राजेश्वर झा
। लेखक । | नाम = पं राजेश्वर झा | चित्र = | चित्र आकार = | चित्र शीर्षक = | उपनाम = झाजी | जन्मतारीख़ = 21अप्रैल 1922 | जन्मस्थान = रसुआर,सुपौल | मृत्युतारीख़ = 23 ,अप्रैल 1977 | मृत्युस्थान = पटना | कार्यक्षेत्र = साहित्यकार | राष्ट्रीयता = भारतीय | भाषा = मैथिली भाषा | विधा = शोध आ लेखनी | विषय = साहित्येतिहास | आन्दोलन = | प्रमुख कृति = [[अवहट्ठ : उद्भव ओ विकास । | टीका-टिप्पणी = साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित | मुख्य काम = }}
पं राजेश्वर झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक साहित्येतिहास अवहट्ठ : उद्भव ओ विकास के लिये उन्हें सन् 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।<ref name="sahitya">{{cite web | url=http://sahitya-akademi.gov.in/sahityसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] पं राजेश्वर झा का जन्म 21अप्रैल 1922 को तत्कालीन सहरसा जिला अब सुपौल जिला अंतर्गत रसुआर गांव में हुआ था। रसुआर निर्मली रेलवे स्टेशन से पर्व की दिशा में अवस्थित है । मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले पं झा की शिक्षा दीक्षा गांव और फिर निर्मली हाई स्कूल से हुआ। पं नोखेलाल झा के जेयष्ठ पुत्र राजेश्वर झा अपने गांव से मैट्रिक पास करने वाले एकलौते छात्र थे । उस समय गांव में कोशी की त्रासदी ऐसी की लोग दाने दाने के लिए मोहताज हुआ करते थे। परिवार की माली हालत के बीच पं झा आगे की पढाई छोड़ राज दरभंगा के बौसी सर्किल से नौकरी की शुरुआत की फिर समय अंतराल के बाद पटना में बिहार रिसर्च सोसाइटी आये। कम समय में पं राजेश्वर झा मैथिली साहित्य के लिए दो दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी । इनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकों में शोधग्रंथ भी शामिल है।