उच्चैःश्रवा
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![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/f/f2/Kamadhenu_Uchchaisravas.jpg/300px-Kamadhenu_Uchchaisravas.jpg)
उच्चैःश्रवा तथा समुद्र मन्थन निकले कुछ अन्य रत्न
उच्चैःश्रवा हिन्दू ग्रंथों में वर्णित समुद्र मन्थन के दौरान निकले चौदह रत्नों में से एक था।[१] पौराणिक आख्यानों के अनुसार यह सफ़ेद रंग का और सात मुख वाला घोड़ा था जो देवताओं (इन्द्र) को प्राप्त हुआ।
गीता में कृष्ण ने श्रेष्ठतम वस्तुओं से अपनी तुलना के क्रम में अपने को अश्वों में उच्चैःश्रवा बताया है।[२][३] कुमारसंभवम् में कालिदास, इसे इन्द्र से तारकासुर द्वारा छीन लिये जाने का वर्णन करते हैं।[४]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ "उच्चैःश्रवसमश्वानां विद्धि माममृतोद्भवम्" - श्रीमद्भगवद्गीता १०.२७।।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite book