शिमला

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
साँचा:if empty
Shimla
{{{type}}}
ऊपर से दक्षिणावर्त: शिमला नगर के दक्षिणी हिस्से का दृश्य, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, टाउन हॉल, रात्रिकाल में नगर का दृश्य तथा क्राइस्ट चर्च
ऊपर से दक्षिणावर्त: शिमला नगर के दक्षिणी हिस्से का दृश्य, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, टाउन हॉल, रात्रिकाल में नगर का दृश्य तथा क्राइस्ट चर्च
साँचा:location map
निर्देशांक: साँचा:coord
देशसाँचा:flag/core
राज्यहिमाचल प्रदेश
ज़िलाशिमला ज़िला
नाम स्रोतश्री श्यामला देवी[१]
शासन
 • प्रणालीनगर निगम
 • सभाशिमला नगर निगम
 • ज़िलाधिकारीअदित्य नेगी, आई ए एस[२]
 • नगरपालिका आयुक्‍तआशीष कोहली[३]
 • महापौरसत्या कौंडल[४]
क्षेत्र[५]साँचा:infobox settlement/areadisp
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2011)[६][७]
 • शहर१,६९,५७८
 • दर्जा1 (हिमाचल में)
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
 • महानगर[६]१,७१,६४०
 • महानगरीय घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी, पहाड़ी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड171001
दूरभाष कोड+91-177
वाहन पंजीकरणHP-03, HP-07, HP-51, HP-52, HP-62, HP-63
वेबसाइटhpshimla.gov.in

साँचा:template other

शिमला (Shimla) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के शिमला ज़िले में स्थित एक नगर है। यह राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। यह शिमला ज़िले का मुख्यालय भी है। सन् 1864 से 1947 में भारत की स्वतंत्रता तक यह भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी था। शिमला उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है और इसे "पहाड़ों की रानी" भी कहा जाता है।[८][९]

विवरण

शिमला के दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड राज्य, उत्तर में मण्डी और कुल्लू, पूर्व में किन्नौर, दक्षिण में सिरमौर और पश्चिम में सोलन जिलों से घिरा हुआ है। 1864 में, शिमला को भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। राज के साथ साथ यह ब्रिटिश भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ का मुख्यालय और 1876 के बाद से पंजाब प्रान्त की भी ग्रीष्ममकालीन राजधानी थी। स्वतंत्रता के बाद, शिमला नगर पूर्वी पंजाब राज्य की राजधानी बन गया और बाद में हिमाचल प्रदेश के गठन पर इसे राज्य की राजधानी घोषित कर दिया गया। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल, शिमला को अक्सर "पहाड़ों की रानी" के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य का प्रमुख वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र है।

1815 से पहले क्षेत्र में कुछ बस्तियों के विवरण दर्ज हैं, जब ब्रिटिश सेना ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया था। हिमालय के घने जंगलों में स्थित इस क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों ने शहर की स्थापना के लिए अंग्रेजों को आकर्षित किया। ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में, शिमला ने 1914 के शिमला समझौते और 1945 के शिमला सम्मेलन सहित कई महत्वपूर्ण राजनीतिक बैठकों की मेजबानी की। स्वतंत्रता के बाद, 28 रियासतों के एकीकरण के परिणामस्वरूप 1948 में हिमाचल प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया। स्वतंत्रता के बाद भी, शहर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र बना रहा, और इसने 1972 के शिमला समझौते की मेजबानी। हिमाचल प्रदेश राज्य के पुनर्गठन के बाद, मौजूदा महासू जिले का नाम शिमला रखा गया।

शिमला में अनेकों इमारतें स्थित हैं, जिनमें औपनिवेशिक युग के समय की ट्यूडरबेटन और नव-गॉथिक वास्तुकला के साथ-साथ कई मन्दिर और चर्च शामिल हैं। ये ब्रिटिशकालीन इमारतें तथा चर्च और शहर का प्राकृतिक वातावरण बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। शहर के प्रमुख आकर्षणों में वाइसराय लॉज, क्राइस्ट चर्च, जाखू मन्दिर, माल रोड और रिज शामिल हैं, जो सभी एक साथ मिलकर शहर के केंद्र का निर्माण करते हैं। यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित ब्रिटिश-निर्मित कालका-शिमला रेलवे लाइन भी एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। अपने कठोर इलाके के कारण, शिमला माउंटेन बाइकिंग रेस एमटीबी हिमालय की मेजबानी करता है, जो सर्वप्रथम 2005 में शुरू हुआ और दक्षिण एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है। शिमला में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक भी है। एक प्रमुख पर्यटन केंद्र होने के अलावा, यह शहर कई कॉलेजों और शोध संस्थानों के साथ एक शैक्षिक केंद्र भी है।

