इब्राहिम-अल-इब्राहिम मस्जिद
इब्राहिम-अल-इब्राहिम मस्जिद (साँचा:lang-en), जिसे किंग फहद बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद मस्जिद (अंग्रेज़ी: King Fahd bin Abdulaziz al-Saud Mosque) या मोस्क ऑफ़ द कस्टोडियन ऑफ़ द टू होली मोस्क्स (अंग्रेज़ी: Mosque of the Custodian of the Two Holy Mosques) के नामों से भी जाना जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक मस्जिद है। यह मस्जिद क्षेत्र के दक्षिणी सिरे पर यूरोपा पॉईंट पर स्थित है। मस्जिद का मुख जिब्राल्टर जलसन्धि और अफ़्रीकी राष्ट्र मोरक्को की तरफ़ है, जो यहाँ से केवल कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।
मस्जिद जिब्राल्टर की मुस्लिम आबादी के लिए साउदी अरब के महाराजा महाराजा फहद द्वारा दिया उपहार था। इसके निर्माण में दो वर्ष का समय लगा था और पाँच मिलियन यूरो का खर्चा आया था। इसका उद्घाटन 8 अगस्त 1997 के दिन हुआ था। यह महाद्वीपीय यूरोप के सबसे दक्षिणी सिरे पर स्थित है तथा गैर-इस्लामिक राष्ट्रों की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है।
मस्जिद परिसर में नमाज़ पढ़ने के हॉल के अलावा अन्य कई सुविधाएँ भी शामिल हैं, जैसे पुसतकालय, स्कूल, आदि। मस्जिद सम्पूर्ण जिब्राल्टर की मुस्लिम आबादी के लिए आधायात्मिक स्रोत है, जो जिब्राल्टर की कुल आबादी का चार प्रतिशत है तथा क्षेत्र का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है; ईसाईयत के पश्चात सबसे बड़ा धर्म।
स्थिति
इब्राहिम-अल-इब्राहिम मस्जिद इबेरिया प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित मुसलमानों का उपासना केंद्र है जिसे मस्जिद कहा जाता है। यह मस्जिद जिब्राल्टर प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित यूरोपा पॉईंट पर स्थित है। इसका मुख जिब्राल्टर जलसन्धि की तरफ़ है तथा यहाँ से उत्तरी अफ़्रीकी मुस्लिम बहुल राष्ट्र मोरक्को कुछ ही किलोमीटर दूर है।
निर्माण
मस्जिद की इमारत साउदी अरब के महाराजा फहद ने उपहार के तौर पर जिब्राल्टर की मुस्लिम आबादी को दी थी। इमारत के निर्माण में पाँच मिलियन यूरो का खर्च आया तथा पूरे दो वर्ष का समय लगा। इसका आधिकारिक तौर पर 8 अगस्त 1997 के दिन उद्घाटन हुआ था।
यह महाद्वीपीय यूरोप के सबसे दक्षिणी सिरे पर स्थित है तथा गैर-इस्लामिक राष्ट्रों में बनी सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है।[१]
परिसर
मस्जिद में एक साथ कई लोगो के लिए नमाज़ पढ़ने कि सुविधा है। इसके साथ ही मस्जिद परिसर में एक विद्यालय, पुस्तकालय और एक लेक्चर हॉल भी है। यह विशेष रूप से नमाज़ पढ़ने के प्रयोजन से निर्मित हुई सम्पूर्ण जिब्राल्टर की एकमात्र मस्जिद है। यह जिब्राल्टर के लगभग दो हजार इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक स्रोत है, जो क्षेत्र की कुल आबादी का लगभग चार प्रतिशत है।[२]