, श्यामवराह मंदिर,श्री विघ्न विनायक पंचमुखी गणेश जी मंदिर, लड्डू वाले बालाजी मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, रूपेश्वर मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, मानस मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, सूर्यकुण्ड, योगेश्वर मंदिर, चन्द्रकूप, बटुकनाथ मंदिर, कच्छपपृष्ठीय श्रीयंत्र, लहरेश्वर मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, महाप्रभु वल्लभाचार्य की 23वीं बैठक, विट्ठलनाथजी व गुंसाईजी की बैठक, कपिलमुनि की गुफा, बूढ़ीगङ्गा आदि यहाँ के पवित्र दर्शनीय स्थल हैं।