इतिहास

वर्तमान शिमला नगर जहाँ स्थित है, वह तथा उसके आस-पास का अधिकांश क्षेत्र 18 वीं शताब्दी के अंत तक घने वनों से भरा हुआ था। पूरे क्षेत्र में बसावट के नाम पर केवल जाखू मन्दिर तथा इसके इर्द-गिर्द स्थित कुछ बिखरे हुए घर ही थे।[१०] श्यामला देवी, जिन्हें देवी काली का एक अवतार माना जाता है, के नाम पर ही इस क्षेत्र का नाम 'शिमला' रखा गया था।[१] क्षेत्र पर 1806 में नेपाल के भीमसेन थापा ने आक्रमण कर कब्जा कर लिया था। तत्प्श्चात ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने गोरखा युद्ध (1814-16) में नेपाल पर विजय प्राप्त करने के बाद सुगौली संधि के अंतर्गत इस क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया। 30 अगस्त 1817 को इस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने वाले गेरार्ड बंधुओं ने अपनी डायरी में शिमला को "एक मध्यम आकार का गाँव" बताया, जहाँ "यात्रियों को पानी पिलाने वाला एक फकीर रहता है।" 1819 में, लेफ्टिनेंट रॉस, जो हिल स्टेट्स में सहायक राजनीतिक एजेंट थे, ने शिमला में एक लकड़ी का कॉटेज स्थापित किया। इसके तीन साल बाद, उनके उत्तराधिकारी और स्कॉटिश सिविल सेवक चार्ल्स प्रैट कैनेडी ने 1822 में क्षेत्र में वर्तमान हिमाचल प्रदेश विधान सभा भवन के निकट क्षेत्र का पहला पक्का घर बनाया। धीरे धीरे क्षेत्र की ठंडी जलवायु, सुरम्य प्राकृतिक दृश्य, हिमाच्छादित पहाड़ियाँ, और चीड़ और देवदार के घने जंगल भारतीय गर्मियों के दौरान कई ब्रिटिश अधिकारीयों को आकर्षित करने लगे। और इस प्रकार 1826 तक, कुछ अधिकारियों ने तो अपनी पूरी छुट्टियां शिमला में ही बिताना शुरू कर दिया था।

1829 में लॉर्ड कॉम्बरमियर द्वारा निर्मित छोटा शिमला से शिमला को जोड़ने वाला पुल, शिमला, 1850

1827 में, बंगाल के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड एम्हर्स्ट शिमला के दौरे पर आये; जहाँ वह कैनेडी हाउस में रहे। इसके एक साल बाद, भारत में ब्रिटिश सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ लॉर्ड कॉम्बरमियर भी शिमला आये, और उसी स्थान पर रुके। अपने निवास के दौरान कॉम्बरमियर ने जाखू के पास एक तीन मील की सड़क और एक पुल का निर्माण करवाया था। 1830 में, अंग्रेजों ने केंथल और पटियाला के प्रमुखों से सोलन जिले के रवीन और कांगड़ा जिले के भारौली परगना के बदले शिमला के आस पास की जमीन का अधिग्रहण किया। इसके बाद शिमला का बहुत तेजी से विकास हुआ; 1830 में 30 घरों वाले इस नगर में 1881 में 1,141 घर बन चुके थे।[१०][११] 1832 में, शिमला ने अपनी पहली राजनीतिक बैठक देखी: तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड बैन्टिक और महाराजा रणजीत सिंह के दूतों के बीच। कर्नल चर्चिल को लिखे एक पत्र में बेंटिक ने लिखा:[१२] साँचा:cquote

