काली

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काली
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Kali by Raja Ravi Varma.jpg
भगवान शिव पर पैर रखे खड़ी देवी महाकाली
अन्य नाम कालिका, सती, शिवशक्ति, पार्वती, श्यामा, श्यामाम्बिका , महकाली , भद्रकाली आदि
संबंध महाविद्या, शक्ति, दुर्गा, महाकाली, पार्वती
निवासस्थान शमशान, मानिद्वीप
मंत्र ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
अस्त्र खप्पर, खडग, मुण्ड और वर मुद्रा
युद्ध रक्तबीज वध, नरकासुर वध, अन्धक वध
दिवस शनिवार
जीवनसाथी साँचा:if empty
संतान साँचा:if empty
त्यौहार काली पूज, नवरात्री, काली चौदस

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काली या महाकाली हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। यह सुन्दरी रूप वाली भगवती पार्वती का काला और भयप्रद रूप है, जिसकी उत्पत्ति असुरों के संहार के लिये हुई थी। उनको विशेषतः बंगाल, ओडिशा और असम में पूजा जाता है। काली को शाक्त परम्परा की दस महाविद्याओं में से एक भी माना जाता है। वैष्णो देवी में दाईं पिंडी माता महाकाली की ही है |

काली की व्युत्पत्ति काल अथवा समय से हुई है जो सबको अपना ग्रास बना लेता है। माँ का यह रूप है जो नाश करने वाला है पर यह रूप सिर्फ उनके लिए हैं जो दानवीय प्रकृति के हैं जिनमे कोई दयाभाव नहीं है। यह रूप बुराई से अच्छाई को जीत दिलवाने वाला है अत: माँ काली अच्छे मनुष्यों की शुभेच्छु है और पूजनीय है। इनको महाकाली भी कहते हैं।

अन्य अर्थ

बांग्ला में काली का एक और अर्थ होता है - स्याही या रोशनाई

मुख्य मन्त्र

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति-समन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते॥ (दुर्गा सप्तशती)

रणचण्डी

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार शुम्भ और निशुम्भ दो दानव भाई थे जो महर्षि कश्यप और दनु के पुत्र तथा रम्भ , नमुचि , हयग्रीव , स्वरभानु , दैत्यराज , करंभ , कालकेतु और वप्रिचिती के भाई थे। देवीमहात्म्य में इनकी कथा वर्णित है।

देवराज इन्द्र ने एक बार नमुचि को मार डाला। रुष्ट होकर शुम्भ-निशुम्भ ने उनसे इन्द्रासन छीन लिया और शासन करने लगे। इसी बीच पार्वती ने महिषासुर को मारा और ये दोनों उनसे प्रतिशोध लेने को उद्यत हुए। इन्होंने पार्वती के सामने शर्त रखी कि वे या तो इनमें किसी एक से विवाह करें या मरने को तैयार हो जाऐं। पार्वती ने कहा कि युद्ध में मुझे जो भी परास्त कर देगा, उसी से मैं विवाह कर लूँगी। इस पर दोनों से युद्ध हुआ और दोनों मारे गए।

बाहरी कड़ियाँ

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सन्दर्भ