2016 गुलशन हमला

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2016 गुलशन हमला

ढाका में हमले की लोकेशन (लाल निशान)
स्थान रोड न. 79, हाउस 5 गुलशन 2
होली अर्टिसन बेकरी गुलशन, ढाका, बांग्लादेश
तिथि साँचा:start date
21:20[१] – 8:30 (बीएसटी, यूटीसी+06:00)
हमले का प्रकार अंधाधुंध गोलीबारी, विस्फोट, बंधक बनाना
हथियार फायरआर्म्स, आईईडी, तलवार[१]
मृत्यु 28 (20 नागरिक, 6 आतंकी, 2 पुलिसकर्मी)[२][३][४][५]
घायल 50[३]
पीड़ित 20–60 बंधक[२]
संदिग्ध अपराधी इस्लामिक स्टेट
जमात उल मुजाहिदीन
भागीदार संख्या 9
उद्देश्य इस्लामिक आतंकवाद

2016 गुलशन हमला 1 जुलाई 2016 को स्थानीय समय के अनुसार रात 9:20 बजे बांग्लादेश के राजधानी ढाका के गुलशन क्षेत्र में हुआ था। इसमें नौ हमलावरों ने ढाका के राजनयिक क्षेत्र में स्थित होली आर्टिसन बेकरी पर हमला किया। आतंकियों ने वहां बम भी फेंके और कई दर्जन लोगों को बंधक भी बना लिया। पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई।[६] उनके द्वारा हमले के दौरान कथित तौर पर "अल्लाहु अकबर"! कहा गया।[७][८] 20 विदेशी और 6 बंदूकधारी हमले के दौरान मारे गए। [९] बंदूकधारियों में से एक को पकड़ लिया गया और 13 बंधकों को बांग्लादेश सेना ने छुड़वा लिया।[१०]

पृष्ठभूमि

सितम्बर 2015 से अबतक इस तरह के 30 हमले हो चुके हैं। इसमें से 21 हमलों की ज़िम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है।[११] बांग्लादेश के 17.1 करोड़ लोग दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक देश में रहते हैं जहाँ प्रति वर्ष सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति आय $1200 ही है। 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से ही देश कुशासन, भ्रष्टाचार से ग्रस्त है व कमजोर सार्वजनिक संस्थान, राजनीतिक अस्थिरता का शिकार होते रहे हैं। 2009 में, भी बांग्लादेश राइफल्स के सदस्यों द्वारा एक विद्रोह का प्रयास किया गया था। विवादास्पद बांग्लादेशी आम चुनाव, 2014 और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के 'युद्ध अपराधियों' के मृत्युदंड ने बांग्लादेशी समाज के भीतर ध्रुवीकरण को प्रेरित किया। 2013 के बाद से देश में हिंदू धार्मिक अल्पसंख्यकों, धर्मनिरपेक्ष या नास्तिक लेखकों, ब्लॉगर्स, एलजीबीटी अधिकार कार्यकर्ताओं और गैर कट्टरपंथी मुसलमानों पर इस्लामी हमलों में वृद्धि का अनुभव किया गया है। सितंबर 2015 के बाद से, यहाँ पर इस तरह के 30 हमलों हुए हैं और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांत (आई एस आई एल) ने उनमें से 21 के लिए जिम्मेदारी ली है।[११] गुलशन, ढाका की अपेक्षाकृत धनी जगह है जहाँ अनेक विदेशी दूतावास मौजूद हैं।[७]

हमला व बचाव

साँचा:multiple image

स्थानीय समय के अनुसार यह हमला रात को 9 बजकर 20 मिनट में शुरू हुआ।[१२] इस दौरान नौ हमला करने वाले लोग एक रैस्टौरेंट में हथियार और बम के साथ घुस गए और एक हमला करने वाले व्यक्ति के पास तलवार भी थी।[६][७] बंधक संकट के दौरान तीन मांगें रखी गयीं:[१३]

  • जमात-उल-मुजाहिदीन के नेता खालिद सैफुल्ला, को रिहा किया जाए।
  • बंधक बनाने वालों को सुरक्षित रूप से जाने की अनुमति दी जाये।
  • बंधक बनाने वालों के मिशन द्वारा स्थापित, इस्लाम की अतिवादी व्याख्या को मान्यता प्राप्त होना चाहिए।