कॉम्बरमियर के उत्तराधिकारी अर्ल डलहौजी ने भी उसी वर्ष शिमला का दौरा किया। इस समय तक तो ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल और कमांडर-इन-चीफ नियमित रूप से शिमला आने-जाने लगे थे। इन लोगों के साथ मिलने जुलने के लिए कई युवा ब्रिटिश अधिकारी इस क्षेत्र में जाने लगे; और फिर उनके पीछे पीछे कई महिलाओं ने भी अपने रिश्तेदारों के लिए शादी के गठजोड़ की तलाश में शिमला आना शुरू किया। इस प्रकार शिमला पार्टियों और अन्य उत्सवों के लिए प्रसिद्ध हिल स्टेशन बन गया। इसी समय में उच्च वर्ग के परिवारों के विद्यार्थियों के लिए पास के क्षेत्र में आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए। 1830 के दशक के अंत तक, शहर थिएटर और कला प्रदर्शनियों का केंद्र भी बन गया। आबादी बढ़ने के साथ-साथ, शहर भर में कई बंगले बनाए गए, और कस्बे में एक बड़ा बाजार स्थापित किया गया। बढ़ती यूरोपीय आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय व्यापारी, मुख्य रूप से सूद और पारसी समुदायों से, इस क्षेत्र में पहुंचने लगे। 9 सितंबर 1844 को क्राइस्ट चर्च की नींव रखी गई थी। इसके बाद, कई सड़कों को चौड़ा किया गया और 1851-52 में 560 फीट की एक सुरंग वाली हिंदुस्तान-तिब्बत सड़क का निर्माण किया गया। यह सुरंग, जिसे अब धल्ली सुरंग के रूप में जाना जाता है, 1850 में एक मेजर ब्रिग्स द्वारा शुरू की गई थी और 1851-52 की सर्दियों में पूरी हुई थी।[१३] 1857 के विद्रोह से शहर के यूरोपीय निवासियों में खलबली मच गई, हालाँकि शिमला विद्रोह से अप्रभावित रहा था।[१०]

1887-1889 के मध्य शिमला के निचले बज़ार का दृश्य

1863 में, भारत के तत्कालीन वायसराय, जॉन लॉरेंस ने ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी को शिमला में स्थानांतरित करने का फैसला किया।[१०] इस तथ्य के बावजूद कि कलकत्ता और इस अलग केंद्र के बीच 1,000 मील की दूरी थी, उन्होंने एक वर्ष में दो बार प्रशासन को स्थानांतरित करने की परेशानी उठाने का निर्णय लिया।[१४] लॉर्ड लिटन (भारत के वायसराय; 1876-1880) ने 1876 में शहर की योजना बनाने के प्रयास किए, जब वह पहली बार किराए के घर में रहे। उन्होंने ही ऑब्जर्वेटरी हिल पर बनाए गए वायसेग्रल लॉज के लिए योजना शुरू की। "अपर बाजार" नामक जिस क्षेत्र (जिसे आजकल द रिज के नाम से जाना जाता है[१५]) में मूल भारतीय आबादी रहती थी, एक आग की घटना की वजह से काफी प्रभावित हो गया। इसे ही यूरोपीय शहर का केंद्र बनाने की पूर्वी छोर की योजना के कारण बचे खुचे भारतीय लोगों को निचले इलाकों पर मध्य और निचला बाज़ारों में जाने के लिए मजबूर कर दिया गया। इसके बाद ऊपरी बाजार को साफ कर लाइब्रेरी और थिएटर जैसी कई सुविधाओं वाले पुलिस और सैन्य स्वयंसेवकों के साथ-साथ नगरपालिका प्रशासन के लिए एक टाउन हॉल का निर्माण किया गया था।

गोरखा युद्ध के बाद सैनिक टुकड़ियों के सुरक्षित जगह पर आराम के लिये 1819 में शिमला की स्थापना की गई थी। शिमला इन्हीं कारणों से यह भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था। 1864 में शिमला को अंग्रेजों की राजधानी बनाया गया था। शिमला एक पर्यटक स्थल के रूप में भी मशहूर है। शिमला की खोज अंग्रेजों ने सन् 1819 में की थी। चार्ल्स कैनेडी ने यहाँ पहला ग्रीष्‍मकालीन घर बनाया था। जल्दी ही शिमला लॉर्ड विलियम बेन्टिन्क की नज़रों में आ गया, जो कि 1828 से 1835 तक भारत के गवर्नर जनरल थे। १९ वीं सदी के अतं में यहाँ ब्रिटिश वाइसरॉय के आवास (राष्ट्रपति निवास) का निर्माण हुआ था। आजकल इसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी है।[१६]

भूगोल तथा जलवायु

शिमला को चण्डीगढ़ से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 5
शहर के चारों ओर चीड़, देवदार, बाँज और बुरांश के घने वन स्थित हैं।

