पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे या पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (Northeast Frontier Railway), भारतीय रेल की एक इकाई है और रेलवे बोर्ड, मत्रांलय के अधीन कार्यरत 16 जोनल रेल में से एक है। इसे लघुरूप में एनएफआर कहा जाता है।

इसकी स्थापना 1958 में हुई थी। इसका मुख्यालय गुवाहाटी के मालिगांव में स्थित है। जैसा कि नाम है “पूर्वोत्तर सीमा रेल” भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित सभी राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर तथा मेघालय को स्पर्श करता है।

पू॰ सी॰ रेल भारत की सेवा में समर्पित है और इस क्षेत्र की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने की सच्ची आश ने इस रेल के निष्पादन को सुधारने में काफी मदद की है। बंगलादेश के साथ अंर्तबदल सुविधा तथा नेपाल और भूटान के लिए रेल शीर्ष के रूप में कार्य करने के अलावा पू॰ सी॰ रेल कुल 10 राज्यों की सेवा करती है।

इतिहास

सन 1881 में रेल ने पहली बार असम में प्रवेश किया जब 'असम रेलवे एवं ट्रैडिंग कम्पनी' ने चाय एवं कोयला ले जाने के उद्देश्य से मारघेरिटा में डिब्रूगढ़ से माकुम कोयला खान तक 65 कि: मी: लम्बा मीटर लाइन का निर्माण शुरू किया। इस क्षेत्र के रेल के लिए सन 1881 एक अन्य घटना के लिए भी एक ऐतिहासिक वर्ष रहा और वह है दार्जिलिंग – हिमालय रेल के किबंदति स्वरूप टॉय ट्रैन का चालू होना।

भारत के विभाजन के साथ ही राजनीतिक सीमा के अनुसार बंगाल-असम रेल को पुनः विभाजित करना पड़ा। इसके फलस्वरुप अगस्त 1947 को पांडू में मुख्यालय के साथ 'असम रेल' की स्थापना की गई। सर्व भारतीय रेल मार्ग स्थापित करने के लिए 26 जनबरी 1948 में किशनगंज से फकीरग्राम तक 142 मील लंबी असम रेल लिंक परियोजना का निर्माण युद्व स्तर पर शुरू किया गया और रिकार्ड समय के अंदर पूरा कर दिसम्बर 1949 में यातायात के लिए खोल दी गई। पहली यात्री गाड़ी 26 जनबरी 1950 से चलाई गई।

भारतीय रेल के पुनवर्गीकरन के साथ ही 14 अप्रैल 1952 को संपूर्ण असम रेल प्रणाली को गोरखपुर में मुख्यालय सहित पूर्वोत्तर रेल के साथ शामिल कर दिया गया। पूर्वोत्तर के विकास को गति देने के लिए विभाजित पूर्वोत्तर रेल से काट कर 15 जनवरी 1958 को मालीगांव में मुख्यालय के साथ 'पूर्वोत्तर सीमा रेल' बनाई गई।

संगठन

पू॰ सी॰ रेल महाप्रबंधक के प्रशासनिक नियंत्रण में है जो विभागाध्यक्षों की सहायता से रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट करते हैं। यह पांच मंडलों में विभाजीत है -

लामडिंग मंडल,अलीपुरद्वार मंडल, कटिहार मंडल, तिनसुकिया मंडल तथा रंगिया मंडल।

मंडल

इसके अंतर्गत आने वाले मंडल हैं: अलीपुर द्वार, कटिहार, लामडिंग, रंगिया, तिनसुकिया

क्रमांक नाम संक्षेप स्थापना समय मुख्यालय मंडल
1. उत्तर रेलवे उरे 14 अप्रैल, 1952 दिल्ली अंबाला, फिरोजपुर, लखनऊ, मुरादाबाद
2. पूर्वोत्तर रेलवे उपूरे 1952 गोरखपुर इज्जत नगर, लखनऊ, वाराणसी
3. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे पूसीरे 1958 गुवाहाटी अलीपुर द्वार, कटिहार, लामडिंग, रंगिया, तिनसुकिया
4. पूर्व रेलवे पूरे अप्रैल, 1952 कोलकाता हावड़ा, सियालदह, आसनसोल, मालदा
5. दक्षिणपूर्व रेलवे दपूरे 1955 कोलकाता आद्रा, चक्रधरपुर, खड़गपुर, राँची
6. दक्षिण मध्य रेलवे दमरे 2 अक्टूबर, 1966 सिकंदराबाद सिकंदराबाद, हैदराबाद, गुंटकल, गुंटूर, नांदेड़, विजयवाड़ा
7. दक्षिण रेलवे दरे 14 अप्रैल, 1951 चेन्नई चेन्नई, मदुरै, पालघाट, तिरुचुरापल्ली, त्रिवेंद्रम, सलेम (कोयंबतूर)
8. मध्य रेलवे मरे 5 नवंबर, 1951 मुंबई मुंबई, भुसावल, पुणे, सोलापूर, नागपुर
9. पश्चिम रेलवे परे 5 नवंबर, 1951 मुंबई मुंबई सेंट्रल, वदोदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर
10. दक्षिण पश्चिम रेलवे दपरे 1 अप्रैल, 2003 हुबली हुबली, बैंगलोर, मैसूर
11. उत्तर पश्चिम रेलवे उपरे 1 अक्टूबर, 2002 जयपुर जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर
12. पश्चिम मध्य रेलवे पमरे 1 अप्रैल, 2003 जबलपुर जबलपुर, भोपाल, कोटा
13. उत्तर मध्य रेलवे उमरे 1 अप्रैल, 2003 इलाहाबाद इलाहाबाद, आगरा, झांसी
14. दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे दपूमरे 1 अप्रैल, 2003 बिलासपुर बिलासपुर, रायपुर, नागपुर
15. पूर्व तटीय रेलेवे पूतरे 1 अप्रैल, 2003 भुवनेश्वर खुर्दा रोड, संबलपुर, विशाखापत्तनम
16. पूर्वमध्य रेलवे पूमरे 1 अक्टूबर, 2002 हाजीपुर दानापुर, धनबाद, मुगलसराय, सोनपुर, समस्तीपुर
17. कोंकण रेलवे† केआर 26 जनवरी, 1998 नवी मुंबई कोई नहीं

कोंकण रेलवे भारतीय रेल के एक अनुषांगिक इकाई के रूप में परंतु स्वायत्त रूप से परिचालित होनेवाली रेल व्यवस्था है जिसका मुख्यालय नवी मुंबई के बेलापुर में रखा गया है। यह सीधे रेलवे बोर्ड एवं केंद्रीय रेलमंत्री के निगरानी में काम करता है।


बाहरी कड़ियाँ