चित्र जो कथित तौर पर रेस्तरां के अंदर से लिया गया, वह समर्थक आईएसआईएल के खातों के द्वारा ट्विटर पर परिचालित (सब जगह फैलना) किया गया है जिसमें फर्श पर कई शवों को और रक्त के पूल को दिखाया गया है।[६]

बांग्लादेशी सेना, नौसेना, वायु सेना, सीमा गार्ड, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन, और संयुक्त बलों से कमांडो इकाइयों ने 7:40 ए. एम (स्थानीय समय) पर बचाव अभियान शुरू कर दिया था।[१४] जवाबी कार्रवाई के तहत 13 घंटे तक चले कमांडो ऑपरेशन में छह आतंकी ढेर कर दिए गए और एक को जिंदा पकड़ लिया गया।[१५]

द डेली कलेर कान्तोतो ने खबर दी कि आतंकी संगठन अंसार अल इस्लाम ने वास्तविक हमले से पहले एक ट्वीट के माध्यम से लगभग 10 घंटे पहले ही आगामी हमले की घोषणा की थी।[१६]

हताहत

बीस नागरिकों, छह बंदूकधारियों और दो पुलिस अधिकारियों की मृत्यु की पुष्टि की गई है, जबकि 50 अन्य लोगों, ज्यादातर पुलिसकर्मी घायल हो गए।[३][१७] मृतको में ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के दो पुलिस अधिकारी, जिनमें डिटेक्टिव ब्रांच के एक सहायक आयुक्त (कमिश्नर) सहित पास के बनानी पुलिस स्टेशन के ऑफिस इंचार्ज शामिल हैं। [१८][१९] जापानी और इतालवी नागरिक भी शिकार लोगों में हैं।[६] बांग्लादेश सेना ने घोषणा की है कि हमले में मारे गए सभी 20 बंधक विदेशी थे, और कहा कि "अपराधियों ने धारदार हथियार" के साथ बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। [१७] एक भारतीय नागरिक की भी मौत हुई है।[१०]

नागरिकता अनुसार मृत्यु
देश संख्या
साँचा:flagu 9
साँचा:flagu 7 (पुष्टि नहीं)
साँचा:flagu 2[३]
साँचा:flagu 1[१०]
फिलहाल अज्ञात 7
योग 26

जिम्मेदारी

आईएसआईएल से जुड़े समाचार एजेंसी का कहना है कि इस हमले कि ज़िम्मेदारी आईएसआईएल ने ली है। [२०][२१]सीएनएन के अनुसार, हालांकि, सरकार ने इससे इनकार किया कि आईएसआईएल देश में मौजूद है।[२०] अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि आईएसआईएल और हमले के बीच की कड़ी की पुष्टि अभी तक नहीं किया जा सकी है।[२२] सीएनएन की रिपोर्ट है कि एक अमेरिकी अधिकारी जी करीब से जांच से जुड़ा था ने कहा, प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर "इस बात की अधिक संभावना है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा ने इस हमले का आयोजन किया है न कि आईएसआईएल ने"।[२०]

प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार हुसैन तौफीक इमाम ने कहा है कि इस हमले को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और वहां के सैनिक जासूसों का समर्थन था। एनडीटीवी से बात करते हुए इमाम ने कहा कि जिस प्रकार से लोगों को बंधक बनाया गया है और उन बंधको में से एक 19 साल की भारतीय छात्रा तारिषी जैन का होना शक पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस हमले में इस बात की आशंका भी जाहिर की जा रही है कि आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन की भूमिका भी हो सकती है।[२३]

प्रतिक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय

साँचा:flagicon संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान कीमून ने भी एक बयान जारी करके ढाका हमले की निंदा की है। उन्होंने आशा व्यक्त की, कि जितनी जल्दी संभव हो सके हमले में लिप्त तत्वों को सज़ा दी जाए।[२४] संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बयान जारी कर ढाका में हुए आकंती हमले की निंदा की और कानून के अनुसार हमलावरों को सज़ा देने की अपील की।[२५]