शिमला हिमालय की दक्षिण-पश्चिमी श्रेणियों पर लुआ त्रुटि: callParserFunction: function "#coordinates" was not found। पर स्थित है। यह समुद्र तल से साँचा:convert की औसत ऊँचाई पर है और सात स्कन्धों वाले एक टीले पर फैला हुआ है।[१७] शिमला शहर पूर्व से पश्चिम तक लगभग साँचा:convert लम्बा है।[१८] शिमला को सात पहाड़ियों के ऊपर बनाया गया था: इनवर्म हिल, ऑब्जर्वेटरी हिल, प्रॉस्पेक्ट हिल, समर हिल, बैंटोनी हिल, एलिसियम हिल और जाखू हिल। शिमला में उच्चतम बिंदु जाखू पहाड़ी है, जो साँचा:convert की ऊँचाई पर है। यह शहर कालका के साँचा:convert उत्तर में, चण्डीगढ़ के साँचा:convert उत्तर-पूर्व में, मनाली के साँचा:convert दक्षिण में, और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साँचा:convert उत्तर पूर्व में स्थित है। शिमला से दिल्ली और मनाली दोनों लगभग 7 घंटे की दूरी पर हैं।

भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, यह शहर भूकम्पीय क्षेत्र 4 (हाई डैमेज रिस्क जोन) के अन्तर्गत आता है। कमजोर निर्माण तकनीक और बढ़ती आबादी पहले से ही भूकंप की आशंका वाले इस क्षेत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।[१९][२०] मुख्य शहर के समीप कोई भी जल निकाय स्थित नहीं हैं; निकटतम नदी सतलुज है, जो शहर से लगभग साँचा:convert दूर बहती है।[२१] गिरि और पब्बर (दोनों यमुना की सहायक नदियाँ) अन्य नदियाँ हैं, जो शिमला जिले से होकर बहती हैं। शिमला योजना क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट साँचा:convert में फैला हुआ है। शहर और उसके आसपास में मुख्यतः चीड़, देवदार, बाँज और बुरांश के वन पाए जाते हैं।[२२] बिना आधारभूत संरचना के हर साल पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण पर्यावरणीय क्षरण के कारण शिमला की इकोटूरिज्म स्पॉट के रूप में इसकी पहचान लुप्त होने की कगार पर है।[२३] क्षेत्र की एक अन्य चिंता भूस्खलनों की लगातार बढ़ती संख्या है, जो अक्सर भारी बारिश के बाद होती है।[१९][२४]

कोपेन जलवायु वर्गीकरण के अनुसार शिमला की जलवायु उपोष्णकटिबंधीय उच्चभूमि (Cwb) है। यह जलवायु मुख्यतः सर्दियों के मौसम में काफी ठंडी, और गर्मियों के मौसम में मध्यम रूप से गर्म रहती है।[२५] तापमान आमतौर पर एक वर्ष के दौरान साँचा:convert से साँचा:convert के बीच होता है।[२६] गर्मियों के मौसम में औसत तापमान साँचा:convert के बीच, और सर्दियों में साँचा:convert के बीच होता है। मासिक वर्षा में अंतर नवंबर में साँचा:convert और अगस्त में साँचा:convert के बीच होता है। यह आमतौर पर सर्दियों और वसंत के दौरान साँचा:convert प्रति माह और जून के महीने में मानसून के आगमन के कारण साँचा:convert के आसपास होती है। नगर की औसत वार्षिक वर्षा साँचा:convert है, जो अधिकांश अन्य हिल स्टेशनों की तुलना में बहुत कम है, लेकिन मैदानी इलाकों की तुलना में बहुत अधिक है। इस क्षेत्र में बर्फबारी, जो ऐतिहासिक रूप से दिसंबर के महीने में हुई है, हाल ही में (पिछले पंद्रह वर्षों में) हर साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में हो रही है।[२७] हाल के दिनों में प्राप्त अधिकतम बर्फबारी 18 जनवरी 2013 को साँचा:convert थी। लगातार दो दिनों (17 और 18 जनवरी 2013) को, शहर में साँचा:convert हिमपात हुआ।[२८]

