सीकर

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Sikar
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सीकर का 973 ईसवी में निर्मित हर्षनाथ मंदिर
सीकर का 973 ईसवी में निर्मित हर्षनाथ मंदिर
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प्रान्तराजस्थान
ज़िलासीकर ज़िला
क्षेत्रसाँचा:infobox settlement/areadisp
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2011)
 • कुल२,४४,४९७
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, मारवाड़ी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड332001
दूरभाष कोड91-1572
वाहन पंजीकरणRJ-23
साक्षरता दर81.25%
दिल्ली से दूरीसाँचा:convert
जयपुर से दूरीसाँचा:convert
वेबसाइटwww.sikar.rajasthan.gov.in

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सीकर (Sikar) भारत के राजस्थान राज्य में स्थित एक नगर है। यह ऐतिहासिक शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है और सीकर ज़िले का मुख्यालय तथा एक लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र है।[१][२]

विवरण

सीकर शहर शेखावाटी के प्रवेश द्वार या हृदय स्थल के नाम से जाना जाता है। सीकर एक एतिहासिक शहर है जहाँ पर कई हवेलियां (बड़े घर जो की अपने भिती चित्रों और वास्तुकला के लिए प्रख्यात हैं) है जो कि मुख्य पर्यटक आकर्षण हैं। सीकर ज़िले के उत्तर में झुन्झुनू, उत्तर-पश्चिम में चूरू, दक्षिण-पश्चिम में नागौर और दक्षिण-पूर्व में जयपुर जिले की सीमाएँ लगती हैं।

आवागमन

सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर आगरा और चुरू के बीच में स्थित है।

पर्यटन स्थल

खाटू श्याम जी मंदिर

भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के बारे में सभी जानते हैं कि वह मात्र तीन बाण ही लेकर युद्ध क्षे‍त्र में लड़ने जा रहे थे। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण के भेष में उनसे दान में उनका शीश मांग लिया था। दान के पश्चात्‌ श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में स्वयं के नाम से पूजित होने का वर दिया। बर्बरीक ने श्रीकृष्‍ण के समक्ष एक यह इच्छा भी व्यक्त की कि मैं यह युद्ध देखना चाहता हूं तब श्रीकृष्ण ने उसकी इच्छा से उस शीश को श्रीकृष्ण ने एक स्थान पर रखवा दिया लेकिन वह जिधर भी देखता उधर की सेना का सफाया हो जाता ऐसे में श्रीकृष्‍ण ने उसके शीश को दूर एक स्थान पर रखवा दिया। आज उस स्थान को खाटू श्याम का स्थान कहा जाता है। श्रीकृष्ण के वरदान स्वरूप ही उनकी पूजा श्याम रूप में की जाती है। राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन वर्तमान मं‍दिर की आधारशिला सन 1720 में रखी गई थी। इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा के अनुसार सन 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए उस समय अनेक राजपूतों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया था।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990