कोलकाता का मौसम

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साँचा:climate chart

कोलकाता में उष्णकटिबंधीय आर्द्र-शुष्क जलवायु रहती है। यह कोप्पेन जलवायु वर्गीकरण के अनुसार Aw श्रेणी में आती है। वार्षिक औसत तापमान २६.८ °से. (८० °फ़ै.); मासिक औसत तापमान १९ °से. से ३० °से. (67 °फ़ै. से ८६ °फ़ै.) रहता है।[१] ग्रीष्म ऋतु गर्म एवं आर्द्र रहती है, जिसमें न्यूनतम तापमान ३० डिग्री के दशक में रहता है तथा शुष्क कालों में यह ४० °से (104 °फ़ै) को भी पार कर जाता है। ऐसा मई और जून माह में होता है।[१] शीत ऋतु ढाई माह तक ही रहती हैं; जिसमें कई बार न्यूनतम तापमान १२ °से – १२ °से. (54 °फ़ै. – ५७ °फ़ै.) तक जाता है। ऐसा दिसंबर से फरवरी के बीच होता है। उच्चतम अंकित तापमान ४९°से.  °से. (११३ °फ़ै.) एवं न्यूनतम ५ °से. (४१ °फ़ै.) किया गया है।[१] प्रायः ग्रीष्मकाल के आरंभ में धूल भरी आंधियां आती हैं, जिनके पीछे तड़ित सहित तेज वर्षाएं शहर को भिगोती हैं, एवं शहर को भीषण गर्मी से राहत दिलाती हैं। ये वर्षाएं काल बैसाखी (साँचा:lang) कहलाती हैं।[२]

दक्षिण-पश्चिम मानसून की बंगाल की खाड़ी वाली शाखा द्वारा लाई गई वर्षाएं[३] शहर को जून अंत से सितंबर के बीच यहां की अधिकतम वार्षिक वर्षा १५८२ मि.मी. (६२.३ इंच) दिलाती हैं। मानसून काल में अधिकतम वर्षाएं अगस्त में होती हैं जो (३०६ मि.मी.) तक जाती हैं। शहर में वार्षिक २,५२८ घंटे खुली धूप उपलब्ध रहती है, जिसमें अधिकतम दैनिक अंतराल मार्च के महीने में होता है।[४] कोलकाता की प्रधान समस्या प्रदूषण की है। यहां का सस्पेन्डेड पर्टिकुलेट मैटर स्तर भारत के अन्य प्रधान शहरों की अपेक्षा बहुत है,[५][६] जो गहरे स्मॉग और धुंध का कारण बनता है। शहर में भीषण प्रदूषण ने प्रदूषण-संबंधी श्वास रोगों जैसे फेफड़ों के कैंसर को बढावा दिया है।[७]

सन्दर्भ