इक्ष्वाकु वंश
इक्ष्वाकु वंश सूर्यवंश राजवंश प्राचीन भारत के शासकों का एक वंश है। इनकी उत्पत्ति सूर्यवंशी कुल में से हुई थी। ये प्राचीन कोशल देश के राजा थे और इनकी राजधानी अयोध्या थी। [[रामायण मे राजा माधांता कोली सूर्यवंशी के वंश मे भगवान महा प्रतापी राजा सिया राम जी और भरत और लक्षमण शतरुघन जैसे राजा जमे है ]] और महाभारत में इन दोनों वंशों के अनेक प्रसिद्ध शासकों का उल्लेख है। जैन और बौद्ध धर्म में भी इक्ष्वाकु वंश का बहुत महत्व है। सभी जैन तीर्थंकर इक्ष्वाकु वंश में ही उत्पन्न हुए थे। बुद्धवंश के अनुसार शाक्यमुनि गौतम बुद्ध शाक्य , ओक्काक के कुल में जन्मे थे जो संस्कृत के 'इक्ष्वाकु' का ही पालि रूप है।
शासकों की सूची
ब्रह्मा जी के 10 मानस पुत्रों मे से एक मरीचि हैं।
यहाँ से सतयुग आरम्भ होता हैं।
- 1- ब्रह्मा जी के पुत्र मरीचि
- 2- मरीचि के पुत्र कश्यप
- 3- कश्यप के पुत्र विवस्वान या सूर्य
- 4- विवस्वान के पुत्र वैवस्वत मनु – जिनसे सूर्यवंश का आरम्भ हुआ।
- 5- वैवस्वत के पुत्र नभग
- 6- नाभाग
- 7- अम्बरीष
- 8- विरुप
- 9- पृषदश्व
- 10- रथीतर
- 11- इक्ष्वाकु – ये परम प्रतापी राजा थे, इनसे इस वंश का एक नाम इक्ष्वाकु वंश हुआ। (दूसरी जगह इनके पिता वैवस्वत मनु भी वताये जाते हैं )
- 12- कुक्षि
- 13- विकुक्षि
- 14- पुरन्जय
- 15- अनरण्य प्रथम
- 16- पृथु
- 17- विश्वरन्धि
- 18- चंद्र
- 19- युवनाश्व
- 20- वृहदश्व
- 21- धुन्धमार
- 22- दृढाश्व
- 23- हर्यश्व
- 24- निकुम्भ
- 25- वर्हणाश्व
- 26- कृशाष्व
- 27- सेनजित
- 28- युवनाश्व द्वितीय
यहाँ से त्रेतायुग आरम्भ होता हैं।
- 29- मान्धाता सूर्यवंशी कोली क्षत्रिय कुलीन लोगों के इष्टदेव भगवान श्री मान्धाता महाराजा हैं। राजा मान्धाता ने पूरी पृथ्वी पर शासन किया, इसी कारण से मांधाता को पृथ्वीपति के नाम से जाना जाता हैं।
- 30- पुरुकुत्स
- 31- त्रसदस्यु
- 32- अनरण्य
- 33- हर्यश्व
- 34- अरुण
- 35- निबंधन
- 36- सत्यवृत (त्रिशंकु)
- 37- सत्यवादी हरिस्चंद्र
- 38- रोहिताश
- 39- चम्प
- 40- वसुदेव
- 41- विजय
- 42- भसक
- 43- वृक
- 44- बाहुक
- 45- सगर
- 46- अमंजस
- 47- अंशुमान
- 48- दिलीप प्रथम
- 49- भगीरथ – जो गंगा को धरती पर लाये।
- 50- श्रुत
- 51- नाभ
- 52- सिन्धुदीप
- 53- अयुतायुष
- 54- ऋतुपर्ण
- 55- सर्वकाम
- 56- सुदास
- 57- सौदास
- 58- अश्मक
- 59- मूलक
- 60- सतरथ
- 61- एडविड
- 62- विश्वसह
- 63- खटवाँग
- 64- दिलीप (दीर्घवाहु)
- 65- रघु – ये सूर्यवंश के सवसे प्रतापी राजा थे।
- 66- अज
- 67- दशरथ
- 68- राम (लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन)
- 69- कुश
यहाँ से द्वापर युग शुरु होता है।
- 70- अतिथि
- 71- निषध
- 72- नल
- 73- नभ
- 74- पुण्डरीक
- 75- क्षेमधन्मा
- 76- देवानीक
- 77- अनीह
- 78- परियात्र
- 79- बल
- 80- उक्थ
- 81- वज्रना
- 82- खगण
- 83- व्युतिताष्व
- 84- विश्वसह
- 85- हिरण्याभ
- 86- पुष्य
- 87- ध्रुवसंधि
- 88- सुदर्शन
- 89- अग्निवर्ण
- 90- शीघ्र
- 91- मरु
- 92- प्रश्रुत
- 93- सुसंधि
- 94- अमर्ष
- 95- महस्वान
- 96- विश्वबाहु
- 97- प्रसेनजक
- 98- तक्षक
- 99- वृहद्वल
- 100- वृहत्रछत्र
यहाँ से कलियुग आरम्भ होता हैं।
- 101- उरुक्रीय (या गुरुक्षेत्र)
- 102- वत्सव्यूह
- 103- प्रतियोविमा
- 104- भानु
- 105- दिवाकर (या दिवाक)
- 106- वीर सहदेव
- 107- बृहदश्व II
- 108- भानुराठ (या भानुमान)
- 109- प्रतिमाव
- 110- सुप्रिक
- 111- मरुदेव
- 112- सूर्यक्षेत्र
- 113- पुष्कर (या किन्नरा)
- 114- अंतरीक्ष
- 115- सुवर्णा (या सुताप)
- 116- सुमित्रा (या अमितराजित)
- 117- ब्रुहदराज (ओक्काका)
- 118- बरही (ओक्कामुखा)
- 119- कृतांजय (सिविसमंजया)
- 120- रणजय्या (सिहसारा)
- संजय (महाकोशल या जयसेना)
- 121- शाक्य सिंह (सिहानू:शाक्य वंश के संस्थापक)
- 122- शुद्धोधन शाक्य
- 123- सिद्धार्थ शाक्य
- 124- राहुल शाक्य (प्रसेनजीत के आक्रमण के बाद शाक्यों द्वारा मौर्य राजवंश की स्थापना)
- 125- प्रसेनजीत
- 126- कुशद्रका (या कुंतल)
- 127- रानाक (या कुलका)
- 128- सुरथ
- 129- सुमित्र
राजा सुमित्र अंतिम शासक सूर्यवंश थे, जिन्हें 362 ईसा पूर्व में मगध के शक्तिशाली सम्राट महापद्म नंद ने हराया था। हालांकि, वह मारा नहीं गया था और वर्तमान बिहार स्थित रोहतास भाग गया था। [१][२][३]
इन्हें भी देखें
संदर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Misra, V.S. (2007). Ancient Indian Dynasties, Mumbai: Bharatiya Vidya Bhavan, ISBN 81-7276-413-8स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, pp.283-8, 384
- ↑ History Of Ancient India ISBN 81-269-0616-2स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। vol II [१]