शिमला (1971–2000) के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
उच्चतम अंकित तापमान °C (°F) 21.4
(70.5)
22.6
(72.7)
25.8
(78.4)
29.6
(85.3)
32.4
(90.3)
31.5
(88.7)
28.9
(84)
27.8
(82)
28.6
(83.5)
25.6
(78.1)
23.5
(74.3)
20.5
(68.9)
32.4
(90.3)
औसत उच्च तापमान °C (°F) 9.3
(48.7)
10.3
(50.5)
14.5
(58.1)
19.8
(67.6)
23.0
(73.4)
23.8
(74.8)
21.3
(70.3)
20.5
(68.9)
20.4
(68.7)
18.9
(66)
15.4
(59.7)
11.9
(53.4)
17.5
(63.5)
औसत निम्न तापमान °C (°F) −1.2
(29.8)
2.4
(36.3)
6.1
(43)
10.8
(51.4)
13.6
(56.5)
15.1
(59.2)
14.6
(58.3)
14.2
(57.6)
12.9
(55.2)
10.5
(50.9)
7.0
(44.6)
4.0
(39.2)
9.5
(49.1)
निम्नतम अंकित तापमान °C (°F) −10.6
(12.9)
−8.5
(16.7)
−6.1
(21)
−1.3
(29.7)
1.4
(34.5)
7.8
(46)
9.4
(48.9)
10.6
(51.1)
5.0
(41)
0.2
(32.4)
−1.1
(30)
−12.2
(10)
−12.2
(10)
औसत वर्षा मिमी (inches) 53.0
(2.087)
63.8
(2.512)
68.9
(2.713)
61.3
(2.413)
83.8
(3.299)
185.3
(7.295)
333.0
(13.11)
296.7
(11.681)
148.7
(5.854)
36.3
(1.429)
22.5
(0.886)
21.4
(0.843)
१,३७४.६
(५४.११८)
औसत हिमपात सेमी (inches) 42
(16.5)
43
(16.9)
7
(2.8)
0
(0)
0
(0)
0
(0)
0
(0)
0
(0)
0
(0)
0
(0)
0
(0)
7
(2.8)
99
(39)
औसत वर्षाकाल 4.5 5.3 5.9 4.6 6.3 10.1 17.2 16.2 8.8 2.2 1.5 1.8 84.5
औसत हिमापाती दिवस 4.2 4.2 1.4 0.0 0.0 0.0 0.0 0.0 0.0 0.0 0.1 1.3 11.2
स्रोत: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (2010 तक उच्च और निम्न रिकॉर्ड, हिमपात, 1990–2010)[२९][३०][३१]

संस्कृति

शिमला में एक लोक उत्सव

शिमला के लोगों को अनौपचारिक रूप से "शिमलावासी" (अंग्रेजी में शिमलाइट्स) के नाम से पुकारा जाता है। यहाँ विभिन्न त्यौहारों को मनाया जाता है, जिनमें 3-4 दिनों तक चलने वाला शिमला समर फेस्टिवल प्रमुख है, जो कि हर वर्ष पीक पर्यटन सीजन के दौरान रिज पर आयोजित किया जाता है।[३२] इसका मुख्य आकर्षण देश भर के लोकप्रिय गायकों द्वारा प्रदर्शन है। 2015 से, 95.0 बिग एफएम और हिमाचल टूरिज्म द्वारा हर साल संयुक्त रूप से क्रिसमस से नए साल तक रिज पर सात-दिवसीय लंबे शीतकालीन कार्निवल का आयोजन किया जा है।[३३][३४][३५]

शिमला में घूमने लायक कई जगहें हैं। मॉल और रिज जैसे स्थानीय हैंगआउट शहर के केंद्र में हैं। शहर की अधिकांश धरोहर इमारतें अपने मूल 'टुडोरबथन' वास्तुकला में संरक्षित हैं। पूर्व वायसेग्रल लॉज, जो अब भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान है, और वाइल्डफ्लावर हॉल, जो अब एक प्रमुख होटल है, ऐसी कुछ प्रसिद्ध इमारतें हैं। राज्य संग्रहालय (1974 में निर्मित) में इस क्षेत्र के चित्रों, आभूषणों और वस्त्रों का संग्रह पाया जा सकता है। लक्कड़ बाजार, जो रिज से आगे को स्थित है, स्मृति चिन्हों और लकड़ी से बने शिल्पों के लिए प्रसिद्ध है। मुख्य शहर से 55 किलोमीटर (34.2 मील) की दूरी पर सतलुज नदी के तट पर तत्तापानी नामक गर्म सल्फर चश्मे स्थित हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे औषधीय महत्त्व रखते हैं।

1910 में जाखू मंदिर

शिमला में कई मंदिर हैं और यहाँ अक्सर आसपास के ग्रामों और शहरों से भक्त दर्शन करने आते है। काली देवी को समर्पित एक मंदिर मॉल के पास ही स्थित है। हनुमान को समर्पित जाखू मंदिर शिमला में सबसे उच्चतम चोटी पर स्थित है।[३६] शहर से लगभग साँचा:convert शिमला-कालका राजमार्ग पर संकट मोचन नामक एक और हनुमान जी का मंदिर स्थित है, जो इसके आसपास के क्षेत्रों में पाए जाने वाले कई बंदरों के लिए प्रसिद्ध है। यह है। नज़दीक ही स्थित तारा देवी का मंदिर वहां आयोजित होने वाले अनुष्ठान और त्योहारों के लिए जाना जाता है। अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों में बस टर्मिनल के पास स्थित एक गुरुद्वारा और रिज पर स्थित क्राइस्ट चर्च शामिल हैं।

