त्वचाशोथ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
हाथ का त्वचाशोथ
केरोसिन के सम्पर्क में आने के कारण उत्पन्न त्वचाशोथ

त्वचाशोथ या 'डर्मेटाइटिस' (Dermatitis) में त्वचा में लाली, शोथ, खुजलाहट आदि होती है। इसका कारण त्वचा की किसी परत या परतों में जलन उत्पन्न करने वाले घावों का होना है। त्वचाशोथ विश्व में सभी जगह, विशेषतया गरम, आर्द्र और उद्योग प्रधान देशों में तथा सभी उम्र के लोगों में हुआ करता है। स्त्रियों को यह रोग कम होता है।

त्वचा शरीर का वह भाग है, जहाँ से रोग आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन इसकी रचना इतनी दृढ़ है कि अधिकतर आक्रामक विफल होकर लौट जाते हैं।

त्वचाशोथ के तीन भेद हैं :

  • (1) बाह्य कारणों से उत्पन्न होने वाला,
  • (2) आंतर कारणों से उत्पन्न होने वाला तथा
  • (3) मिश्र और अल्पज्ञात कारणों से उत्पन्न होनेवाला।

त्वचाशोथ के बाह्य कारण अनेक हो सकते हैं, जैसे

  • (क) मौसमी, उदाहरणार्थ अम्हौरियाँ एवं तुषारदंश
  • (ख) भौतिक, जैसे एक्सरे और अलट्रावायलेट किरण त्वचाशोथ,
  • (ग) रासायनिक, जैसे मास्टर्ड गैस, डी.डी.टी. आदि के संपर्क से होनेवाला त्वचाशोथ,
  • (घ) संक्रामक जैसे जीवाणुओं के संक्रमण से इंटेटाइगो (impetigo) या एकथाइमा (Ecthyma) त्वचाशोथ,
  • (ङ) भेषज और विष से, जैसे ब्रोमाइड के अधिक व्यवहार, संखिया, पारद, सवर्णादि भारी धातुओं के प्रभाव से चर्मव्याधियाँ उत्पन्न होती हैं।

आंतर कारणों से उत्पन्न होनेवाले त्वचाशोथ के उदाहरण उकवत और गठिया तथा मधुमेह से उत्पन्न होने वाले त्वचाशोथ हैं।

कुछ त्वचाशोथ आनुवंशिक और उपापचयात्मक (मेटाबोलिक) कारणों से उत्पनन होते हैं।

त्वचाशोथ कालांतर में स्वत: ठीक हो जाते हैं। कभी-कभी अपवाद के रूप में पूयरुधिर और कैंसर भी हो जाता है। त्वचाशोथ से बचने के लिये विटामिनों का सेवन और सफाई आवश्यक है। त्वचाशोथ दूर करने के लिए कई प्रकार की दवाइयाँ और मरहम बनाए गए हैं।

बाहरी कड़ियाँ