गंजापन
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गंजापन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं तो नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है। बालों का रोजमर्रा में झड़ना आम बात है लेकिन अगर गिरते हुए बालों की जगह नए बाल ना आए तो गंजेपन को समस्या होती है।
गंजेपन के प्रकार
- एंड्रोजेनिक एलोपेसिया - यह सर्वाधिक आम है और महिलाओ से ज्यादा पुरुषों को होता है। इसीलिए इसे पुरुषों का गंजापन भी कहा जाता है। यह स्थायी किस्म का गंजापन है और एक खास ढंग से खोपड़ी पर उभरता है। यह कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पीछे की ओर बढ़ता है। यह जवानी के बाद किसी भी उम्र में शरू हो सकता है और व्यक्ति को आंशिक रूप से या पूरी तरह गंजा कर सकता है। इस किस्म के गंजेपन के लिए मुख्यत: टेस्टोस्टेरॉन नामक हारमोन संबंधी बदलाव और आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है।
- एलोपेसिया एरीटा - इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों में जहां-तहां के बाल गिर जाते हैं, जिससे सिर पर गंजेपन का पैच लगा सा दिखता है। इसकी वजह अब तक अनजानी है, पर माना जाता है कि यह शरीर की रोगप्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण होता है।
- ट्रैक्शन एलोपेसिया - यह लंबे समय तक एक ही ढंग से बाल के खिंचे रहने के कारण होता है। जैसे, कोई खास तरह से हेयरस्टाइल या चोटी रखना। लेकिन हेयरस्टाइल बदल देने यानी बाल के खिंचाव को खत्म कर देने के बाद इसमें बालों का झड़ना रुक जाता है।
उपचार
- केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांटेशन): इसके तहत सिर के उन हिस्सों, जहां बाल अब भी सामान्य रूप से उग रहे होते है, से केश-ग्रंथियां लेकर उन्हें गंजेपन से प्रभावित हिस्सों में ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें त्वचा संबंधी संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है और उन हिस्सों में कोई नुकसान होने की संभावना कम होती है जहां से केश-ग्रंथियां ली जाती है।
- दवाओं के इस्तेमाल से: माइनोक्सिडिल नामक दवा का इस्तेमाल कम बाल वाले हिस्सों पर रोज करने से बाल गिरना रुक जाता है तथा नये बाल उगने लगते हैं। यह दवा रक्त वाहिनियों को सशक्त बनाती है जिससे प्रभावित हिस्सों में रक्तसंचार और हारमोन की आपूर्ति बढ़ जाती है और बाल गिरना बंद हो जाता है। एक और फाइनस्टराइड नामक दवा की एक टेबलेट रोज लेने से बालों का गिरना रुक जाता है तथा कई मामलों में नये बाल भी उगने लगते हैं।
- कॉस्मेटिक उपचार सिंथेटिक केश - गंजेपन से प्रभावित हिस्से को ढंकने के लिए विशेष रूप से निर्मित बालों का प्रयोग किया जा सकता है। यहां ध्यान देने की बात यह है कि इन बालों के नीचे की खोपड़ी को नियमित रूप से धोते रहना जरूरी है, इसमें किसी किस्म की कोताही नहींे बरती जानी चाहिए। एक और तरीका है कृत्रिम बालों की बुनाई कराना, जिसके तहत मौजूदा बालों के साथ कृत्रिम केशों की बुनाई की जाती है।