शिमला में निर्मित कला और शिल्प उत्पादों की पर्यटकों में अत्यधिक मांग रहती है। यहाँ उत्कृष्ट आभूषणों, कढ़ाई वाले शॉल और कपड़ों से लेकर चमड़े की वस्तुओं और मूर्तियां तक ​​कई चीज़ें बनाई जाती हैं। शिमला के आस पास चीड़ और देवदार के पेड़ भी बहुतायत में मिलते हैं। शिमला की सभी प्रमुख इमारतों में इन पेड़ों की लकड़ी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। लकड़ी से बने शिमला के विभिन्न प्रकार के शिल्पों में छोटे बक्से, बर्तन, छवि नक्काशी और स्मृति चिह्न शामिल हैं। शिमला के कालीन भी सैलानियों के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं। इनके निर्माण में विभिन्न पुष्प और अन्य रूपांकनों का उपयोग किया जाता है। ऊन का उपयोग कंबल और कालीन बनाने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहाँ के रूमाल, हाथ के पंखे, दस्ताने और टोपी इस्यादि भी प्रसिद्ध हैं।

शिमला में स्केटिंग, c. 1905

शिमला में दक्षिण एशिया की एकमात्र प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक भी है।[३७] इस स्थल पर अक्सर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। आइस स्केटिंग का मौसम आमतौर पर दिसंबर की शुरुआत में शुरू होता है और फरवरी के अंत तक चलता है। शिमला आइस स्केटिंग क्लब, जो रिंक का प्रबंधन करता है, हर साल जनवरी में एक कार्निवल की मेजबानी करता है, जिसमें एक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता और फिगर स्केटिंग इवेंट शामिल हैं। शिमला और उसके आसपास ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ते शहरी विकास के प्रभावों के कारण, पिछले कुछ वर्षों में हर सर्दियों में इन बर्फीले स्तरों की संख्या कम हो रही है। स्केटिंग रिंक के अतिरिक्त शहर में इंदिरा गांधी राज्य खेल परिसर जैसे क्रीड़ास्थल भी हैं। शहर से आगे नालदेहरा नौ-होल गोल्फ कोर्स है, जो भारत में अपनी तरह का सबसे पुराना है।[३८] कुफरी एक स्की रिसॉर्ट (केवल शीतकालीन) है जो मुख्य शहर से साँचा:convert की दूरी पर स्थित है।

शिमला की संस्कृति हालाँकि धार्मिक और अज्ञेय किन्नौरी लोगों तक खो जाती है, जो शहर की भीड़-भाड़ से दूर रहते हैं।

जनसांख्यिकी

2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, 35.34 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले शिमला शहर की आबादी 169,578 है, और यहाँ 93,515 पुरुष और 76,426 महिलाऐं रहती हैं।[५][६] 2011 की जनगणना के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, शिमला महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या 171,817 है, जिसमें से पुरुषों की संख्या 94,797 और महिलाओं की संख्या 77,020 है।[३९] शहर की साक्षरता दर 93.63 प्रतिशत है, जबकि महानगरीय क्षेत्र की दर 94.14 प्रतिशत है।[३९]

समय बीतने के साथ साथ नगर क्षेत्र में भी काफी वृद्धि हुई है। यह एक तरफ हीरानगर से धौली तक और दूसरी ओर तारा देवी से मलाणा तक फैला हुआ है। 2001 की भारत की जनगणना के अनुसार, शहर की जनसंख्या 142,161 थी, और यह नगर 19.55 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ था।[४०] 75,000 की अस्थायी आबादी तो पर्यटन जैसे सेवा उद्योगों के कारण ही गिनी जाती है।[१८] सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय गुट 16-45 वर्ष का आयुवर्ग है, जो कुल जनसंख्या का 55% है। लगभग 28% आबादी 15 साल से छोटी है। नगर का निम्न लिंगानुपात - 2001 में प्रत्येक 1,000 लड़कों के लिए 930 लड़कियां[४१] - चिंता का कारण है, और समग्र रूप से हिमाचल प्रदेश राज्य के 974 बनाम 1,000 की तुलना में बहुत कम है।

