उत्तर सिक्किम जिला

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(उत्तरी सिक्किम से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
उत्तर सिक्किम जिला
Flowers and nature of North Sikkim India.jpg
उत्तरी सिक्किम के वाइल्डफ्लॉवर

साँचा:namespace detect

गुरुदोंगमार झील

उत्तर सिक्किम भारतीय राज्य सिक्किम का एक जिला है। जिले का मुख्यालय मांगन) है। चार जिलों में विभक्त सिक्किम राज्य के उत्तरी सिक्किम जिले का अधिकांश हिस्सा पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित है, क्योंकि इस संवेदनशील जिले की सीमा चीन से मिलती है। यहां आने वाले सैलानियों को विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। मंगन यहां का जिला मुख्यालय है और इसके आसपास ही अधिकांश आबादी रहती है। मंगन समुद्र तल से 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की जलवायु पूरे साल अनुकूल और संतुलित रहती है। नेपाल की पूर्वी सीमा पर स्थित कंजनजंगा यहां की सबसे ऊंची चोटी है जो 8000 मीटर की ऊंचाई पर है। जिले की प्राकृतिक सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

प्रमुख आकर्षण

काबी लंगचोक

यह ऐतिहासिक स्थल गंगटोक से 17 किलोमीटर दूर उत्तर सिक्किम हाइवे पर स्थित है। इसी स्थान पर नेपचा सरदार टे कुंग टेक और भूटिया सरदार खे भूम-सा के मध्य संधि पर हस्ताक्षर हुआ था। इस संधि की याद में पत्थर के स्तंभ का मैमोरियल बना है। यह स्थान घने जंगलों से घिरा हुआ है और इसके निकट एक मठ भी देखा जा सकता है।

फोदोंग मठ

सिक्किम के 6 प्रमुख मठों में एक फोदोंग मठ गंगटोक से करीब 38 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मठ कर्गयुपा संप्रदाय से संबंधित है। फोदोंग मठ से 4 किलोमीटर की दूरी पर हाल ही में लगरांग मठ बनाया गया है। यह मठ वास्तुशिल्प की दृष्‍िट से अद्वितीय है।

यमथांग
यमथांग

यमथांग 11800 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और गंगटोक से करीब 140 किलोमीटर की दूरी पर है। प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह स्थान स्वर्ग के समान है। जीव-जंतुओं और वनस्पतियां इस स्थान को ओर भी मनमोहक बनाती हैं। अल्‍पाइन फूलों की विविध किस्में यहां देखी जा सकती हैं। यही कारण है कि इसे फूलों की घाटी के नाम से भी जाना जाता है। लचुंग नदी के बाएं तट पर गर्म पानी का एक झरना है जिसे औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। यहां विदेशी पर्यटकों को आने की छूट है। अनेक फिल्मों के दृश्य भी यहां की खूबसूरती में फिल्माए गए हैं।

फेनसांग मठ

फोदांग से काबी के बीच ढाल पर स्थित यह स्थान इस क्षेत्र का सबसे बेहतरीन स्थल है। यहां बना फेनसांग मठ निंगमापा बौद्धों के अधीन है। इसका निर्माण 1721 में जिगमे पावो के काल में हुआ था। 1947 में इसमें आग लग गई थी, लामाओं के प्रयासों से इसे 1948 में पुन: बनवा दिया गया। मठ में करीब 300 भिक्षु रह सकते हैं।

चुंगथांग

जीव-जंतुओं, फलोद्यान और वनस्पतियों से भरपूर यह स्थान गंगटोक से 95 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से 1585 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान लंचेन और लंचुंग चू के मध्य स्थित है। यहां की एक चट्टान बेहद लोकप्रिय है। माना जाता है कि गुरू पद्मसंभव ने यहां आराम किया था और उनके पैरों के निशान इसमें मुद्रित हैं।

गुरूडोंगमर

हिन्दुओं और बौद्धों के बीच लोकप्रिय यह झील सिक्किम की सबसे पवित्र झीलों में एक मानी जाती है। समुद्र तल से 17800 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह झील गंगटोक से 190 किलोमीटर की दूरी पर है। माना जाता है कि झील में हमेशा बर्फ जमी रहती थी और यहां पीने के पानी का अभाव था। जब गुरू पद्मसंभव यहां से गुजर तो स्थानीय लोगों ने उनसे पानी की व्यवस्था करने को कहा। लोगों की इस समस्या से निदान के लिए गुरू ने झील का एक हिस्सा स्पर्श किया और बर्फ पिघल गई। कहा जाता है कि कडाके की ठंड में भी झील का यह हिस्सा बर्फ में तब्दील नहीं होता। इस झील को देखने के लिए हमेशा सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है।

आवागमन

वायु मार्ग

बागडोगरा उत्तरी सिक्किम का करीबी एयरपोर्ट है जो गंगटोक से 124 किलोमीटर की दूरी पर है। कोलकाता, गुवाहाटी और नई दिल्ली से यहां के लिए नियमित फ्लाइटें हैं।

रेल मार्ग

सिलीगुडी और न्यू जलपाईगुड़ी यहां के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी और अन्य प्रमुख भारत शहरों से यहां के लिए नियमित ट्रेनें हैं। सिलीगुडी 114 और जलपाईगुडी 126 किलोमीटर की दूरी पर है।

सड़क मार्ग

उत्तरी सिक्किम राज्य और देश के अनेक शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां के लिए नियमित बसें और टैक्सियां चलती रहती हैं।

सन्दर्भ

साँचा:asbox