साँचा:flagicon/core अमेरिका के सांसदों ने ढाका के रेस्तरां पर आईएस के संदिग्ध आतंकवादियों के हमले की निंदा करते हुए इस आतंकी समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया और चौकसी बरतने की जरूरत पर जोर दिया। खुफिया मामले पर सीनेट की प्रवर समिति की सदस्य एवं सीनेटर डियानी फेनस्टेन ने कहा, ‘बांग्लादेश में स्थिति पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं। यह एक और बात का संकेत है कि हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर इस त्यौहारी सप्ताहांत के दौरान ज्यादा चौकस रहने की जरूरत है।’ प्रवर समिति के अध्यक्ष सीनेटर रिचर्ड बर ने कहा, ‘हमें इन समूहों को उन स्थानों पर रोकने की जरूरत है जहां वे भर्ती करते हैं, प्रशिक्षित करते हैं और इन हमलों को अंजाम देने की साजिश रचते हैं।’[२६]

राष्ट्रीय

साँचा:flagicon/core राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के राजनयिक इलाके में हुई आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि भारतीय इस दुख की घड़ी में बांग्लादेश की जनता के साथ हैं। उन्होंने बंगलादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद को भेजे संदेश में कहा,“ मुझे यह जानकर गहरा दुख हुआ कि कल ढाका के एक कैफे पर आतंकवादी हमला हुआ। हालांकि अभी कुछ देर पहले मुझे यह जानकार राहत मिली कि आपके सुरक्षाबलों के सफल प्रयास से बंधकों को रिहा करा लिया गया। इस हमले में निर्दोष लोगों के मारे जाने और जख्मी होने से मुझे गहरा दुख हुआ है।”[२७]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि “संकट की इस घड़ी में भारत अपने बांग्लादेशी भाई बहनों के साथ है”। उन्होंने कहा कि “शुक्रवार के हमले से हमें सख्त तकलीफ हुई जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। मैंने प्रधान मंत्री ने शेख हसीना से बात की और आतंकवादी हमले की निंदा की”।[२८]

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ‘‘सामूहिक और निर्णायक’’ कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में कांग्रेस पूरी दृढ़ता से बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले ‘‘सभी नैतिक और मानवीय मूल्यों की विरोधाभासी हैं।’’ राहुल ने एक ट्वीट में ढाका हमले की निंदा की और कहा कि उनकी प्रार्थना ढाका तथा बांग्लादेश के लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि इस निर्मम हिंसा का मजबूती से और एकजुट होकर मुकाबला किया जाना चाहिए।[२९]

भाजपा के सचिव श्रीकांत शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “भाजपा ढाका में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करती है। पूरी दुनिया को आईएस के खिलाफ एकजुट होने की आवशयकता है, क्योंकि यह आतंकवादी संगठन बेहद अमानवीय है।” उन्होंने यह भी कहा, “दुनिया को इस विषैले संगठन के खात्मे के लिए प्रतिज्ञा लेनी होगी।” केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ढाका हमले की निंदा की, जउन्होंने ट्वीट किया, “ढाका में एक रेस्तरां में हुए आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की हत्या से मैं बेहद दुखी हूं। मेरी प्रार्थनाएं शोकाकुल परिवार वालों के साथ हैं।”[३०]

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने , इस हमले की निंदा की, उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा, "बांग्लादेश में जिन लोगों की जिंदगी चली उनके परिवारों के प्रति संवेदना। हम आपके साथ हैं। हम रमजान के पवित्र महीने में शांति एवं एकता के लिए प्रार्थना करते हैं। हम आतंक की भर्त्सना करते हैं।"[३१]

अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि आतंकी संगठन आईएसआईएस से लड़ने के लिए वैश्विक बल की जरूरत है जो निर्दोष लोगों की जान लेकर इस्लाम को बदनाम करने का अभियान चला रहा है।[३२]

इन्हें भी देखें

  1. बांग्लादेश में धर्म-निरपेक्षतावादियों पर हमले
  2. नवंबर 2015 पैरिस हमले
  3. नवंबर 2015 माली होटल हमला
  4. जनवरी 2016 जकार्ता में आतंकी हमला
  5. बाचा खान विश्वविद्यालय हमला
  6. 2016 ब्रसल्स धमाके
  7. 2016 पठानकोट हमले
  8. 2016 इस्तांबुल अतातुर्क हवाईअड्डा हमला

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

गूगल मैप्स पर बेकरी के पनोरामिक चित्र

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  14. Security forces begin offensive to end hostage crisis स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, the Daily Star, 07:53 AM, July 02, 2016.
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  17. Dhaka attack: 20 hostages killed Friday night, says ISPR स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, The Daily Star, 1:57 PM, July 02, 2016.
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