साँचा:bar box शहर की बेरोजगारी दर 1992 में 36% से घटकर 2006 में 22.6% हो गई है। इस गिरावट का श्रेय हाल के औद्योगीकरण, सेवा उद्योगों की वृद्धि और ज्ञान विकास को दिया जाता है।[४२] शिमला की साक्षरता दर 93.6% है। पुरुषों में यह दर 94.7% जबकि महिलाओं में 95.12% है। शिमला की अधिकांश आबादी हिमाचल प्रदेश की ही मूल निवासी है। 2011 जनगणना के अनुसार, शहर का बहुसंख्यक धर्म हिन्दू धर्म है, जिसका पालन लगभग 93.5% आबादी द्वारा किया जाता है।[६] नगर में इस्लाम (2.29%), सिख धर्म (1.95%), बौद्ध धर्म (1.33%), ईसाई धर्म (0.62%), और जैन धर्म (0.10%) के अनुयायी भी रहते हैं।[६]

हिंदी शहर की सम्पर्क भाषा है - यह शहर में बोली जाने वाली और आधिकारिक उद्देश्यों के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। अंग्रेजी भी एक बड़ी आबादी द्वारा बोली जाती है, और शहर की दूसरी आधिकारिक भाषा है। हिंदी के अलावा, पहाड़ी भाषाएँ जातीय पहाड़ी लोगों द्वारा बोली जाती हैं, जो शहर में स्थानीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं। शहर की जातीय पंजाबी प्रवासी आबादी के बीच पंजाबी भाषा प्रचलित है, जिनमें से अधिकांश पश्चिम पंजाब के शरणार्थी हैं, जो 1947 में भारत के विभाजन के बाद शहर में बस गए थे।

पर्यटन

हिमाचल प्रदेश की राजधानी और ब्रिटिश कालीन समय में ग्रीष्‍म कालीन राजधानी शिमला राज्‍य का सबसे महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र है। यहां का नाम देवी श्‍यामला के नाम पर रखा गया है जो काली का अवतार है। शिमला लगभग 7267 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह अर्ध चक्र आकार में बसा हुआ है, जहां पूरे वर्ष ठण्‍डी हवाएं बहने का वरदान है। यहां घाटी का सुंदर दृश्‍य दिखाई देता है और महान हिमालय पर्वती की चोटियां चारों ओर दिखाई देती है। इसके उत्तर में बर्फ मानों क्षितिज तक जमी हुई है। यहां ठण्‍डी हवाएं बहती है और ओक तथा रोडोडेंड्रॉन के वनों से गुजरती हैं। शिमला का सुखद मौसम, आसानी से पहुंच और ढेरों आकर्षण इसे उत्तर भारत का एक सर्वाधिक लोकप्रिय पर्वतीय स्‍थान बना देते हैं।

रिज

शहर के मध्य में एक बड़ा और खुला स्थान, जहां से पर्वत श्रंखलाओं का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। यहां शिमला की पहचान बन चुका न्यू-गॉथिक वास्तुकला का उदाहरण क्राइस्ट चर्च और न्यू-ट्यूडर पुस्तकालय का भवन दर्शनीय है।

मॉल

शिमला का मुख्य शॉपिंग सेंटर, जहां रेस्तरां भी हैं। गेयटी थियेटर, जो पुराने ब्रिटिश थियेटर का ही रूप है, अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। कार्ट रोड से मॉल के लिए हि.प्र.प.वि.नि. की लिफ्ट से भी जाया जा सकता है। रिज के समीप स्थित लक्कड़ बाजार, लकड़ी से बनी वस्तुओं और स्मृति-चिह्नों के लिए प्रसिद्ध है।

काली बाड़ी मंदिर

यह मंदिर स्कैंडल प्वाइंट से जनरल पोस्ट ऑफिस से की ओर कुछ गज की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि यहां श्यामला देवी की मूर्ति स्थापित है।

जाखू मंदिर

(2.5 कि॰मी॰) 2455 मी. : शिमला की सबसे ऊंची चोटी से शहर का सुंदर नजारा देखा जा सकता है। यहां "भगवान हनुमान" का प्राचीन मंदिर है। रिज पर बने चर्च के पास से पैदल मार्ग के अलावा मंदिर तक जाने के लिए पोनी या टैक्सी द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। माना जाता है कि इस स्थान पर हनुमान जी ने लक्ष्मण जी के लिए जडी बुटी का पर्वत ले जाते समय विश्राम किया था। इसलिए भी यह मन्दिर प्रसिद्ध है।

