कमलेश कुमारी
कमलेश कुमारी | |
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शांतचित्त स्थान | साँचा:br separated entries |
निष्ठा | साँचा:flag |
सेवा काल | 1994–2001 |
पुरस्कार | Ashoka Chakra (military decoration) |
कमलेश कुमारी यादव केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ़) की कांस्टेबल थीं, जो 13 दिसम्बर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में शहीद हो गईं। उन्हें मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा 2001 में वीरता पुरस्कार अशोक चक्र दिया गया। इस सम्मान का वहीं महत्व है जो युद्ध काल में परमवीर चक्र का है। वे अशोक चक्र से सम्मानित होने वाली भारत की पहली महिला आरक्षी बनी।
कांस्टेबल कमलेश कुमारी का जन्म 1969 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज के सिकंदरपुर में हुआ था। इनके पति का नाम अवधेश कुमार यादव है। कमलेश कुमारी के दो बेटियां हैं ज्योति और श्वेता। कमलेश कुमारी 1994 में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में शामिल हुई और रैपिड एक्शन फोर्स में (101 बटालियन आरएएफ) शान्तिपुरम फाफामऊ इलाहाबाद में तैनात हुई। उन्हें 12 जुलाई 2001 को 88 महिला बटालियन में तैनात किया गया था। वे जब संसद सत्र में तैनाती के दौरान ब्रावो कंपनी का हिस्सा बनी। 13 दिसम्बर 2001 को सुबह के लगभग 11:50 बजे भारतीय संसद पर हुये आतंकवादी घटना के दौरान वे संसद भवन के भवन के गेट नंबर 11 हेतु बनाए गए आयरन गेट नंबर 1 पर तैनात थी, जहां अवैध रूप से घुसती हुई एम्वेस्डर कार संख्या डीएल -3 सी जे 1527 उन्हें विजय चौक फाटक की ओर जाती हुई दिखाई दी। कमलेश को शक हुआ और वह गेट बंद करने के लिए विजय चौक फाटक की ओर भागी। इसी बीच वह आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गई। उनके पेट में आतंकवादियों की ग्यारह गोलियां लगी और वह वहीं शहीद हो गयी।[१][२]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite news
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