लक्ष्मणगढ़

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Laxmangarh
लच्छमनगढ़
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लक्ष्मणगढ़ दुर्ग
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प्रान्तराजस्थान
ज़िलासीकर ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल५३,३९२
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, मारवाड़ी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड332311
दूरभाष कोड91-1573
वाहन पंजीकरणRJ-23

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लक्ष्मणगढ़ (Laxmangarh) या लच्छमनगढ़ (Lachhmangarh) भारत के राजस्थान राज्य के सीकर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[१][२]

विवरण

लक्ष्मणगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर सीकर से 24 किमी की दूरी पर स्थित है। लक्ष्मणगढ़ तहसील में मुख्य गांवों में से गनेड़ी भी आता है जो राजस्थान राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री यूनुस खान का गांव है

इतिहास

सीकर के राव राजा लक्ष्मण सिंह ने 1805 ई. में लक्ष्मणगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया था और उन्होंने 1864 ई. में इसके चारों ओर वर्तमान लक्ष्मणगढ़ शहर की स्थापना की थी।

नगर-सरकार

वर्तमान में यहाँ लोकसभा सदस्य भारतीय जनता पार्टी से स्वामी सुमेधानंद जी, विधानसभा सदस्य कांग्रेस से गोविन्द सिंह डोटासरा एवं नगरपालिका अध्यक्ष चांदनी शर्मा हैं और प्रधान मदन सेवदा है

अर्थव्यवस्था

लच्छमनगढ़ के निवासी मूलरूप से कृषि पर निर्भर है, शेष यहाँ कपड़ा, स्वर्ण, शिक्षा,स्वास्थ्य आदि क्षेत्रो में कार्यरत है। यहाँ का मुख्य बाजार घंटाघर एवं चोपड़ बाजार है।

परिवहन

क़स्बानुमा लक्ष्मणगढ़ शहर सीकर ज़िला मुख्यालय से लगभग 24 किमी दूरी पर स्थित है। जयपुर, दिल्ली, अजमेर, कोटा और बीकानेर से यह सड़क मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ है। जयपुर यहां से क़रीब 160 किलोमीटर (एनएच 52 के माध्यम से 145.2 किमी) है, जबकि राजधानी दिल्ली क़रीब (261.8 किमी एनएच 334 बी के माध्यम से) (283.8 किमी एनएच 9 के माध्यम से) की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 52 मार्ग पर स्थित लक्ष्मणगढ़ मीटर गेज रेल लाइन से जुड़ा हुआ था, लेकिन वर्तमान में ब्रोडगज का कार्य चालु है, जो की अब पूरा हो गया है।

पर्यटन

लक्ष्मणगढ़ का किला, चार चौक हवेली, राधिका मुरली मनोहर मंदिर, चेतराम संगनीरिया हवेली, राठी परिवार हवेली, श्योनारायण कयल हवेली, डाकनियों का मंदिर, कृष्ण वाटिका और श्रद्वानाथ जी का आश्रम दर्शनीय आकर्षण हैं।

हवेलियाँ

शेखावाटी के राजपूत किलों एवं हवेलियों में बनी सुंदर फ्रेस्को पेंटिंग्स दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इसी के चलते शेखावाटी अंचल को राजस्थान के ओपन आर्ट गैलरी की संज्ञा दी जाती है। 1830 से 1930 के दौरान व्यापारियों ने अपनी सफलता और समृद्धि को प्रमाणित करने के उद्देश्य से सुंदर एवं आकर्षक चित्रों से युक्त हवेलियों का निर्माण कराया। इनमें चार चौक हवेली, चेतराम संगनीरिया हवेली, राठी परिवार हवेली, श्योनारायण कयल हवेली, श्रद्धा नाथ जी का आश्रम आदि प्रमुख हैं। हवेलियों के रंग शानों-शौकत के प्रतीक बने। समय गुजरा तो परंपरा बन गए और अब तो विरासत का रूप धारण कर चुके हैं। कलाकारों की कल्पना जितना उड़ान भर सकती थी, वह सब इन हवेलियों की दीवारों पर आज देखने को मिलता है तहसील मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर गांव गनेड़ी में गिनोड़ियो की हवेली,अशोक स्तम्भ,नागा छतरी, महात्मा ज्योतिबा फुले सर्किल आदि प्रमुख है।

होटल एवं गेस्ट हाऊस

चांदनी होटल, गणपति होटल, अशीष होटल।

धर्म और समारोह

सभी प्रमुख हिंदू और मुस्लिम त्योहारों को मनाते हैं। प्रमुख हिंदू त्यौहारों में से कुछ हैं : होली, दीपावली, मकर संक्रांति, रक्षाबंधन, सावन, तीज और गौगा, सहकर्मी, गणगौर आदि। यहाँ पर होली पर विशेष रूप से गींदड़ नृत्य का आयोजन होता है जो देश विदेश में बहुत प्रसिद्ध है।

भौगोलिक स्थिति

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990