माल रोड, शिमला

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माल रोड, शिमला

माल रोड, भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित एक महत्वपूर्ण सड़क, एक प्रमुख तफरीह स्थल और खरीदारी केन्द्र है। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान निर्मित, मॉल रोड रिज से एक स्तर नीचे स्थित है। शिमला नगर निगम, अग्निशमन सेवा और पुलिस मुख्यालय के कार्यालय यहाँ पर स्थित हैं। इस सड़क पर आपातकालीन वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों को चलने की अनुमति नहीं है।

माल रोड में कई शोरूम, खुदरा बिक्री केन्द्र, दुकानें, रेस्तरां और कैफे हैं। हिमाचल एम्पोरियम का विक्रय स्थल जो कि हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों जैसे कि स्थानीय ऊनी कपड़े, ब्रांडेड कपड़े, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के उत्पाद और आभूषण आदि लोगों को उपलब्ध कराता है, भी यहाँ स्थित है।

आकर्षण

स्कैंडल पॉइंट

रिज शिमला से देखने पर स्कैंडल पॉइंट

स्कैंडल पॉइंट वो जगह है जहाँ पश्चिमी ओर से माल रोड रिज रोड से मिलती है। इस जगह को इसका नाम स्कैंडल पॉइंट या हिन्दी में कांड स्थल इसलिए मिला क्योंकि एक ब्रिटिश महिला एक भारतीय महाराजा के साथ भाग गयी थी। कहानी कुछ यूं है कि, महाराजा पटियाला, वायसरॉय की बेटी को भगा ले गए थे। इस वजह से ब्रिटिश अधिकारियों ने उनके शिमला आने पर रोक लगा दी थी। [१] इसका जवाब महाराजा ने अपनी खुद की एक नयी ग्रीष्मकालीन राजधानी और पर्वतीय सैरगाह चैल स्थापित करके दिया, जो शिमला से, 45 किमी दूर है।[२] इस स्थल का सबसे प्रमुख स्थल स्वाधीनता सेनानी लाला लाजपत राय की प्रतिमा है हालाँकि इसका उपरोक्त कांड से कोई वास्ता नहीं है। स्कैंडल पॉइंट के साथ की सामान्य डाकघर स्थित है।

गेयटी थिएटर

गेयटी थिएटर

गेयटी थिएटर, माल रोड पर स्थित है और इसकी शुरुआत 30 मई 1887 को हुई थी।[३] कई लोकप्रिय फिल्मी हस्तियों ने इसके मंच पर प्रदर्शन किया है।
आज, गेयटी मुख्य रूप से अपने सामाजिक क्लब के लिए जाना जाता है। शिमला के स्कूल इस थिएटर का उपयोग प्रदर्शन कला के लिए करते हैं।[४] थिएटर को मूल संरचना के साथ पुनर्निर्मित किया गया है ताकि इसे और अधिक आकर्षक बनाते हुए अपनी विरासत को संरक्षित रखा जा सके।[५]

काली बाड़ी मंदिर

शिमला के काली बाड़ी मंदिर का निर्माण 1845 में ब्रिटिश अधिकारियों के सेवक के तौर पर कोलकाता से शिमला आए बंगालियों द्वारा किया गया था। यह काली माता को समर्पित मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि शिमला के जाखू के पास एक प्राचीन मंदिर में देवी काली का अस्तित्व था। मंदिर में देवी की लकड़ी की प्रतिमा की स्थानीय लोग पूजा करते हैं।[६]

टाउन हॉल

नगर निगम का भवन

स्कॉटिश आर्किटेक्ट जेम्स रंसोम द्वारा 1908 में निर्मित टाउन हॉल बिल्डिंग शुरुआत से ही नगर निगम की गतिविधियों का केंद्र रहा है और वर्तमान में शिमला नगर निगम का कार्यालय है। भवन आसपास की वास्तुकला को आत्मसात करता है, स्वतंत्रता पूर्व युग की याद दिलाता है। भवन के प्रवेशद्वार की चौड़ी सीढ़ियां शिमला में माल रोड की प्राय हर तस्वीर में दिखती हैं। इस इमारत के मूल स्वरूप को बहाल करने के लिए 2014 में एक परियोजना शुरू की गई थी और इस औपनिवेशिक वास्तुशिल्प चमत्कार को पुनर्निर्मित करने में 8 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए थे।[७]

सन्दर्भ

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