राज्य संग्रहालय

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी

प्रोस्पेक्ट हिल

(5 कि॰मी॰) 2155 मी. : कामना देवी मंदिर को समर्पित यह हिल शिमला-बिलासपुर मार्ग पर बालुगंज से 15 मिनट की पैदल दूरी पर है। हिल से इस क्षेत्र का विहंगम दृश्य दिखाई देता है।

समर हिल

(7 कि॰मी॰) 1983 मी. : शिमला-कालका रेलमार्ग पर एक सुंदर स्थान है। यहां के शांत वातावरण में पेड़ों से घिरे रास्ते हैं। अपनी शिमला यात्रा के दौरान राष्ट्पिता महात्मा गांधी राजकुमारी अमृत कौर के शानदार जार्जियन हाउस में रुके थे। यहां हिमाचल प्रदेश विश्वद्यालय है।

चैडविक जलप्रपात

(7 कि॰मी॰) 1586 मी. : घने जंगलों से घिरा यह स्थान समर हिल चौक से लगभग 45 मिनट की पैदल दूरी पर है।

संकट मोचन

(7 कि॰मी॰) 1975 मी. : शिमला-कालका सड़क मार्ग पर (रा.राज.-22) पर "भगवान हनुमान" का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां से शिमला शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहां बस/टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है।

तारादेवी

(11 कि॰मी॰) 1851 मी. : शिमला-कालका सड़क मार्ग पर (रा.राज.-22) पर यह पवित्र स्थान के लिए रेल, बस और कार सेवा उपलब्ध है। स्टेशन/सड़क से पैदल अथवा जीप/टैक्सी द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।

कालका से शिमला के बीच के स्टेशन

  1. कालका
  2. टकसाल
  3. गुम्मन
  4. कोटी
  5. जाबली
  6. सनवारा
  7. धर्मपुर
  8. कुमारहट्टी
  9. बड़ोग
  10. सोलन
  11. सोलन ब्रूरी
  12. सलोगड़ा
  13. कंडाघाट
  14. कनोह
  15. कैथलीघाट
  16. शोधी
  17. तारादेवी
  18. जतोग
  19. समरहिल
  20. शिमला

शिक्षा

शहर में १४ आंगनबाड़ी और 63 प्राथमिक विद्यालय है। कई ब्रिटिश युग के स्कूल हैं। शहर में लोकप्रिय स्कूलों में बिशप कॉटन स्कूल, शिमला पब्लिक स्कूल, सेंट एडवर्ड स्कूल, तारा हॉल, डीएवी स्कूल, डीएवी न्यू शिमला, दयानंद पब्लिक स्कूल, ऑकलैंड स्कूल, लालपानी स्कूल प्रमुख हैं। केन्द्रीय विद्यालय, शिमला में बेहतरीन स्कूलों में से एक है। पहले यह हरकोर्ट बटलर स्कूल के नाम से जाना जाता था। शिमला में मेडिकल संस्थानों में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और दंत चिकित्सा महाविद्यालय हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite news
  4. साँचा:cite news
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. "Himachal Pradesh, Development Report, State Development Report Series, Planning Commission of India, Academic Foundation, 2005, ISBN 9788171884452
  9. "Himachal Pradesh District Factbook," RK Thukral, Datanet India Pvt Ltd, 2017, ISBN 9789380590448
  10. साँचा:cite book
  11. साँचा:cite book
  12. Researches and Missionary Labours Among the Jews, Mohammedans, and Other Sects By Joseph Wolff, published by O. Rogers, 1837
  13. साँचा:cite web
  14. Charles Allen, Kipling Sahib, London, Little Brown, 2007
  15. साँचा:cite book
  16. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  17. साँचा:cite web
  18. साँचा:cite web
  19. साँचा:cite web
  20. साँचा:cite web
  21. साँचा:cite web
  22. साँचा:cite web
  23. साँचा:cite journal
  24. साँचा:cite web
  25. साँचा:cite web
  26. साँचा:cite web
  27. साँचा:cite web
  28. साँचा:cite web
  29. साँचा:cite web
  30. साँचा:cite web
  31. साँचा:cite web
  32. साँचा:cite web
  33. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  34. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  35. साँचा:cite web
  36. साँचा:cite book
  37. साँचा:cite web
  38. साँचा:cite web
  39. साँचा:cite web
  40. साँचा:cite web
  41. Missing: Mapping the Adverse Child Sex Ratio in India, UNFPA 2003
  42. साँचा:cite web

साँचा:navbox