चीन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(China से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

स्क्रिप्ट त्रुटि: "about" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।


Chinaimg.png

चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं :- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये -

(१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है।

(२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है।

चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे।

परिचय

चीन एशिया के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसकी राजधानी बीजिंग है। यहाँ के अधिकांश निवासी बौद्ध हैं। चीनी आबादी में 18.2% बौद्ध अनुयायी है। आज चीन में बौद्ध जनसंख्या करीब 24.4 करोड है चीन के निवासी अपनी भाषा में अपने देश को 'चंगक्यूह' कहते हैं। कदाचित् इसीलिये भारत तथा फारस के प्राचीन निवासियों ने इस देश का नाम अपने यहाँ 'चीन' रख लिया था। चीन देश का उल्लेख महाभारत, मनुस्मृति, ललितविस्तर आदि ग्रंथों में बराबर मिलता है। यहाँ के रेशमी कपड़े भारत में 'चीनांशुक' नाम से इतने प्रसिद्ध थे कि रेशमी कपड़े का नाम ही 'चीनांशुक' पड़ गया है।

चीन में बहुत प्राचीन काल का क्रमबद्ध इतिहास सुरक्षित है। ईसा से २९५० वर्ष पूर्व तक के राजवंश का पता चलता है। चीन की सभ्यता बहुत प्राचीन है, यहाँ तक कि यूरोप की सभ्यता का बहुत कुछ अंश— जैसे, पहनावा, बैठने और खाने पीने आदि का ढंग, पुस्तक छापने की कला आदि — चीन से लिया गया है। यहाँ ईसा के २१७ वर्ष पूर्व से बौद्ध धर्म का संचार हो गया था पर ईसवीं सन् ६१ में मिंगती राजा के शासनकाल में जब भारतवर्ष से ग्रंथ और मूर्तियाँ गई, लोग बौद्ध धर्म की ओर आकर्षित होने लगे। सन् ६७ में कश्यप मतंग नामक एक बौद्ध पंडित चीन में गए और उन्होंने 'द्वाचत्वारिंशत् सूत्र' का चीनी भाषा में अनुवाद किया। तबसे बराबर चीन में बौद्ध धर्म का प्रचार बढ़ता गया। चीन से झुंड के झुंड यात्री विद्याध्ययन के लिये भारतवर्ष में आते थे। चीन में अब तक ऐसे कई स्तूप पाये जाते हैं जिनके विषय में चीनियों का कथन है कि वे सम्राट अशोक के बनवाये हुए हैं। चीन नें भारत समेत दुनिया के 15 देशों पर 600 वर्ष शासन किया।

चीन नाम का इतिहास

"चीन" शब्द का प्रथम दर्ज उपयोग १५५५ में किया गया था। ये शब्द चिन से निकला था जो मार्को पोलो द्वारा पश्चिम में प्रचारित किया गया। यह शब्द पारसी और संस्कृत के Cīnā (चीन) और अंततः किन साम्राज्य से निकला (秦) (७७८ ईसा पूर्व -२०७ ईसा पूर्व), जो झोऊ वंशावली के समय चीन का सबसे पश्चिमी साम्राज्य था।

ऐतिहासिक रूप से चीन को सिना या सिनो, सिने, कैथे, या पश्चिमी देशों द्वारा सेरेस के नाम से भी जाना जाता है। चीन का आधिकारिक नाम प्रत्येक वंश के साथ बदलता रहा है और सबसे प्रचलित और आम नाम है झोंग्गुओ (中國), जिसका अर्थ है "केंद्रीय राष्ट्र", या "मध्य साम्राज्य"।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:pp-semi-template