सादान
झारखण्ड में बसने वाले स्थानीय जन जो हिन्द-आर्य भाषाएँ बोलते हैं उन लोगों को सादान कहा जाता है, जो नागपुरी , खोरठा, पंचपरगनिया और कुरमाली भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से 'सदानी भाषा' कहा जाता है।[१][२]
व्युत्पत्ति
सादान का तात्पर्य झारखण्ड के गैर-जनजातिय हिन्द-आर्य भाषी जातीय समूहों से है। सम्भवतः उत्तर भारत के एक जातीय समूह निषध से यह शब्द निकलता है।[१]
इतिहास
छोटा नागपुर पठार क्षेत्र नवपाषाण काल से बसा हुआ था। कई पत्थर के उपकरण, इस क्षेत्र से खोजे गए हैं जो "मध्यपाषाण और नवपाषाण युग के हैं। नवपाषाण काल के दौरान, दक्षिण एशिया में कृषि शुरू हुई। झूसी , लहुरादेव , मेहरगढ़, भिरड़ाना, राखीगढ़ी और चिरांद जैसी जगह में कई नवपाषाण काल बस्तियाँ पाई गई है। सिंहभूम जिले से कई लोहे के औजार, मीट्टी के बर्तन के अबशेश की खोज की गई जो कार्बन डेटिंग के अनुसार 1400 ईसा पूर्व से हैं।[३]
मौर्य काल में, यह क्षेत्र कई राज्यों द्वारा शासित था, जिन्हें सामूहिक रूप से अटाविका (वन) राज्यों के रूप में जाना जाता था। इन राज्यों ने अशोक के शासनकाल (सी। 232 बीसीई) के दौरान मौर्य साम्राज्य की आधीपत्य स्वीकार कर ली थी। मुगल प्रभाव इस क्षेत्र में सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान पहुंचा जब 1574 में राजा मानसिंह ने इस पर आक्रमण किया था।[४] ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी का प्रभाव 16 वीं शताब्दी के मध्य में इस क्षेत्र में पहुंच गया। रघुनाथ महतो ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बिरूद्ध 1769 में आन्दोलन किआ था। 1857 के विद्रोह में ब्रिथिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ स्थानीय राजा ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, पाण्डे गणपत राय,टिकैत उमराँव सिंह, शेख भिखारी ने विद्रोह किया । भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन फलस्वरूप भारत के स्वाधीनता के बाद यह क्षेत्र बिहार राज्य का हिस्सा बन गया। नवंबर 2000 में, नया राज्य झारखंड के बिहार से अलग हो गया।
जातियां और जातीय समूह
विभिन्न सदान जाति में मूलरूप से नागवंशी,भाठ, रौतिया, अहीर,कोल्ह तेली,तेली, भोगता, घासीं, झोरा, चेरो, चिक बड़ाइक, कुड़मी महतो, कुम्हार, लोहरा, भुंईया, धोबी(बाघवार) अदी शामिल हैं। [५][६]
संस्कृति
झुमइर सदानो का लोक नृत्य है। अखरा गाँव का मैदान है जहाँ लोग नृत्य करते हैं। करम , जितिया सदानो के महत्वपूर्ण त्योहार हैं। [७] अन्य मुख्य पर्ब टुसू, सहरई और फगुआ आदि है।
उल्लेखनीय लोग
- फणि मुकुट राय
- दुर्जन साल
- बख्तर साय
- मुंडल सिंह
- पाण्डे गणपत राय
- ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव
- टिकैत उमराँव सिंह
- शेख भिखारी
- रघुनाथ महतो, स्वतनत्रता सेनानी
- बिनोद बिहारी महतो
- निर्मल महतो
- मुकुंद नायक, लोक गायक और नर्तक
- दीपिका कुमारी, भारतीय महिला तीरंदाजी खिलाड़ी
- पूर्णिमा महतो, भारतीय महिला तीरंदाजी खिलाड़ी
- निक्की प्रधान, भारतीय हॉकी खिलाड़ी
सन्दर्भ
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