बरौनी थर्मल पावर स्टेशन

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बरौनी थर्मल वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान
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देशभारत
स्थानबिहार
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स्थितिOperational
निर्माण शुरूसाँचा:wikidataOI
नियुक्त करने की तारीख1962साँचा:wikidataOI
नियुक्त से बाहर करने की तारीखसाँचा:wikidataOI
निर्माण लागतसाँचा:wikidataOI
स्वामित्वसाँचा:wikidataOI
संचालकBSEBसाँचा:wikidataOI
ताप विद्युत केंद्र
प्राथमिक ईंधनCoal
विद्युत उत्पादन
इकाइयाँ परिचालन2 X 110 MW
नेमप्लेट क्षमता220 MW

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बरौनी थर्मल पावर स्टेशन (बरौनी थर्मल वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान) एक मौजूदा 320 मेगावाट कोयला आधारित बिजली स्टेशन है जो बिहार राज्य विद्युत बोर्ड (बीएसईबी) के पास है। पावर स्टेशन बिहार, भारत के बेगूसराय जिले में स्थित है। बिहार में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन रूसी सहयोग के साथ अस्तित्व में आया और वर्ष 1962 में इसका संचालन हुआ। राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के द्वारा करीब छह सौ करोड़ रुपये की लागत से बरौनी थर्मल की 110 मेगावाट क्षमता वाली छठी और सातवीं इकाई का आधुनिकीकरण व नवीनीकरण किया जा रहा है।[१] वर्ष 2006 में बंद पड़े बरौनी थर्मल में सातवीं इकाई का वर्ष 2010 में तथा छठी इकाई का जीर्णोद्धार कार्य वर्ष 2012 में शुरू किया गया था। अभी तक मात्र सातवीं इकाई का कार्य किसी तरह पूरा किया गया है। बरौनी न्यू एक्सटेंशन प्रोजेक्ट का काम वर्ष 2011 में शुरू हुआ था। विस्तार योजना में 250 मेगावाट क्षमता का दो यूनिट आठवी और नौवीं का निर्माण कार्य भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के द्वारा वर्ष 2014 में पूरा किया जाना था।[२][३][४]

बरौनी बिजलीघर की कुल क्षमता 720 मेगावाट है।[५] इसमें दो चरणों में चार यूनिट शामिल हैं। इनमें स्टेज-1 के तहत यूनिट 6 और 7 हैं जो 110-110 मेगावाट क्षमता की है जबकि स्टेज-2 में 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट 8 व 9 है। स्टेज-1 पहले की है जबकि इसका विस्तार करके स्टेज-2 बनाया गया है। 17 अप्रैल 2018 को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य कैबिनेट ने बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को एनटीपीसी लिमिटेड (राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड) को सौंपने की मंजूरी दे दी।[६] 15 मई 2018 को, बिहार सरकार ने थर्मल प्लांट को 33-वर्षीय पट्टे के लिए राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन को सौंपने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।[७][८][९] बरौनी थर्मल को कोयले की निर्बाध आपूर्ति के लिए रेल कनेक्टिविटी मिल जायेगी।[१०] एनटीपीसी ने 15 दिसंबर 2018 से 720 मेगावाट बरौनी थर्मल पावर प्लांट के अधिग्रहण को पूरा किया।[११][१२] बरौनी पावर स्टेशन की इकाइयों को व्यावसायिक संचालन के तहत क्रमशः रखा जाएगा।

इतिहास

26 जनवरी 1960 को बिहार के तत्कालीन प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. कृष्ण सिंह के कर कमलो द्वारा 3X 15 MW यूगोस्लाविया निर्मित इकाई, का शिलान्याश किया गया| जिसे बरौनी वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान के नाम से जाना जाता है। बरौनी में साईट सिलेक्शन का मुख्य कारण था की यहाँ मानव संसाधन की उपलब्धता, गंगा नदी से पानी की उपलब्धता, अपने ही राज्य में कोयला का प्रचुर भंडार, राजेन्द्र सेतु से होकर बरौनी का रेलवे संपर्क तथा बरौनी रिफईनरी से FO,LDO आदिकी उपलब्धता। इस प्रतिष्ठान को 86.85 एकड़, ऐशयार्ड को 340 एकड़ तथा इसका आवासीय परिसर को 139.25 एकड़ भूमि में बनाया गया।

इसके पहला चरण में तीन इकाई (3 X 15 MW) का निर्माण/ स्थापनाकिया, जिसमे से इकाई सं. 2 & 3 (कोयला और तेल दोनों पर आधारित) से विद्युत् उत्पादन सन 1963 में इकाई सं. 1 (केवल कोयला पर आधारित) से विद्युत् उत्पादन शुरू हुआ।

तत्पश्चात दूसरा चरण में पोलैंड निर्मित दो इकाई 4 & 5 (2 X 50 MW) से विद्युत् उत्पादन क्रमशः 1969& 1971 में शुरू हुआ। सन 1974 में बरौनी वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान अपने कुल क्षमता 145 MW पर उच्चतम प्लांट लोड फैक्टर (पी.एल.एफ.) देकर इतिहास रच दिया।

इस प्रतिष्ठान के तीसरे चरण में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) निर्मित दो इकाई (2 X 110 MW) अर्थात इकाई सं. 6& 7 को क्रमशः 1983 & 1985 में स्थापित किया गया।

सन 1985 में, 15MW के तीनो इकायों को स्पेयर्स की अनुपलब्धता और उच्च उत्पादन मूल्य के कारण लुप्तप्राय(Obsolete) घोषित किया गया तथा साथ ही 50 MW के दो इकाइयों 4 और 5को प्रदुषण नियंत्रण विभाग ने क्रमशः 1996 और 1995 में बंद करा दिया। 1996 के बाद इस प्रतिष्ठान का अवनति शुरू हो गयी। अब इस प्रतिष्ठान की कुल क्षमता 365MW से घटकर 220 MW हो गयी थी जिसे भेल द्वारा पुनर्मूल्यांकन कर 210MW कर दिया गया। सन 2000 के बाद से इस प्लांट की स्थिति और ख़राब होती गयी। बहुत ही पुराना इकाई होने के वजह से इसकी क्षमता दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती चली गयी। भारत सरकार के राष्ट्रिय सम विकाश योजना के तहत सन 2007 में पुनःस्थापना का कार्य किया गया। जिससे इकाई सं 6 से विद्युत् उत्पादन शुरू हुआ। सन 2012 में इसे भी बंद कर दिया गया।

सन 2011 में इस प्रतिष्ठान के विस्तारीकरण परियोजना का कार्य एशयार्ड की 240 एकड़ भूमि पर शुरू हुआ और नए एशयार्ड के लिए 500 एकड़ भूमि अधिग्रहण का कार्य जारी है। विस्तारीकरण परियोजना के तहत भेल निर्मित दो इकाई सं. 8 & 9 (2 X250MW)केनिर्माण का कार्य जारी है तथा साथ ही साथ इकाई सं. 6 & 7 (2X 110 MW) के पुनरुद्धार और आधुनिकरण का कार्य जारी है

आवासीय परिसर

बरौनी वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान के आवासीय परिसर 139.25 एकड़ भूभाग में फैला हुआ है। जिसमे आवास के साथही अस्पताल, स्कूल, बैंक, पोस्ट ऑफिस, मंदिर, सभागार, कल्याण केंद्र, विनोद भवन(ऑफिसर्स क्लब), खेल के मैदान, बाज़ार भवन, सहकारी भवन, आदि है। इस परिसर का गौरवगाथा भी अभूतपूर्ण है। यहाँ जरुरत के हर चीज उपलब्ध है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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